अगर आप अपने क्रेडिट स्कोर (Credit Score) सुधारना/ बढ़ाना चाहते हैं, तो इसमें आपका समय और सब्र दोनों लगेंगें। हालाँकि, कम क्रेडिट स्कोर को आसानी से बढ़ाया जा सकता है (Improve your low Credit Score) केवल आपका तरीका सही होना चाहिए। आपका क्रेडिट स्कोर कम होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे, ख़राब पेमेंट रिकॉर्ड, ज़्यादा यूटिलाईज़ेशन रेश्यो, क्रेडिट रिपोर्ट में गलत जानकारी, आदि।
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आपका क्रेडिट स्कोर सुधरने में कितना समय लगता है?
अगर आप समय पर अपने क्रेडिट कार्ड और EMI का पूरा भुगतान करते हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर आसानी से सुधर सकता है (Improve your Credit Score Easily)। जो लोग लगातार समय पर भुगतान नहीं कर पा रहे हैं उनके क्रेडिट स्कोर सुधार में मुश्किल आ सकती है।
आपके ख़राब क्रेडिट स्कोर के सुधार में छह महीने से 1 वर्ष तक का समय लग सकता है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर 750 है, और आप इसे सुधारने के लिए कदम उठाना शुरू करते हैं तो हो सकता है आपको अगले छह महीनों में प्रभाव दिखने लगे और 1 वर्ष में आपका स्कोर बढ़ जाए। हालाँकि, क्रेडिट स्कोर बढ़ाने में कितना समय लगेगा ये एक से दूसरे व्यक्ति पर निर्भर करता है।
इसलिए, ये सलह दी जाती है कि हमेशा अपने क्रेडिट स्कोर पर ध्यान दें ताकि जब आपको कोई लोन या क्रेडिट कार्ड लेना हो तो आपका क्रेडिट स्कोर इसके लिए कम ना रह जाए। बता दें, कि बैंक 750 से ज़्यादा क्रेडिट स्कोर वाले आवेदकों को तरजीह देते हैं।
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क्रेडिट स्कोर सुधारने के लिए महत्वपूर्ण कदम
क्रेडिट स्कोर सुधारने के लिए निम्नलिखित कदम उठाएं (Steps to improve your credit score):
1. पेमेंट रिकॉर्ड को बेहतर करें
पेमेंट रिकॉर्ड सुधारने के लिए क्रेडिट कार्ड बिल और EMI का भुगतान समय पर करें, इस तरह आपका क्रेडिट स्कोर (Credit Score) भी सुधर जाएगा। क्रेडिट कार्ड बिल या लोन ईएमआई में एक भी चूक होने से आपके पेमेंट रिकॉर्ड पर ख़राब प्रभाव पड़ सकता है और इससे आपका क्रेडिट स्कोर गिर सकता है।
2. क्रेडिट यूटिलाईज़ेशन रेश्यो नियंत्रित रखें
आप अपनी क्रेडिट क्रेडिट लिमिट का जितना प्रतिशत उपयोग करते हैं, वही आपका क्रेडिट यूटिलाईज़ेशन रेश्यो होता है। उदाहरण, अगर आपकी क्रेडिट लिमिट 1 लाख रु. है और आप उसमें से 40,000 खर्च करते हैं तो आपका क्रेडिट यूटिलाईज़ेशन रेश्यो 40% होगा। ये वो दूसरा सबसे महत्वपूर्ण कारक है जो आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करता है। ये सलह दी जाती है कि आपका क्रेडिट यूटिलाईज़ेशन रेश्यो 30% से ज़्यादा नहीं होना चाहिए, इससे ज़्यादा रेश्यो दर्शाता है कि क्रेडिट पर आपकी निर्भरता ज़्यादा है। क्रेडिट यूटिलाईज़ेशन रेश्यो कम करने के लिए अपने खर्च को नियंत्रित करें या अपनी क्रेडिट लिमिट को बढ़ाए, इसके लिए नए क्रेडिट कार्ड के लिए अनुरोध करें।
3. क्रेडिट मिक्स को बैलेंस रखें
अगर आपने अलग-अलग प्रकार के लोन लिये हैं जैसे, पर्सनल लोन, होम लोन, ऑटो लोन और सभी का भुगतान समय कर दिया है, तो ये दिखाता है कि आप हर तरह के लोन को मैनेज करने में समर्थ हैं। साथ ही, अगर आपने बहुँत ज़्यादा अन-सिक्योर्ड लोन लिए हैं जैसे, पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड तो ये दिखाता है कि आप किसी भी तरह क्रेडिट लेना चाहते हैं और क्रेडिट पर बहुँत ज़्यादा निर्भर हैं। इसका आपकी क्रेडिट प्रोफाइल पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। हालाँकि, क्रेडिट मिक्स का आपके क्रेडिट स्कोर पर कम प्रभाव पड़ता है और ऐसा नहीं होता है कि बैंक आपकी लोन एप्लीकेशन केवल इसलिए नामंज़ूर कर देगा कि आपका क्रेडिट मिक्स संतुलित नहीं है।
4. पुराने क्रेडिट अकाउंट को बंद ना करें
बहुँत से लोगों को ये गलतफहमी है कि पुराने या उपयोग ना हो रहे क्रेडिट कार्ड बंद करने से क्रेडिट स्कोर (Credit Score) बढ़ जाएगा, जबकि ऐसा नहीं है। आपकी क्रेडिट हिस्ट्री आपके सबसे पुराने क्रेडिट अकाउंट से ही शुरू होती है और क्रेडिट हिस्ट्री जितनी पुरानी होगी बैंक को आप पर उतना ही भरोसा होगा। इसलिए, ये सलह दी जाती है कि अपने पुराने क्रेडिट कार्ड अकाउंट को बंद ना करें।
5. समय-समय पर क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें
कई बार आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में गलत जानकारी आ जाती है, जिसका ख़राब प्रभाव आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ सकता है। इसलिए समय-समय पर अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें और कोई भी गलत जानकारी मिलने पर क्रेडिट ब्यूरो को उसकी सूचना दें। आप भारत में मौजूदा चार ब्यूरो में से पर्त्येक से हर तीन महीनों में एक बार मुफ्त में क्रेडिट रिपोर्ट ले सकते हैं या आप पैसाबाज़ार.कॉम पर हर महीने में मुफ्त अपनी अपडेटेड क्रेडिट रिपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं।
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6. कम समय में कई बार आवेदन ना करें
जब भी आप लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं, तो बैंक क्रेडिट ब्यूरो से आपकी क्रेडिट रिपोर्ट लेने के लिए अनुरोध करते हैं, इसे हार्ड-इन्क्वायरी कहा जाता है। हर बार हार्ड-इन्क्वायरी होने पर आपका क्रेडिट स्कोर कुछ पॉइंट कम हो जाता है। इसलिए, कम समय में कई बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई ना करें। आपके लिए कितनी बार हार्ड-इन्क्वायरी की गई इसकी जानकारी आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में भी दी जाती है।
हार्ड-इन्क्वायरी से बचने के लिए, आप लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए सीधे अप्लाई ना करके फाइनेंशियल मार्केट पोर्टल पर जाकर

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क्रेडिट स्कोर का उद्देश्य क्या है?
किसी भी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर (Credit Score) दर्शाता है कि उसे लोन देने में कितना जोखिम है। तो अगर आपको लोन या क्रेडिट कार्ड चाहिए तो आपका क्रेडिट स्कोर इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा क्योंकि बैंक सबसे पहले आवेदक का क्रेडिट स्कोर ही चेक करते हैं। क्रेडिट स्कोर जितना ज़्यादा होगा, लोन या क्रेडिट कार्ड एप्लीकेशन मंज़ूर होने की संभावना उतनी ज़्यादा बढ़ जाएगी।
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