Days Past Due क्या है?
डेज़ पास्ट ड्यूज़ (डीपीडी) से पता चलता है कि आपने ईएमआई या क्रेडिट कार्ड बिल जमा करने की तय तारीख़ के बाद कितने दिन से भुगतान नहीं किया है। डीपीडी CIBIL रिपोर्ट के ‘Payment History’ सेक्शन के अंतर्गत ‘Credit Account Information Details’ के नीचे होती है।
डीपीडी सिबिल रिपोर्ट के महत्वपूर्ण फैक्टर्स में से एक है। बैंक/NBFC लोन एप्लीकेशन को अप्रूव या रिजेक्ट करते समय कई कारकों को ध्यान में रखते हैं, जिनमें से डीपीडी भी एक है। लोन संस्थान आमतौर पर उन लोगों को लोन देना पसंद करते हैं, जिनका DPD शून्य होता है।
DPD कैलकुलेशन मेथर्ड समझें
अगर आपने अभी तक समय पर ही भुगतान किया है तो आपका DPD (90 दिनों के भीतर किया गया भुगतान) ‘000’ होगा। अगर आपने भुगतान में 40 दिनों की देरी की है, तो क्रेडिट रिपोर्ट में पिछले महीने के DPD सेक्शन में ‘40’ दिखाया जाएगा।
ऐसा भी हो सकता है कि DPD में “XXX” लिखा हो, इसका मतलब है कि बैंक/NBFC ने क्रेडिट ब्यूरो को आपका पेमेंट रिकॉर्ड नहीं दिया है। अगर आपकी रिपोर्ट में ऐसा दिखाया जाता है तो आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि इसका कोई प्रभाव क्रेडिट स्कोर या लोन एप्लीकेशन मंज़ूर होने की संभावना पर नहीं पड़ता है।
मुफ्त में हिंदी क्रेडिट रिपोर्ट हर महीने अपडेट के साथ देखिए यहाँ क्लिक करें
आपके सिबिल रिपोर्ट में DPD का महत्व
DPD दिखाता है कि आपने समय पर भुगतान किया है या नहीं। इसमें पिछले 36 महीनों का आपका भुगतान रिकॉर्ड होता है। आपकी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करते समय बैंक/ लोन संस्थान देखते हैं कि आपने पहले भुगतान में देरी की है या नहीं। अगर पिछले 36 महीनों में आपका DPD ‘000’ होता है, तो आपने अपने सभी क्रेडिट कार्ड बिल और EMI के भुगतान समय पर किये हैं।
कभी-कभार भुगतान समय पर ना करने से भी आपके क्रेडिट स्कोर पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है लेकिन कुछ बैंक/ लोन संस्थान आपकी एप्लीकेशन को फिर भी मंज़ूरी दे सकते हैं। हालाँकि, लगातार भुगतान में देरी करने से बैंक आपको ज़्यादा जोखिम वाले व्यक्ति के रूप में देखते हैं और इस कारण आपकी लोन या क्रेडिट कार्ड एप्लीकेशन अस्वीकार हो सकती है।
आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में डीपीडी कब अपडेट की जाती है
जितनी बार भी बैंक आपका डेटा क्रेडिट ब्यूरो को देते हैं, उतनी बार ब्यूरो तुम्हारी रिपोर्ट को अपडेट करते हैं और तुम्हारा क्रेडिट स्कोर नए डेटा के आधार पर कैलकुलेट करते हैं। अगर आपका डेटा हर महीने लगभग समान ही रहता है, यानी आप कोई भुगतान में चूक नहीं करते है, तो आपके क्रेडिट स्कोर में कोई बदलाव नहीं होगा।
अगर आप भुगतान में 30 दिनों की देरी करते हैं, तो क्रेडिट सूचना कंपनी (सीआईसी) या क्रेडिट ब्यूरो आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में उस महीने के लिए आपकी डीपीडी को “30” के रूप में अपडेट करता है। इसी तरह अगर आप आगे भी बकाया नहीं चुकाते तो अगले महीने फिर से बैंक/NBFC ब्यूरो को डेटा भेजते हैं, जिससे ब्यूरो द्वारा आपका डीपीडी “60” के रूप में अपडेट किया जाएगा।
वित्तीय विशेषज्ञों के मुताबिक, लगातार 3 महीनों तक भुगतान ना करने से बचना चाहिए क्योंकि इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
क्या आपका क्रेडिट स्कोर शून्य या कम है? स्टेप-अप क्रेडिट कार्ड लें और अपना स्कोर बनाएं और सुधारें
मुफ्त में हिंदी क्रेडिट रिपोर्ट हर महीने अपडेट के साथ देखिए यहाँ क्लिक करें
सिबिल रिपोर्ट में DPD गलत दिखाने पर क्या करना चाहिए?
मान लीजिये कि आपने अपना भुगतान समय पर किया है लेकिन आपकी सिबिल रिपोर्ट में DPD में ‘000’ की जगह कोई और नंबर दिखाया जा रहा है यानी देरी से भुगतान का रिकॉर्ड, तो आप ब्यूरो को इस गलत जानकारी के बारे में सूचना दे सकते हैं।
CIBIL की वेबसाइट पर जाकर इस जानकारी को सुधारने के लिए डिस्प्यूट दर्ज करें। इसके बाद CIBIL बैंक से पता करेगा कि आपने समय पर भुगतान किया है या नहीं और उसके बाद आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में सही जानकारी अपडेट कर दी जाएगी। इस अपडेट की सूचना CIBIL आपको भी देगा।
CIBIL रिपोर्ट में DPD कैसे पढ़ें/कहां होता है?
CIBIL रिपोर्ट के “Payment History” सेक्शन में सभी लोन और क्रेडिट रिपोर्ट के आगे DPD दिया जाता है। उदाहरण के लिए, अगर आपके पास तीन एक्टिव क्रेडिट अकाउंट हैं जैसें एसबीआई क्रेडिट कार्ड, आईसीआईसीआई होम लोन और एचडीएफसी पर्सनल लोन, तो इन सभी के आगे DPD दिया गया होगा ये बताने के लिए कि पिछले 36 महीनों में आपने भुगतान समय पर किया है या नहीं।
ये सलाह दी जाती है कि आप समय-समय पर अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें, और उसमें कोई भी गलत जानकारी मिलने पर ब्यूरो को इसकी सूचना दें, ताकि जब भी आपको लोन या क्रेडिट कार्ड की ज़रूरत पड़े तो आपके पास अच्छी क्रेडिट रिपोर्ट और क्रेडिट स्कोर हो। पैसाबाज़ार मुफ्त में आपको कई ब्यूरो से हर महीने आपकी अपडेटेड क्रेडिट रिपोर्ट देता है।
मुफ्त में हिंदी क्रेडिट रिपोर्ट हर महीने अपडेट के साथ देखिए यहाँ क्लिक करें
ये भी पढ़ें: सिबिल रिपोर्ट में लॉग-इन कैसे करें, डिस्प्यूट कैसे दर्ज करें
DPD के अंतर्गत अन्य टर्म
DPD के अंतर्गत आने वाले अन्य टर्म और उनकी परिभाषा:
- स्टैंडर्ड (STD): इसे कहते हैं स्टैण्डर्ड पेमेंट, मतलब कि भुगतान तय तारीख के 90 दिनों के अंदर कर दिया गया।
- स्पेशल मेंनसन अकाउंट (SMA): SMA एक स्पेशल अकाउंट है जिसे स्टैंडर्ड से सब-स्टैंडर्ड की ओर जाने वाले अकाउंट की रिपोर्टिंग के लिए तैयार किया गया है।
- सब- स्टैंडर्ड (SUB): इसे कहते हैं स्टैण्डर्ड-सब पेमेंट, मतलब कि भुगतान तय तारीख के 90 दिनों बाद किया गया। ऐसे उधारकर्ताओं को जोखिमभरा माना जाता है।
- डाउटफुल (DBT): इसका मतलब है कि अकाउंट 12 महीनों या उससे अधिक की अवधि के लिए सब-स्टैण्डर्ड बना रहा है।
- हानि (LSS): जिन उधारकर्ताओं से भुगतान की कोई संभावना नहीं रह जाती हैं उनके अकाउंट को DPD सेक्शन में LSS दिखाया जाता है।
सलाह दी जाती है कि अपने सिबिल रिपोर्ट को नियमित रूप से चेक करें और कोई भी छोटी या बड़ी गलती होने पर उसमें सुधार करें इससे पहले कि सिबिल स्कोर कम हो जाएं। यहां आप विभिन्न क्रेडिट ब्यूरो से अपडेटेड क्रेडिट रिपोर्ट मुफ्त में देख सकते हैं और अपडेटेड मंथली क्रेडिट स्कोर प्राप्त कर सकते हैं। इससे आप DPD और अन्य गलतियों (अगर कोई हो) के बारे में जान सकते है और उसमें सुधारात्मक कदम उठा सकते हैं।
ये भी पढ़ें: क्रेडिट रिपोर्ट को कैसे पढ़ें और समझें
मुफ्त में हिंदी क्रेडिट रिपोर्ट हर महीने अपडेट के साथ देखिए यहाँ क्लिक करें
संबंधित प्रश्न (FAQs)
प्रश्न. मेरे सिबिल रिपोर्ट में DPD होने का क्या मतलब है?
उत्तर: आपके सिबिल रिपोर्ट में डेज़ पास्ट ड्यूज़ (DPD) से पता चलता है कि आपने EMI या क्रेडिट कार्ड बिल जमा करने की तय तारीख़ के बाद कितने दिन से भुगतान नहीं किया है। यानी ये आपके लोन भुगतान में देरी या डिफॉल्ट को हाइलाइट करता है।
प्रश्न. सिबिल रिपोर्ट में शामिल DPD का फुल फॉर्म क्या है?
उत्तर: आपकी सिबिल रिपोर्ट में दिया हुआ DPD का फुल फॉर्म डेज़ पास्ट ड्यूज़ होता है।
प्रश्न. सिबिल रिपोर्ट में डीपीडी (DPD) कैसे चेक करें?
उत्तर: डीपीडी CIBIL रिपोर्ट के ‘Payment History’ सेक्शन के अंतर्गत ‘Credit Account Information Details’ के नीचे होती है। ये आपके सिबिल रिपोर्ट में महत्वपूर्ण सूचनाओं में से एक है, जो आपके क्रेडिटवर्थनेस और लोन रिपेमेंट क्षमता को दर्शाता है।
प्रश्न. उधारकर्ता DPD के नाकारात्मक वैल्यू से बचने के लिए क्या कर सकते हैं?
उत्तर: DPD नेगेटिव न हो इसके लिए उधारकर्ता को अपने लोन व क्रेडिट कार्ड बिल का समय से भुगतान करना चाहिए।
प्रश्न. डीपीडी में 30 डेज़ पास्ट ड्यू होने का क्या मतलब है?
उत्तर: अगर आप भुगतान में 30 दिनों की देरी करते हैं, तो क्रेडिट सूचना कंपनी (सीआईसी) या क्रेडिट ब्यूरो आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में उस महीने के लिए आपकी डीपीडी को “30” के रूप में अपडेट करता है। लगातार 2 भुगतान चूकने पर यह “60” दर्शाएगा।
प्रश्न. क्या हम सिबिल रिपोर्ट से डीपीडी हटा सकते हैं?
उत्तर. क्रेडिट रिपोर्ट में दी गई कोई भी जानकारी बदली या एडिट नहीं की जा सकती। इसी तरह आप डीपीडी को न ही हटा सकते हैं और न ही उसमें कोई बदलाव कर सकते हैं। हालांकि, आप नियमित और समय पर भुगतान कर डीपीडी सेक्शन में सुधार ला सकते हैं।
प्रश्न. CIBIL में DPD नियम क्या है?
उत्तर. CIBIL या किसी क्रेडिट रिपोर्ट में DPD नियम जैसा कुछ भी नहीं है। दरअसल, डीपीडी से पता चलता है कि कस्टमर ने कितने दिनों तक भुगतान नहीं किया है या भुगतान में देरी की है। अपनी क्रेडिट रिपोर्ट में किसी भी डीपीडी नंबर से बचने के लिए सभी लोन की ईएमआई और क्रेडिट कार्ड के बकाया बिल का समय पर भुगतान करने का प्रयास करें।
प्रश्न. कौन–से संस्थान अपनी क्रेडिट रिपोर्ट में डीपीडी का उल्लेख करते हैं?
उत्तर. बैंक/NBFC द्वारा प्रदान किए गए डेटा के अनूसार क्रेडिट सूचना कंपनियों (सीआईसी) द्वारा क्रेडिट रिपोर्ट तैयार की जाती है। जिसमें अन्य सूचनाओं के साथ–साथ डीपीडी का भी उल्लेख होता है। इसलिए, सभी क्रेडिट ब्यूरो ‘Payment History’ सेक्शन के तहत अपनी क्रेडिट रिपोर्ट में डीपीडी का उल्लेख करते हैं।
प्रश्न. क्रेडिट रिपोर्ट पर डीपीडी नंबर कितने समय तक दिखाई देता है?
उत्तर. आपकी क्रेडिट रिपोर्ट, पिछले 36 महीनों की डीपीडी दिखाई देती है।
प्रश्न. डीपीडी क्रेडिट स्कोर से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर. डेज़ पास्ट ड्यू (डीपीडी) से पता चलता है लोन या क्रेडिट कार्ड के बिल के भुगतान में की गई चूक या देरी का पता चलता है। जबकि क्रेडिट स्कोर 3 अंकों की संख्या है, जो आपकी साख और क्रेडिट हिस्ट्री को प्रदर्शित करता है।
प्रश्न. CIBIL रिपोर्ट में DPD कहां होता है?
उत्तर. आपकी CIBIL रिपोर्ट में ‘Payment History’ सेक्शन के अंतर्गत DPD नंबर होता है।