प्रधान मंत्री आवास योजना ग्रामीण (PMAYG) 1 अप्रैल 2016 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी। PMAY ग्रामीण के तहत, सरकार बिजली आपूर्ति और स्वच्छता जैसी सभी बुनियादी सुविधाओं वाले पक्के घरों के निर्माण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है। वे सभी परिवार जिनके पास घर नहीं है या वर्तमान में भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चेघरों में रह रहे हैं, वे PMAY-G के लिए आवेदन कर सकते हैं। PMAY ग्रामीण योजना दिल्ली और चंडीगढ़ को छोड़कर पूरे भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में लागू की जाएगी। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत लोन के लिए कैसे अप्लाई करें जानने के लिए ये लेख पढ़ें। PMAY-G की ऑफिशियल वेबसाइट है।
नोट: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना (CLSS) को छोड़कर सभी क्षेत्रों के साथ प्रधान मंत्री आवास योजना – शहरी (PMAY – U) की अवधि को 31 दिसंबर, 2024 तक बढ़ा दिया है। PMAY – U के तहत MIG I और II के लिए CLSS वर्टिकल 31 मार्च, 2021 तक था और LIG/EWS के लिए 31 मार्च, 2022 तक था। इसके साथ ही 122.69 लाख घरों को पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जानी है, जो PMAY U के BLC, AHPऔर ISSR वर्टिकल के तहत 31 मार्च, 2022 तक पहले ही स्वीकृत हो चुके थे।
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PMAY- ग्रामीण की पृष्ठभूमि
भारत में सार्वजनिक आवास कार्यक्रम (पब्लिक हाउसिंग प्रोग्राम) को आज़ादी के तुरंत बाद शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए शुरू किया गया था। तब से सरकार के लिए, ये कार्यक्रम गरीबी उन्मूलन का एक महत्वपूर्ण साधन रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के लिए आवास कार्यक्रम इंदिरा आवास योजना (आईएवाई) के साथ शुरू हुआ। इसे वर्ष 1985 में पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी द्वारा पूरे भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) की आबादी के लिए घर बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। कार्यक्रम में ग्रामीण क्षेत्रों की आवास संबंधी समस्याओं के बारे में बताया गया, हालांकि नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा परफॉर्मेंस ऑडिट के दौरान पहचानी गई कुछ कमियों ने इसके प्रभाव और परिणामों को सीमित कर दिया। कार्यक्रम की कमियों को दूर करने और 2022 तक “सभी के लिए आवास” (HFA) प्रदान करने के सरकार के लक्ष्य को पूरा करने के लिए, IAY को प्रधान मंत्री ग्रामीण आवास योजना (पीएमएवाईजी) में रीफर्बिश किया गया और अप्रैल, 2016 में लागू किया गया।
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PMAY-ग्रामीण का उद्देश्य
PMAY G का प्राथमिक उद्देश्य वर्ष 2022 तक भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे या जीर्ण-शीर्ण घरों में रहने वाले सभी परिवारों को बुनियादी सुविधाओं के साथ पक्के घर उपलब्ध कराना है। इस योजना का तात्कालिक उद्देश्य उन 1 करोड़ परिवारों को पक्के घर उपलब्ध कराना है जो 2016-17 से 2018-19 से कच्चे / जीर्ण-शीर्ण घरों में रह रहे हैं।
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की विशेषताएं
पीएमजीएवाई की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- इस योजना में कच्चे घरों में रहने वाले 1 करोड़ परिवार शामिल होंगे
- घर का न्यूनतम आकार 25 वर्ग मीटर होगा जिसमें बिजली की आपूर्ति और स्वच्छ खाना पकाने की जगह जैसी सभी बुनियादी सुविधायें शामिल होंगी
- कार्यक्रम के तहत मैदानी इलाकों में मकान बनाने के लिए 1.20 लाख रु. और पहाड़ी राज्यों, दुर्गम क्षेत्रों और इंटीग्रेटेड एक्शन प्लान (IAP) जिलों में बनने वाले आवासों के लिए 1.30 लाख रु. की यूनिट असिस्टेंस प्रदान की जाती है
- योजना के तहत, लाभार्थी मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) से 90/95 दिन के अकुशल श्रम का हकदार है।
- मैदानी क्षेत्रों में मकान बनाने की लागत को केंद्र और राज्य सरकारों के बीच 60:40 के अनुपात में और उत्तर पूर्वी और तीन हिमालयी राज्यों (हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू और कश्मीर) में बनने वाले घरों के लिए 90:10 के अनुपात में बाटी जाएगी।
- स्वच्छ भारत मिशन – ग्रामीण (SBM-G) जैसी अन्य सरकारी योजनाओं के सहयोग से इस योजना के तहत शौचालय, बिजली, पानी, क्लीन और एफिशिएंट कुकिंग फ्यूल, सोशल और लिक्विड वेस्ट के ट्रीटमेंट जैसी बुनियादी सुविधाओं का प्रावधान सुनिश्चित किया जाएगा।
- स्थानीय सामग्री, उपयुक्त डिजाइन और प्रशिक्षित मिस्त्री का उपयोग सुनिश्चित कर अच्छे घर बनाने पर अधिक ध्यान दिया जाएगा
- लाभार्थियों का चयन सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना (SECC), 2011 के आंकड़ों में हाउसिंग डेप्रिवेशन पैरामीटर्स का उपयोग करके किया जाएगा, जिसे ग्राम सभाओं द्वारा वेरिफाई किया जाएगा।
- लाभार्थियों को घर बनवाने के लिए तकनीकी सहायता भी दी जाएगी
- घर अच्छे से बनकर तैयार हो, ये सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक नेशनल टेक्निकल सपोर्ट एजेंसी (NTSA) की स्थापना की परिकल्पना की गई है
- परियोजना का कार्यान्वयन और निगरानी एंड-टू-एंड ई-गवर्नेंस मॉडल – AwaasSoft और AwaasApp के माध्यम से की जाएगी। इसकी निगरानी कम्युनिटी पार्टिसिपेशन (सोशल ऑडिट), केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों, संसद के सदस्यों (DISHA समिति), नेशनल लेवल मॉनिटर्स आदि के माध्यम से भी की जाएगी
- लाभार्थी को बैंक/ NBFC से 70,000 रु. तक का लोन प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी
- लाभार्थी को सभी भुगतान इलेक्ट्रॉनिक रूप से उनके बैंक या पोस्ट ऑफिस अकाउंट में ट्रांसफर किए जाएंगे जो आधार से लिंक्ड हैं।
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प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की योग्यता शर्तें
इस योजना का लाभ योग्य परिवारों तक मदद पहुंचे और लाभार्थियों का चयन सही व पारदर्शी हो, यह सुनिश्चित करने के लिए लाभार्थियों का चयन SECC डेटा के आधार पर किया जाएगा, जिसे ग्राम सभाओं द्वारा वैरीफाई किया जाएगा।
जहां तक PMAY-G के योग्य व्यक्तियों के डेटा के तहत प्राथमिकता तय करने की बात है, यह SC/ ST, अल्पसंख्यकों और अन्य कैटेगरी में हाउसिंग डेप्रिवेशन प्रदर्शित करने वाले कारकों के आधार पर असाइन किया जाएगा।
गरीबी रेखा से नीचे (BPL) की लिस्ट के अलावा, अन्य व्यक्ति जो PMAY-G के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए योग्य हैं, उनकी जानकारी निम्नलिखित है:
- पूरे देश में परिवार के पास कहीं भी पक्का घर नहीं होना चाहिए
- कच्ची दीवार और छत वाले एक या दो कमरे के घर में रहने वाले परिवार
- अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति (SC / ST)
- मुक्त हो चुके बंधुआ मज़दूर
- अल्पसंख्यक और BPL कैटेगरी में नॉन-SC / ST ग्रामीण परिवार
- शहीद हुए रक्षा कर्मियों / अर्धसैनिक बलों के सैनिकों की विधवा और करीबी परिजन, पूर्व- सर्विसमैन और रिटायर्ड व्यक्ति
- परिवार के पास पक्का घर नहीं होना चाहिए
- इस योजना के तहत लोन के लिए आवेदन करने वाले परिवार में पति, पत्नी और अविवाहित बच्चे शामिल होने चाहिए
- आवेदक और उसके परिवार को इस योजना के लिए अनिवार्य आय मानदंड को पूरा करना होगा और उनका संबंध EWS (आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग), LIG (निम्न आय समूह), या BPL (गरीबी रेखा से नीचे) कैटेगरी से होना चाहिए
- आवेदक के परिवार की आय 3 लाख रु. से 6 लाख रु. के बीच होनी चाहिए
- 6 लाख रु. से अधिक की लोन राशि के मामले में अतिरिक्त राशि पर ब्याज़ दर मार्केट रेट के मुताबिक होगी।
PMAYG के तहत लाभार्थियों की पहचान
निष्पक्षता और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए, संबंधित अधिकारी नवीनतम सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना, 2011 (SECC 2011) के आधार पर PMAY-G के तहत योग्य लाभार्थियों की पहचान करेंगे। जनगणना आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों की एक लिस्ट तैयार करती है जो PM ग्रामीण आवास योजना के तहत लाभार्थी होते हैं। ग्राम सभा उन लाभार्थियों की पहचान करती है जिन्हें पहले ही पीएम ग्रामीण आवास योजना के तहत मदद मिल चुकी है या जो अन्य कारणों से इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते थे। PMAY-G के लिए योग्य लाभार्थियों की अंतिम लिस्ट ग्राम सभा द्वारा एक भागीदारी प्रक्रिया के माध्यम से प्रतिवर्ष जारी की जाती है। ग्राम सभा द्वारा जारी की गई लिस्ट में नाम आने के बाद, वह PMAY-G योजना के तहत आर्थिक सहायता प्राप्त कर पाएगा। सहायता प्राप्त करने के लिए, आवेदक EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग), LIG (निम्न आय समूह), या BPL (गरीबी रेखा से नीचे) कैटेगरी का होना चाहिए, और आवेदक के परिवार की वार्षिक आय 3 लाख रु. से 6 लाख रु. के बीच होनी चाहिए।
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PMAY-G के लिए लाभार्थियों की लिस्ट
PMAY-G योजना के तहत लाभार्थियों को सरकार पारदर्शी और वेरिफाई की जाने योग्य प्रक्रिया के माध्यम से चुनती है जिसमें वर्ष 2011 की सामाजिक आर्थिक जनगणना (SECC) से डेटा का उपयोग किया जाता है। PMAY-G लाभार्थियों को चुनने की प्रक्रिया निम्नलिखित है।
- SECC 2011 डेटा का इस्तेमाल करके लाभार्थियों की एक लिस्ट बनाई जाएगी
- इस लिस्ट में अधिक ज़रूरमंद लाभार्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी
- इसके बाद, वेरिफिकेशन के लिए ग्राम सभाओं को लिस्ट भेजी जाएगी
- वेरिफिकेशन के अनुसार, एक अंतिम PMAY लाभार्थी लिस्ट बनाई और जारी की जाएगी
- अंत में, वार्षिक लिस्ट बनाई जाएगी।
PMAY-G के लिए ज़रूरी दस्तावेज
PMAY-G का लाभ उठाने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई है:
- PMAY G एप्लीकेशन फॉर्म
- पहचान प्रमाण (जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी, आदि)
- जातीय समूह प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र, यदि आय टैक्सेबल लिमिट से कम है
- पता प्रमाण
- सैलरी सर्टिफिकेट
- 6 महीने का बैंक अकाउंट स्टेटमेंट
- इनकम टैक्स रिटर्न
- फॉर्म 16
- टैक्स एसेसमेंट ऑर्डर
- यदि आवेदक व्यवसाय में शामिल है तो व्यवसाय की जानकारी
- व्यवसाय के मामले में फाइनेंशियल स्टेटमेंट
- कंस्ट्रक्शन प्लान
- निर्माण की लागत का क्लेम करने वाला प्रमाण पत्र
- ऑफिशियल मूल्यांकनकर्ता का प्रमाण पत्र
- एफिडेविट जिसके ज़रिए ये पता चले कि न तो आवेदक और न ही उसके परिवार के सदस्यों के पास पक्के मकान हैं
- बिल्डर को किए गए किसी भी एडवांस पेमेंट की रसीद
- डेवलपर या बिल्डर के साथ हुआ एग्रीमेंट
- एक हाउसिंग सोसायटी से NOC
- लैटर जिससे प्रॉपर्टी के आवंटन का पता चलता हो
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PMAY-G के लिए आवेदन कैसे करें
प्रधान मंत्री आवास योजना – ग्रामीण के लिए आवेदन करने का कोई तरीका नहीं है। लाभार्थियों को ग्राम सभा द्वारा तैयार की गई लिस्ट से चुना जाता है जो कि जनगणना 2011 (SECC 2011) पर आधारित होती है।
PMAY ग्रामीण लिस्ट में अपना नाम कैसे चेक करें
PMAY सूची में अपना नाम चेक करने का तरीका नीचे दिया गया है:
- ऑफिशियल PMAYG साइट पर जाएं
- ऑप्शन बार में ‘Stakeholders’ मेनू पर क्लिक करें
- ‘Beneficiary’ के ऑप्शन पर क्लिक करें
- अपना नंबर दर्ज़ करें और ‘Search’ बटन पर क्लिक करें
आप एडवांस सर्च के जरिए भी बिना रजिस्ट्रेशन नंबर के अपना नाम चेक कर सकते हैं।
PMAY-G होम लोन ब्याज़ सब्सिडी योजना
लाभार्थी रियायती ब्याज़ दरों पर PMAY-G के तहत होम लोन ले सकते हैं। बैंक/ लोन संस्थान 6% की रियायती दर पर 6 लाख रु. तक का लोन देगा। 6 लाख रु. से अधिक की किसी भी राशि पर मार्केट वैल्यू के अनुसार ही ब्याज़ लागू किया जाएगा।
PMAY-G होम लोन EMI कैलकुलेटर
PMAY-G के तहत होम लोन का लाभ उठाने वाले लाभार्थी अपने लोन की EMI को पैसाबाज़ार के होम लोन EMI कैलकुलेटर की मदद से जान सकते हैं। इसके लिए, आवेदकों को होम लोन की कुछ बुनियादी जानकारी – लोन राशि, ब्याज़ दर और लोन अवधि सबमिट करनी होगी। ज़रूरी जानकारी दर्ज़ करने के बाद, आपको परिणाम दिखाई दे जाएगा।
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संबंधित प्रश्न (FAQs)
प्रश्न. क्या PMAY-G पंचायत के लिए लागू है?
उत्तर: हां, प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण पंचायत के लिए भी लागू है। इस योजना के लिए आवेदन करने के लिए आप ग्राम पंचायत में जा सकते हैं या उनके वार्ड सदस्य से भी संपर्क कर सकते हैं। संबंधित ग्राम पंचायत से प्रधानमंत्री आवास योजना का एप्लीकेशन फॉर्म लेकर आपको इसे भरना होगा। अगर आप किसी कारणवश ऐसा नहीं कर पाते हैं तो थर्ड पार्टी की मदद ले सकते हैं।
प्रश्न. क्या प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत मौज़़ूदा होम लोन पर सब्सिडी मिल सकती है?
उत्तर: प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत केवल नए होम लोन पर सब्सिडी मिल सकती है, न कि मौज़ूदा होम लोन पर। फिर भी अगर आप होम लोन लेने के बाद इस योजना के लिए अप्लाई करना चाहते हैं तो आपको अपने बैंक/ लोन संस्थान से इस बारे में बात करनी चाहिए। आवेदक के योग्य होने पर और वेरिफिकेशन प्रक्रिया के पूरा होने पर ही सब्सिडी दी जाती है।