अगर आप लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं, तो आपकी एप्लीकेशन के मंज़ूर होने या ना होने में आपके क्रेडिट स्कोर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर दर्शाता है कि उसे लोन देने में कितना जोखिम है या वो लोन का भुगतान समय कर पाएगा या नहीं। क्रेडिट स्कोर 300 से 900 के बीच होता है, स्कोर कितना अच्छा है या ख़राब है ये इसी रेंज पर निर्भर करता है। आइये क्रेडिट स्कोर रेंज (Credit Score Range) के बारे में जानें-
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क्रेडिट स्कोर रेंज
आइये जानते हैं कि ज़्यादातर बैंक/ लोन संस्थान क्रेडिट स्कोर रेंज (Credit Score Range) को कैसे देखते हैं, और कितने स्कोर को कितना अच्छा या ख़राब मानते हैं:
800 से ज़्यादा | बहुँत अच्छा |
761-800 | अच्छा |
701-760 | संतोषजनक |
601-700 | कम |
300-600 | बहुँत कम |
नोट: अलग-अलग क्रेडिट ब्यूरो से चेक करने पर आपके क्रेडिट स्कोर में अंतर हो सकता है, क्योंकि सबका क्रेडिट स्कोर कैलकुलेट करने का अपना तरीका है। इसलिए, हमेशा अलग-अलग ब्यूरो से अपना स्कोर चेक करते रहना चाहिए। आपको कम से कम हर महीनों में अपना स्कोर चेक करना चाहिए।
क्रेडिट स्कोर का प्रभाव
कितने क्रेडिट स्कोर का क्या प्रभाव हो सकता है:
- बहुँत अच्छा क्रेडिट स्कोर: इसका मतलब है कि व्यक्ति अपनी लोन ईएमआई और क्रेडिट कार्ड बिलों का भुगतान समय पर और पूरा किया है और व्यक्ति की क्रेडिट रिपोर्ट भी अच्छी है। ऐसे व्यक्तियों को लोन मिलने में मुश्किल नहीं होती है, और क्रेडिट स्कोर के कारण बैंक/ लोन संस्थान अन्य लाभ भी दे सकते हैं जैसे कम ब्याज दर पर लोन देना, आदि।
- अच्छा क्रेडिट स्कोर: ज़्यादातर लोगों का क्रेडिट स्कोर इस रेंज में ही आता है। इस तरह के लोगों को लोन मिलने की अच्छी संभावना होती है। ये स्कोर दर्शाता है कि व्यक्ति का क्रेडिट रिकॉर्ड अच्छा है और उसे लोन दिया जा सकता है लेकिन जोखिम फिर भी बना हुआ है। अब ये बैंक/ लोन संस्थान पर निर्भर करता है कि वो आपको किस तरह की लोन डील ऑफर करता है।
- संतोषजनक क्रेडिट स्कोर: ये दर्शाता है कि लोन ईएमआई और क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान में व्यक्ति का रिकॉर्ड ना ही बहुँत अच्छा और ना ही ख़राब। इस तरह के क्रेडिट स्कोर के साथ लोन एप्लीकेशन अस्वीकार होने की संभावना होती है। अगर लोन मिलता भी है तो कई लाभ हैं जो बैंक नहीं देगा जैसे, ज़्यादा डाउन-पेमेंट देनी पड़ सकती है, ब्याज दर ज़्यादा हो सकती है और आदि।
- ख़राब क्रेडिट स्कोर: जिन लोगों का क्रेडिट स्कोर ख़राब होता है उनकी लोन एप्लीकेशन मंज़ूर होने की संभवना नहीं होती है। बैंक/ लोन संस्थानों को ये भरोसा नहीं होता कि ख़राब क्रेडिट स्कोर वाले व्यक्ति समय पर लोन का भुगतान कर पाएंगें या नहीं। ख़राब क्रेडिट स्कोर दर्शाता है कि व्यक्ति वित्तीय रूप से स्थिर नहीं है, उस पर बहुँत ज़्यादा कर्ज है, या उसने पहले लोन भुगतान समय पर नहीं किया है। अगर बैंक लोन देने के लिए राज़ी भी होता है, तो वो जोखिम कम करने के लिए गैरेंटर की मांग कर सकता है।
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क्रेडिट स्कोर में सुधार करने के तरीके
अगर आपका क्रेडिट स्कोर बहुँत अच्छा नहीं है, तो आपके पास अपना स्कोर बढ़ाने की संभवना बनी हुई है। अगर आप अपना स्कोर बढ़ाना चाहते हैं तो उसके तरीके निम्नलिखित हैं:
समय पर भुगतान करें: सिबिल स्कोर पर सबसे ज़्यादा प्रभाव पड़ता है आपके पेमेंट रिकॉर्ड का। अपनी लोन ईएमआई और क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान समय पर और पूरा करें। ऐसा करते रहे और समय के साथ आपका क्रेडिट स्कोर खुद बढ़ जाएगा।
अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें: समय-समय पर अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें, ताकि रिपोर्ट किसी भी तरह गलत जानकारी या क्रेडिट स्कोर गिरने पर आपको पता चल जाए। इस तरह आप समय रहते स्कोर में सुधार के लिए कदम भी उठा सकते हैं। कोई गलत जानकारी रिपोर्ट में मिलने पर उसकी सूचना क्रेडिट ब्यूरो को दें।
क्रेडिट यूटिलाईज़ेशन रेश्यो को सीमित रखें: आपकी क्रेडिट क्रेडिट लिमिट का जितना प्रतिशत आप खर्च करते हैं, वही आपका क्रेडिट यूटिलाईज़ेशन रेश्यो होता है। उदाहरण, अगर आपके क्रेडिर कार्ड की लिमिट 1 लाख रु. है और आप उसमें से हर महीने 40,000 रु. खर्च करते हैं तो आपका क्रेडिट यूटिलाईज़ेशन रेश्यो 40% होगा। अगर आप अपने क्रेडिट स्कोर में सुधार करना चाहते हैं तो ये सलह दी जाती है कि अपने क्रेडिट यूटिलाईज़ेशन रेश्यो को 30% से ज़्यादा ना बढ़ने दें। क्रेडिट यूटिलाईज़ेशन रेश्यो ज़्यादा होने से प्रतीत होता है कि आप क्रेडिट पर ज़्यादा निर्भर हैं।
कम समय में कई बार लोन के लिए अप्लाई न करें: जब भी आप लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो बैंक/ लोन संस्थान आपकी क्रेडिट रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए क्रेडिट ब्यूरो से अनुरोध करते हैं और इसे हार्ड-इन्क्वायरी माना जाता है। हर बार हार्ड-इन्क्वायरी होने से आपका क्रेडिट स्कोर कुछ पॉइंट कम हो जाता है। आपके लिए कब–कब हार्ड-इन्क्वायरी हुई है, ये जानकारी आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में भी दी जाती है। इसलिए, कम समय में कई बार लोन के लिए अप्लाई ना करें, इससे आपका स्कोर काफी गिर सकता है।
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