क्या आपको क्रेडिट रिपोर्ट और क्रेडिट स्कोर के बीच अंतर के बारे में जानकारी चाहिए? निम्नलिखित लेख आपको इन दोनों की बेहतर समझ प्राप्त करने में मदद करेगा। इन दोनों के बीच अंतर कर पाना आमतौर पर मुश्किल होता है, क्योंकि ये दोनों कमोबेश एक जैसे ही नज़र आते हैं।
जैसा कि नाम दर्शाता है, एक क्रेडिट रिपोर्ट एक रिपोर्ट होती है जिसमें सभी जानकारी शामिल होती है जैसे किसी के लोन खातों व उनके भुगतान की जानकारी। इसमें आमतौर पर क्रेडिट कार्ड से भुगतान, और विभिन्न लोन जैसे मोटर वाहन लोन, होम लोन आदि की जानकारी शामिल होती है। इसके अतिरिक्त, लोन की स्थिति को रिपोर्ट में दर्शाया जाता है जैसे कि डिफ़ॉल्ट, सेटल्ड आदि।
दूसरी ओर, एक क्रेडिट स्कोर एक तीन अंकों की संख्या होती है जो कि 300 और 900 के बीच होती है, जो कि व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री के आधार पर उनकी क्रेडिट रिपोर्ट में दिया जाता है। यह व्यक्ति के भुगतान, क्रेडिट अकाउंट के बकाया, क्रेडिट हिस्ट्री की अवधि, क्रेडिट के प्रकार आदि के आधार पर दिया जाता है।

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सरल शब्दों में, क्रेडिट रिपोर्ट किसी व्यक्ति की फाइनेंस हिस्ट्री का रिपोर्ट कार्ड होता है। इसमें कई व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम और पता, पैन कार्ड, व्यावसायिक पता और फोन नंबर आदि शामिल होते हैं। आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में आपके लोन व क्रेडिट कार्ड की तिथि, वर्तमान बैलेंस राशि, और इस बात की जानकारी भी शामिल होगी कि किसी व्यक्ति ने समय पर अपने बिलों का भुगतान किया है या नहीं।
एक क्रेडिट रिपोर्ट उन सभी इनक्वायरी को भी लिस्टेड करेगा जो आपके द्वारा नए लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करने के बाद बैंक द्वारा की जाती है। मूल रूप से, एक क्रेडिट रिपोर्ट रिकॉर्ड करती है कि किसी व्यक्ति ने अपने वर्तमान और पिछले लेनदारों के साथ-साथ अपने वर्तमान बैलेंस के साथ अपने भुगतान को कितनी अच्छी तरह से मैनेज किया है।
दूसरी ओर, क्रेडिट स्कोर एक स्कोर है किसी व्यक्ति की क्रेडिट हेल्थ को दर्शाता है। क्रेडिट स्कोर की कैल्कुलेशन सभी लोन राशियों पर लिमिट, भुगतान, क्रेडिट अकाउंट की संख्या और क्रेडिट हिस्ट्री के आधार पर की जाती है। यह स्पष्ट है कि आपका क्रेडिट स्कोर जितना अधिक होता है, उतनी ही जल्दी आपके नए क्रेडिट पर अप्रूवल की संभावना बढ़ जाती हैं और साथ ही कम ब्याज दरों पर नए क्रेडिट प्राप्त करने के ऑफर भी मिल जाते हैं।
भारत में क्रेडिट रिपोर्ट कौन प्रदान करता है
भारत में, क्रेडिट रिपोर्ट विभिन्न संस्थानों द्वारा प्रदान की जाती हैं, लेकिन सबसे अधिक रिपोर्ट CIBIL TransUnion द्वारा प्रदान की जाती हैं। अन्य प्रमुख क्रेडिट रिपोर्टिंग संगठन जो वर्तमान में भारत में काम करते हैं उनमें हाई मार्क क्रेडिट इंफॉर्मेशन सर्विसेज़, एक्सपेरियन क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी ऑफ इंडिया और इक्विफैक्स क्रेडिट इंफॉर्मेशन सर्विसेज़ आदि शामिल हैं। वर्तमान में भारत में काम करने वाली इन एजेंसियों के अलावा, भविष्य में और अधिक कंपनियों को भारतीय बाजार में अनुमति दी जा सकती है।
ये कैसे जुड़े हुए हैं?
आपकी रिपोर्ट में एक अधिक क्रेडिट स्कोर ये दर्शाता है कि आपको लोन देने में ज़्यादा जोखिम नहीं है, वहीं कम केडिट स्कोर इसके विपरीत काम करता है। इसलिए आपका क्रेडिट स्कोर जितना अधिक होगा, संस्थान द्वारा निर्धारित आपकी क्रेडिट योग्यता उतनी ही अधिक होगी और आपको अधिक लोन देने में जोखिम कम होगा। इसलिए जब आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में आपकी संपूर्ण क्रेडिट हिस्ट्री होती है, तो आपका क्रेडिट स्कोर उसी का कैल्कुलेशन होता है।
जब आप लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं , तो इसकी संभावना है कि लोन देने वाला संस्थान आपके क्रेडिट स्कोर को थोड़ा कम करेंगे। इससे उन्हें संभावित आवेदक के लोन जोखिम को निर्धारित करने में मदद मिलेगी। 900 के करीब का क्रेडिट स्कोर, लोन या क्रेडिट कार्ड अप्रूवल की संभावना को बढ़ाता है। कई कंपनियों के पास लोन अप्रूव करने के मामलों पर पूर्व-निर्धारित शर्तें हैं। यदि क्रेडिट स्कोर एक तय लिमिट से अधिक है, तो संस्थान पसंदीदा (कम) ब्याज दर पर लोन ऑफर कर सकता है या आपको अधिक क्रेडिट लिमिट के साथ क्रेडिट कार्ड प्रदान कर सकता है, हालांकि अन्य सभी नियम और शर्तें समान रूप से समान होंगी।

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क्रेडिट रिपोर्ट और क्रेडिट स्कोर का उपयोग कैसे करें?
भारत में संचालित होने वाली तीन क्रेडिट रिपोर्टिंग एजेंसियों में से किसी के माध्यम से अपनी क्रेडिट रिपोर्ट और क्रेडिट स्कोर प्राप्त कर सकते हैं। इस तरह के अनुरोध को संबंधित क्रेडिट रिपोर्टिंग एजेंसी की वेबसाइट पर जाकर और ऑनलाइन एप्लीकेशन फॉर्म भरने और फीस का भुगतान ड्राफ्ट या चेक के साथ द्वारा कर सकते हैं। यह सलाह दी जाती है कि आप अपने क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट को वर्ष में कम से कम चार बार और विशेष रूप से एक नए लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने से पहले जांच लें। किसी भी संभावित गलतियों के लिए नियमित रूप से क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करते रहें, समय पर भुगतान करें और अपनी कुल क्रेडिट लिमिट का 30% से अधिक उपयोग करने से बचें, यह सुनिश्चित करने से आपका क्रेडिट स्कोर, ऐवरेज स्कोर की तुलना में नीचे नहीं जाता है।