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भारत में ज़्यादातर लोग अपने दिन की शुरुआत चाय की चुस्कियों से करते हैं। यही वजह है कि भारत, दुनिया में चाय का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। लेकिन क्या आप जानते हैं, इसी चाय का बिज़नेस कर आप तरक्की की राह में आगे बढ़ सकते हैं। अगर आप भी कोई ऐसा ही बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं जिसमें खर्चा कम और मुनाफा ज्यादा हो तो हमारे इस लेख को पढ़ें।
हमारे देश में चाय को कितना पसंद किया जाता है, इससे तो हर व्यक्ति वाकिफ है। लोगों का चाय को लेकर यह विशेष प्यार ही चाय के व्यवसाय (Tea Business) को सबसे फायदेमंद बनाता है। यह एक ऐसा व्यवसाय है जिसके लिए आपको किसी निर्धारित क्वालिफिकेशन की ज़रूरत नहीं है। चाय की दुकान चला कर या चाय बेचने का व्यवसाय स्थापित कर आप काफी लाभ कमा सकते हैं। इस व्यवसाय को पहली बार बिज़नेस करने वाले स्टार्ट-अप के तौर पर भी शुरू कर सकते हैं। बिज़नेस चाय की दुकान स्थापित करना या इसका फ्रेंचाइज़ी व्यवसाय शुरू करना फायदेमंद साबित हो सकता है, लेकिन यह कई हद तक इस पर निर्भर करता है कि आप चाय की दुकान कहाँ खोलना चाहते हैं।
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चाय के व्यवसाय को कम इन्वेस्टमेंट के साथ शुरू किया जा सकता है, जिसमें बड़े और छोटे शहरों और दूरदराज़ के गांवों में ग्राहकों को लक्षित किया जा सकता है। चाय का व्यवसाय एक स्मॉल बिज़नेस आइडिया (Tea Stall, a small business idea) माना जाता है, जिसे किसी भी व्यक्ति द्वारा बिना किसी बड़ी मुश्किलों के चलाया जा सकता है। हालांकि, व्यवसाय मालिकों को विशिष्ट स्थानों और क्षेत्रों में रहने या काम करने वाले ग्राहकों के प्रकार की पहचान करनी होगी।
इस क्षेत्र में निवेश की गई रकम यह तय करती है कि आपको बिज़नेस टी स्टॉल खोलना है या फ्रेंचाइज़ी बिज़नेस करना है। फ्रेंचाइज़ी बिज़नेस की तुलना में टी स्टॉल को कम निवेश के साथ खोला जा सकता है, क्योकि इसमें ज्यादा पैसा लगाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती। फ्रेंचाइज़ी बिज़नेस मॉडल, व्यवासाय मालिकों को अलग-अलग तरह की चाय को प्रमोट करने और उन्हें बेचने में मदद करता है, जिसके अंतर्गत चाय को टी बार या काउंटर से सर्व किया जाता है। चाय के कुछ लोकप्रिय प्रकारों में ग्रीन टी, हर्बल टी,इलायची चाय, काली चाय, आइस्ड चाय, अरोमा चाय, केसर चाय, तंदूरी चाय आदि शामिल हैं।
चाय बनाने की प्रक्रिया बिना बर्तनों, उपकरणों और कच्चा माल के पूरी नहीं हो सकती। इसे बनाने के लिए बर्तन, केतली, सर्विंग ग्लास, ग्लास होलडर, एलपीजी सिलेंडर, स्टोव, दूध,चीनी,पानी, चायपत्ती, मसाला आदि की ज़रूरत पड़ती है। इसके अलावा टी स्टॉल में काम करने वाले वर्कर्स को भी आवश्यकता अनुसार कई स्थानों जैसे दुकानों, बाजारों, कार्यालयों में चाय वितरित करना पड़ता है।
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किसी भी व्यवसाय की सफलता या असफलता का सारा दामौदार उस स्थान पर निर्भर करता है, जहां व्यवसाय को स्थापित किया गया है। यही वजह है कि चाय की दुकान या फ्रैंचाइज़ी बिज़नेस के लिए किसी भी स्थान का चयन करने से पहले अच्छी तरह से रिसर्च करने को कहा जाता है। हालांकि, एक टी स्टॉल के लिए ज़्यादा बड़ी जगह की ज़रूरत नहीं पड़ती। लेकिन वहीं एक टी बार में उपकरणों,बर्तनों और कच्चे माल को रखने के लिए लगभग 500 वर्ग फुट क्षेत्र की आवश्यकता होती है। साथ ही लोगों के बठने की व्यवस्था उपल्बध जगह और स्थान के अनुसार की जा सकती है।
किसी भी व्यवसाय को कानूनी रूप देने के लिए संबंधित प्राधिकारियों से कुछ अनुमतियां और लाइसेंस लेने की ज़रूरत पड़ती है। आइए जानते हैं उनके बारें में-
5.1 अपने टी स्टॉल बिज़नेस के नाम का निर्धारण
अपने व्यवसाय के नाम का निर्धारण करते समय यह सुनिश्चित करें कि वह नाम भारत में पहले से रजिस्टर्ड किसी कंपनी या व्यवसाय से मेल तो नहीं खा रहा। हमेशा अपने व्यवसाय के लिए ऐसे नाम का चयन करें जो सबसे अनोखा हो और जो आसानी से लोगों को याद हो जाए।
5.2 कंपनी का रजिस्ट्रेशन
छोटे से लेकर मध्यम आकार के टी स्टॉल को यदि संभव हो तो एकल स्वामित्व या पार्टनरशिप फर्म के रूप में स्थापित किया जा सकता है। अगर व्यवसाय में अन्य पार्टनर्स भी शामिल हैं, तो इसे सीमित देयता भागीदारी (Limited liability Partnership,LLP) या रजिस्टर्ड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में रजिस्टर किया जा सकता है।
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5.3 GST रजिस्ट्रेशन
भारत सरकार के GST कानून के अंतर्गत चाय का बिज़नेस शुरू करने के लिए GST नंबर लेना ज़रूरी है।
5.4 MSME/SSI रजिस्ट्रेशन
आप अपने व्यवसाय का माइक्रो,स्माल एंड मीडियम एंटरप्राइज (MSME) या लघु उद्योग (SSI) के रूप में रजिस्टर कर MSMED अधिनियम, 2006 के तहत सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं।
5.5 ट्रेड लाइसेंस प्राप्त करना
व्यापार लाइसेंस या ट्रेड लाइसेंस राज्य विशिष्ट होते हैं। इसका मतलब है कि इन्हें उन्हीं राज्यों से प्राप्त किया जा सकता है, जहां से चाय व्यवसाय स्थापित या चलाया जाएगा।
5.6 भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) का लाइसेंस प्राप्त करना
खाद्य पदार्थों के निर्माण, प्रसंस्करण, उत्पादन या वितरण में लगे किसी भी व्यवसाय ,उद्यम या व्यवसायिक इकाई के लिए FSSAI का लाइसेंस हासिल करना अनिवार्य है।
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किसी भी चाय की दुकान के मालिक या फ्रैंचाइज़ी के मालिक को अच्छी तरह से तैयार किये गए बिज़नेस प्लान की ज़रूरत होती है। एक बिज़नेस प्लान व्यापार की पृष्ठभूमि, उससे जुड़ी जानकारी और संबंधित गतिविधियों के बारे में बताता है, जो कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, NBFCs, माइक्रो फाइनेंस संस्थानों (MFIs),स्माल फाइनेंस बैंक (SFBs) और रीजन रूरल बैंक (RRB)जैसे वित्तीय संस्थानों से धन या लोन हासिल करने में मदद करता है।
एक टी-बिज़नेस प्लान (Tea Business Plan) में वर्किंग कैपिटल इन्वेस्टमेंट, बजट, लेबर्स/वर्कर्स/कर्मचारियों की जानकारी,मार्केटिंग और विज्ञापन रणनितियों का विवरण (फ्रैंचाइज़ी व्यवसाय के लिए), उपकरण, मशीनरी का उपयोग तथा कच्चे माल से संबंधित जानकारियों को शामिल करना चाहिए।
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