कूरियर कंपनी शुरू करने के 9 आसान तरीके
1. बिज़नेस सेगमेंट और मार्केट का चुनाव
कूरियर बिज़नेस (Courier Business) शुरू करते समय अपने टार्गेट मार्केट का पता लगाएं। साथ ही अगर आप किसी बड़े शहर में कूरियर बिज़नेस शुरू कर रहें हैं तो वहां किसी अन्य कूरियर कंपनी के पहले से मौजूद होने की संभावनाएं अधिक हैं। ऐसे में आपको अपने बिज़नेस को वहां स्थापित करने के लिए कुछ ऐसी चीज़ें ऑफर करनी होगी जो दूसरी कूरियर कंपनी ऑफर न कर रही हो। जैसे एक दिन के भीतर पैकेज की डिलीवरी या कुछ खास ब्रांडों की तीव्र डिलीवरी आदि।
2. फंड इक्ट्ठा करना
एक कंपनी शुरू करने या एक नेटवर्क स्थापित करने के लिए बिज़नेस मालिकों को बिज़नेस के शुरूआती स्तर पर निवेशकों से फंड जुटाने की आवश्यकता होती है।
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3. डिलीवरी के लिए वाहनों की व्यवस्था
प्रोडक्ट्स की डिलीवरी करने के लिए गाड़ियां होनी आवश्यक है। डिलीवरी के सामान का आकार और उसका वज़न अलग–अलग हो सकता है इसलिए कूरियर कंपनियां ऐसे बड़े वाहनो को चुनते हैं, जिनमें सामान रखने की अच्छी जगह हो। जिन कूरियर वाहनों का उपयोग किया जा सकता है उनमें कार्गो वैन, लॉरी, छोटे ट्रक, बाइक या टेम्पो शामिल हैं। ऐसे में कूरियर बिज़नेस (Courier Business) में माल को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए वाहनों की आवश्यकता होती है।
4. आवश्यक उपकरण खरीदना
पार्सल को पैक करने और ले जाने के लिए कुछ आवश्यक उपकरणों की आवश्यकता होती है जैसे विभिन्न प्रकार के कार्टन, बॉक्स, डॉली, हैंड ट्रक, टेप, कार्गो स्ट्रैप, मूविंग ब्लैंकेट और बेहतर कनेक्टिविटी के लिए जीपीएस डिवाइस और स्मार्टफोन।
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5. कूरियर कंपनी के नाम का निर्धारण
सबसे महत्वपूर्ण स्टेप है बिज़नेस के लिए एक नाम का चुनाव करना। जिसे कंपनी अधिनियम 2013 के तहत रजिस्टर करने की आवश्यकता होती है। कूरियर बिज़नेस (Courier Business) को सोल प्रोपरायटरशिप, पार्टनरशिप फर्म, प्राइवेट लिमिटेड या पब्लिक लिमिटेड कंपनी, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप आदि के रूप में रजिस्टर किया जा सकता है। .`
6. जीएसटी और सर्विस टैक्स का रजिस्ट्रेशन
कंपनी के रजिस्टर हो जाने के बाद, आपको वस्तुओं और सेवाओं के आपूर्तिकर्ता की कानूनी इकाई के रूप में मान्यता प्राप्त करने के लिए जीएसटी और सर्विस टैक्स रजिस्ट्रेशन के लिए एक एप्लीकेशन जमा करने की आवश्यकता होती है।
7. बिज़नेस इंश्योरेंस
एक कूरियर कंपनी अपने कस्टमर्स के कीमती पार्सल को सुरक्षित डिलीवर करने की जिम्मेदारी वहन करती है। इसलिए, बिज़नेस या पार्सल के जोखिम को कम करने के लिए, बिज़नेस के मालिकों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए बिज़नेस इंश्योरेंस करवाना ज़रूरी है। साथ ही इंश्योरेंस पॉलिसी भी आवश्यक हो जाती है, क्योंकि यह कस्टमर्स के साथ उनकी वस्तुओं और कंपनी के संबंध में विश्वास पैदा करती है।
8. रेट्स या मार्जिन तय करना
किसी भी कंपनी की अच्छी कस्टमर सर्विस और रेट्स बिज़नेस को सफल बनाने का काम करती हैं। इसलिए छिपे हुए चार्ज़ेस तय करते समय यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि वे चार्ज़ेस होने वाले लाभ से कहीं ज्यादा तो नहीं और उसी आधार पर मार्जिन तय करना चाहिए। इन चार्ज़ेस में शामिल हैं वाहन रखरखाव लागत, बुककीपिंग फीस, सोशल सिक्योरिटी टैक्स, बिज़नेस परमिट रिन्यूअल फीस, सैलरी हाइक और किराए में वृद्धि आदि।
9. एक कूरियर ट्रैकिंग ऐप बनाएं
कस्टमर हमेशा यह जानने को इच्छुक रहते हैं कि उनका पार्सल कब और कितने समय में उन तक पहुंचेगा। ऐसे में कूरियर को ट्रैक करने के लिए एक ट्रैकिंग ऐप बनाना उनके लिए सुविधाजनक रहेगा। कस्टमर की सुविधा के लिए एक कूरियर ट्रैकिंग ऐप बनाने के लिए एक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनी से संपर्क करें, क्योंकि यह ऐप प्रत्येक पार्सल के लिए सटीक डिलीवरी समय प्रदान करने में मदद करेगा। कूरियर ट्रैकिंग ऐप अपने कस्टमर को पार्सल की रीयल–टाइम जानकारी प्रदान करेगा।
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ध्यान देने योग्य बातें:
- भारत में टॉप कूरियर कंपनियों के बीच चुनना
- एक कानूनी इकाई के रूप में रजिस्ट्रेशन
- टैक्स रजिस्ट्रेशन दाखिल करना
- संबंधित अधिकारियों के लिए लाइसेंस प्राप्त करना
- फ्रेंचाइजी के साथ कानूनी, लिखित और हस्ताक्षरित समझौता
- व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुसार वर्किंग कैपिटल इंवेस्ट करना या फंडिंग
- बैंक स्टेटमेंट या पासबुक
- कूरियर हेड ऑफिस से अप्रूव्ल लेटर
- फ्रेंचाइजी और कूरियर कंपनी के बीच लॉजिस्टिक पर एग्रीमेंट
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भारत की टॉप कूरियर कंपनियां
- ब्लू डार्ट एक्सप्रेस लिमिटेड
- DHL एक्सप्रेस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
- DTDC कूरियर एंड कार्गो लिमिटेड
- FedEx इंडिया
- फर्स्ट फ्लाइट कूरियर लिमिटेड
- गति लिमिटेड
- भारतीय स्पीड पोस्ट
- भारतीय डाक सेवाएं
- ओवरनाइट एक्सप्रेस लिमिटेड
- द प्रोफेशनल कूरियर नेटवर्क लिमिटेड
- टीएनटी एक्सप्रेस
अगर बिज़नेस के मालिक एक यूनिक ब्रांड बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं या कंपनी के अपने वांछित नाम को पेटेंट कराना चाहते हैं, तो वे ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कर सकते हैं और अपना नाम रजिस्टर करवा सकते हैं। अगर कूरियर बिज़नेस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करता है, तो कूरियर आयात और निर्यात (निकासी) विनियम, 1998 के तहत कंपनी को रजिस्टर करना आवश्यक है। इसलिए, इन सभी चरणों और उपायों पर विचार करके, कूरियर बिज़नेस शुरू करना आसान और सुविधाजनक होगा।
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