क्रेडिट स्कोर उन महत्वपूर्ण योग्यता शर्तों में से एक है जो लोन या क्रेडिट कार्ड लेने के लिए आवश्यक है। जब भी आप लोन/क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं बैंक/NBFC सबसे पहले आपका क्रेडिट स्कोर (Credit Score) चेक करते हैं। स्कोर अच्छा होने पर लोन या क्रेडिट कार्ड मिलना आसान हो जाता है वो भी कम ब्याज दर पर। इसलिए क्रेडिट स्कोर से जुड़ी झूठ और गलतफहमियां से बचना चाहिए ताकि आप क्रेडिट स्कोर बना/सुधार कर सके और भविष्य में अच्छा क्रेडिट स्कोर होने का लाभ उठा सके। तो चलिए क्रेडिट स्कोर से जुड़ी आम गलतफहमियों के बारे में जानते हैं:

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क्रेडिट स्कोर के बारे में लोगों के बीच ग़लतफ़हमियाँ
गलफहमी न०1: निरंतर क्रेडिट स्कोर चेक करने से वो कम हो जाएगा
लोगों के बीच ये मिथक है कि निरंतर क्रेडिट स्कोर (Credit Score) चेक करते रहने से वो कम हो जाता है। ऐसा कुछ नहीं है, अगर आप बार-बार भी अपना क्रेडिट स्कोर चेक करते हैं तो इससे उस पर कोई फर्क नहीं पड़ता है, बल्कि इसका लाभ ये होता है कि आप अपने स्कोर को लेकर जागरूक रहते हैं और स्कोर गिरने पर तुरंत उसमें सुधार के लिए कदम उठा सकते हैं।
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गलतफहमी न० 2: आय क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करती है
क्रेडिट रिपोर्ट में दी गई जानकारी के आधार पर आपका क्रेडिट स्कोर कैलकुलेट (Credit Score Calculate) किया जाता है और इसमें आपकी आय कहीं नहीं दी होती है। इसलिए, अगर आपका पेमेंट रिकॉर्ड अच्छा नहीं है तो 15 लाख रु. सालाना आय होने के बावजूद भी आपका क्रेडिट स्कोर ख़राब हो सकता है। उसी तरह, अगर आप समय पर अपनी ईएमआई भरते हैं, क्रेडिट यूटिलाईज़ेशन रेश्यो सीमित रखते हैं तो आपकी इनकम ज़्यादा ना होने पर भी आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा हो सकता है।
गलतफहमी न० 3: केवल अच्छा क्रेडिट स्कोर होने से आपको लोन या क्रेडिट कार्ड मिल जाएगा
हाँ, लोन या क्रेडिट कार्ड लेने में क्रेडिट स्कोर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है लेकिन केवल इसी के आधार पर बैंक आपकी एप्लीकेशन मंज़ूर नहीं करते हैं। इसके अलावा अन्य कारक भी हैं जिन पर बैंक विचार करते हैं जैसे आपकी आय, क्या काम करते हैं (नौकरी या अपना व्यवसाय), आप पर कितना कर्ज़ है, आदि।
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गलफहमी न० 4: पुराने क्रेडिट कार्ड अकाउंट बंद करने से क्रेडिट स्कोर बढ़ जाएगा
बहुत से लोगों को लगता है कि 2 से ज़्यादा क्रेडिट कार्ड होने से उनका क्रेडिट स्कोर (Credit Score) कम हो जाएगा। और इसलिए वो अपने पुराने क्रेडिट कार्ड अकाउंट (जिनका अब ज़्यादा उपयोग नहीं है) को बंद कर देते हैं। जबकि पुराना क्रेडिट अकाउंट बंद करने से क्रेडिट स्कोर पर ख़राब प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि इससे आपकी क्रेडिट हिस्ट्री कम हो सकती है। वहीं, हिस्ट्री लंबी होने से बैंक व एनबीएफसी को आपके क्रेडिट बिहेवियर के बारे में समझना आसान होता है। इसलिए सोच-समझ कर गहन विश्लेषण के बाद ही पुराना अकाउंट बंद करवाएं।
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गलफहमी न० 5: डेबिट कार्ड से भी क्रेडिट स्कोर बन सकता है
डेबिट कार्ड से कुछ भी खरीदना नकदी द्वारा खरीदारी करने के समान है। मतलब आप बैंक से उधार लेकर खरीदारी नहीं कर रहे हैं बल्कि अपने अकाउंट में जमा पैसे से खरीदारी कर रहे हैं। इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

क्रेडिट स्कोर में सुधार के लिए क्या करना चाहिए?
अपने क्रेडिट स्कोर में सुधार करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए:
- अपनी ईएमआई और क्रेडिट कार्ड बिल का समय से और पूरा भुगतान करें
- भुगतान में चूक या देरी न हो इसके लिए ऑटो-पे या रिमाइंडर सेट करें
- क्रेडिट कार्ड लिमिट का बार-बार अधिकतम या पूरा हिस्सा खर्च न करें
- अपने पुराने क्रेडिट अकाउंट को बंद ना करें
- अपना क्रेडिट रिपोर्ट नियमित रूप से चेक करते रहें और इसमें किसी तरह की गलती मिलने पर सुधार के लिए बैंक व क्रेडिट ब्यूरो से संपर्क करें।
- कम समय में कई बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन ना करें
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क्रेडिट स्कोर से संबंधित सवाल
प्रश्न. क्या क्रेडिट रिपोर्ट एक बार या बार-बार चेक करने से क्रेडिट स्कोर कम होता है?
उत्तर: अपने क्रेडिट रिपोर्ट को एक बार, दो बार, या बार-बार चेक करने से आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। क्योंकि क्रेडिट ब्यूरो से क्रेडिट स्कोर चेक करना सॉफ्ट इन्क्वायरी होती है, इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई नाकारात्मक असर नहीं पड़ता है। यहां तक कि अगर आप क्रेडिट इंफोर्मेंशन कंपनी (CIC) से अपनी क्रेडिट रिपोर्ट डाउनलोड भी करते हैं तो भी आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा यानी स्कोर कम नहीं होगा।
प्रश्न. क्या क्रेडिट कार्ड अकाउंट बंद करने से मेरे क्रेडिट स्कोर में सुधार होगा?
उत्तर: नहीं, नया या पुराना क्रेडिट कार्ड अकाउंट बंद करने से आपके क्रेडिट स्कोर में कोई सुधार नहीं होगा। बल्कि उल्टा कम हो सकता है। क्योंकि इससे आपके मौजूदा क्रेडिट कार्ड लिमिट पर भार बढ़ेगा और क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो अधिक होगा। इसलिए सलाह दी जाती है कि अपने पुराने क्रेडिट अकाउंट मसलन लोन, क्रेडिट कार्ड, कैश क्रेडिट और ओवरडॉफ्ट आदि को बंद न करवाएं। जितनी पुरानी अकाउंट उतनी पुरानी क्रेडिट हिस्ट्री होगी।
प्रश्न. क्या मेरा क्रेडिट स्कोर अलग-अलग हो सकता है?
उत्तर: हां, अलग-अलग क्रेडिट ब्यूरो के हिसाब से आपका क्रेडिट स्कोर भिन्न-भिन्न हो सकता है। देश में मुख्यतः 4 क्रेडिट ब्यूरो- CIBIL, इक्विफैक्स, CIRF हाई मार्क और एक्सपीरियन हैं। ये सभी ब्यूरो ग्राहक का क्रेडिट स्कोर जेनरेट करने के लिए अपने यूनिक एल्गोरिद्म या मैथेमेटिक फॉर्मूला का प्रयोग करते हैं। इसलिए एक ही प्रोफाइल वाले आवेदक का क्रेडिट स्कोर ब्यूरो के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है।
प्रश्न. क्या लोन का भुगतान जल्दी करने से क्रेडिट स्कोर कम होता है?
उत्तर: लोन का समय से पहले भुगतान/फोरक्लोज़ करने पर कुछ फीस लगती है और हो सकता है कि आपके क्रेडिट स्कोर में कुछ गिरावट आए। हालांकि ये गिरावट नाममात्र या अस्थाई होगी। क्योंकि लोन जल्दी बंद करने से कई सारे फैक्टर्स जैसे- पेमेंट हिस्ट्री, कुल कर्ज, क्रेडिट मिक्स और क्रेडिट यूटिलाइजेश आदि भी प्रभावित होगा।
प्रश्न. क्या एक भुगतान मिस करने पर क्रेडिट स्कोर में बहुत गिरावट आती है?
उत्तर: हां, ऐसा हो सकता है, एक भी भुगतान में चूक करने पर क्रेडिट स्कोर में गिरावट आ सकती है। क्योंकि क्रेडिट स्कोर जेनरेट करते समय क्रेडिट ब्यूरो आवेदक की पेमेंट हिस्ट्री या समय से भुगतान करा है या नहीं, प्राथमिकता से चेक करते हैं और इसी आधार पर क्रेडिट स्कोर जेनरेट करते हैं।