लोग आमतौर पर दो वजहों से प्री-ओन्ड यानी इस्तेमाल की गई कार खरीदते हैं। या तो उनके पास नई कार खरीदने के लिए पर्याप्त बजट नहीं होता है या वे नई कार खरीदने से पहले अच्छे से ड्राइविंग सीखना चाहते हैं। इस्तेमाल की गई कार खरीदने वाला व्यक्ति यूज़्ड कार लोन को प्राथमिकता देना चाहेगा।
यूज़्ड कार लोन (Used Car Loan), नई कार खरीदने के लिए लिये जाने वाले कार लोन से बहुत अलग होता है। वाहन कितना पुराना है, उसका मॉडल कौन-सा है और किस हालत में है यानी कि उसके पुर्जे कितने सही-सलामत हैं, इस सबको ध्यान में रखते हुए ही यूज़्ड कार लोन के तहत लोन राशि प्रदान की जाती है। यूज़्ड कार लोन की ब्याज दरें आमतौर पर नए कार लोन की तुलना में अधिक होती हैं। कभी-कभी क्रेडिट प्रोफाइल के आधार पर, यूज़्ड कार लोन की ब्याज दरें पर्सनल लोन की ब्याज दरों के लगभग समान या उससे भी अधिक हो सकती हैं। यही वजह है कि यूज़्ड कार लोन और पर्सनल लोन (व्यक्तिगत ऋण) ऑफर के बीच तुलना कर लेनी चाहिए।

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यूज़्ड कार लोन या पर्सनल लोन? क्या अंतर है?
नीचे पर्सनल लोन और यूज़्ड कार लोन की विशेषताओं की तुलना की गई है:
1. ब्याज दर
पर्सनल लोन की ब्याज दरें आमतौर पर लगभग 10.50% प्रति वर्ष से शुरू होती हैं। कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कम ब्याज दरों पर भी पर्सनल लोन प्रदान करते हैं। हालांकि, आवेदक को दी जाने वाली पर्सनल लोन की अंतिम ब्याज दरें काफी हद तक उसके क्रेडिट स्कोर, मासिक आय, बिज़नेस प्रोफ़ाइल, नियोक्ता/ कंपनी की प्रोफ़ाइल (यदि नौकरी करते हैं) आदि पर निर्भर करती हैं।
सेकंड हैंड कार लोन की ब्याज दरें आमतौर पर लगभग 10% प्रति वर्ष से शुरू होती हैं। कुछ पब्लिक सेक्टर के बैंक कम ब्याज दर भी ऑफर करते हैं। हालांकि, अंतिम ब्याज दर आवेदक की क्रेडिट प्रोफाइल के अलावा कार के मॉडल और वह कितनी पुरानी है, इस पर निर्भर करेगी। इसलिए, अगर आप इस्तेमाल की गई कार खरीदना चाहते हैं और आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है और आप आय, ऑक्यूपेशन प्रोफ़ाइल और बैंक/लोन संस्थान द्वारा निर्धारित पर्सनल लोन की अन्य योग्यता शर्तों को पूरा करते हैं तो यूज़्ड कार लोन की तुलना में कम या समान ब्याज दरों पर पर्सनल लोन प्राप्त कर सकते हैं।
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2. लोन राशि
बैंक/लोन संस्थान आमतौर पर यूज़्ड कार लोन के लिए 80% तक की लोन टू वैल्यू रेश्यो प्रदान करते हैं। कुछ बैंक/लोन संस्थान यूज़्ड कार लोन के लिए अधिक लोन टू वैल्यू रेश्यो प्रदान करने का दावा करते हैं। बैंक खरीदी जा रही गाड़ी की कीमत का जितने प्रतिशत तक लोन देते हैं वही उसका LTV रेश्यो होता है। बाकी की राशि का भुगतान खरीदार खुद डाउन पेमेंट के रूप में करता है।
बता दें, कि गाड़ी की कीमत खरीदने वाले और बेचने वाले के बीच की परचेज़ प्राइस पर निर्भर नहीं करती है। इसके बजाय, बैंक/लोन संस्थान खुद ये तय करते हैं कि गाड़ी की कीमत कितनी है, कार कितनी पुरानी है और मॉडल कौन-सा है, को ध्यान में रखते हुए। इसलिए जिस कीमत पर कार खरीदी गई थी, उसकी तुलना में यूज़्ड कार की कीमत कम हो सकती है और इस प्रकार, लोन राशि भी कम हो सकती है।
उदाहरण के लिए, यदि आप जो पुरानी कार खरीद रहे हैं उसकी कीमत 4 लाख रु. है और बैंक/ लोन संस्थान 3 लाख रु. की कीमत तय करता है तो लोन राशि 2.4 लाख रुपये होगी, जो कि 3 लाख रु. के लिए 80% का लोन टू वैल्यू रेश्यो है। आपकी बाकी की परचेज वैल्यू, जो कि 1.6 लाख रु. है, का भुगतान आपको अपनी जेब से करना होगा। हालांकि, अगर आप इसके लिए पर्सनल लोन लेना चाहते हैं, तो अपनी मासिक आय और भुगतान क्षमता के आधार पर 4 लाख रुपये तक का लोन ले सकते हैं। इस तरह आपको अपने फण्ड से कार खरीदने के लिए मोटी रकम नहीं निकालनी होगी।

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3. लोन अवधि
यूज़्ड कार लोन के लिए लोन अवधि आमतौर पर 5 साल तक होती है, कुछ बैंक/लोन संस्थान पूरे लोन के भुगतान के लिए 10 साल तक की अवधि ऑफर करते हैं। हालांकि अंतिम अवधि, कार कितनी पुरानी है और किस हालत में है, जैसे अन्य कारकों पर भी निर्भर करती है। उदाहरण के लिए, आपको एक यूज़्ड कार लोन मिल रहा है जिसकी भुगतान अवधि 5 वर्ष तक है लेकिन शर्त ये भी है कि लोन का भुगतान जब नई कार खरीदी गई थी उसके 10 वर्ष पूरे होने तक हो जाना चाहिए। इसलिए अगर आप 7 साल पुरानी कार खरीदते हैं तो आपको 3 साल के अंदर लोन का भुगतान करना होगा।
पर्सनल लोन के मामले में, बैंक/लोन संस्थान आमतौर पर 5 साल तक की अवधि ऑफर करते हैं, वहीं कुछ बैंक/ लोन संस्थान 7 साल तक की अवधि प्रदान कर सकते हैं। इस प्रकार, यदि आप इस्तेमाल की गई कार को खरीदने के लिए पर्सनल लोन लेते हैं, तो आप अपनी भुगतान क्षमता के आधार पर लोन अवधि का विकल्प चुन सकते हैं, चाहे आपकी कार कितनी ही पुरानी क्यों न हो।
4. क्रेडिट स्कोर
हालांकि, यूज़्ड कार लोन की तुलना में पर्सनल लोन एक बेहतर विकल्प लग सकता है, लेकिन यूज़्ड कार लोन खराब क्रेडिट स्कोर वाले लोन आवेदकों के लिए पर्सनल लोन की अपेक्षा अधिक मुफ़ीद हो सकता है। चूंकि पर्सनल लोन के लिए कोई सिक्योरिटी जमा कराने की ज़रूरत नहीं होती है, इसलिए बैंक/लोन संस्थान आवेदकों के क्रेडिट स्कोर पर अधिक जोर देते हैं। आवेदक जिनका क्रेडिट स्कोर आमतौर पर 750 से कम होता है, उनसे अधिक ब्याज दर वसूली जाती है।
जैसा कि यूज़्ड कार लोन, सिक्योर्ड लोन होते हैं, इसलिए कम क्रेडिट स्कोर वाले आवेदकों को पर्सनल लोन की तुलना में कम ब्याज दरों पर लोन मिल सकता है।
यह भी पढ़ें: पर्सनल लोन के लिए कितना होना चाहिए क्रेडिट स्कोर?
5. लोन मंज़ूरी की प्रक्रिया
अनसिक्योर्ड लोन होने की वजह से, यूज़्ड कार लोन की तुलना में पर्सनल लोन को मंज़ूरी जल्दी और आसानी से मिल जाती है। अगर आप किसी असंगठित संस्थान से पुरानी कार खरीदते हैं तो लोन प्रोसेसिंग और भी कठिन हो सकती है।
यूज़्ड कार लोन और पर्सनल लोन की योग्यता शर्तें
योग्यता शर्तें | यूज़्ड कार लोन | पर्सनल लोन |
उम्र | 21 से 60 साल | 18-60 साल |
सैलरी | न्यूनतम ₹2.5 लाख (प्रति वर्ष) | न्यूनतम 15,000 रु |
इनकम | न्यूनतम ₹2.5 लाख | न्यूनतम ₹5 लाख |
क्रेडिट स्कोर | – | 750 या उससे ज़्यादा* |
*क्रेडिट स्कोर 750 या उससे कम होने पर भी पर्सनल लोन मिल सकता है, पर उसकी ब्याज दरें अधिक हो सकती हैं।
यूज़्ड कार लोन और पर्सनल लोन: आवश्यक दस्तावेज़
यूज़्ड कार लोन या पर्सनल लोन लेने पर आवेदकों से ये सामान्य दस्तावेज़ मांगे जा सकते हैं:-
- एप्लीकेशन फॉर्म
- पहचान प्रमाण: पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी आदि।
- पता प्रमाण: आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट आदि।
- इनकम प्रूफ: जैसे सैलरी स्लिप या फॉर्म 16
- 3 से 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट
- यूज़्ड कार लोन के मामले में गाड़ी की RC बुक या इंश्योरेंस कॉपी जैसे दस्तावेज़ मांगे जा सकते हैं।
संबंधित प्रश्न (FAQs)
1. सेकंड हैंड कार लोन की ब्याज दरें कितनी होती हैं?
उत्तर: सेकंड हैंड कार लोन की ब्याज दरें (second hand car loan interest rate) एक बैंक से दूसरे बैंक में अलग हो सकती हैं। यह ब्याज दरें आवेदक की क्रेडिट प्रोफाइल, कार के मॉडल और उसकी स्थिति जैसे कई कारकों पर निर्भर करती हैं। आमतौर पर बैंक, पुरानी गाड़ी के लिए लोन 10% प्रति वर्ष की ब्याज दरों पर प्रदान करते हैं।
2. पुरानी गाड़ी खरीदने के लिए कितना लोन मिल सकता है?
उत्तर: यूज़्ड कार लोन के लिए बैंक/NBFC 80% लोन-टू-वैल्यू रेश्यो (LTV Ratio) ऑफर करते हैं।
3. पर्सनल लोन और सेकंड हैंड कार लोन में क्या फर्क है?
उत्तर: पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड होते हैं जिसे बिना कुछ गिरवी रखे लिया जा सकता है। इस लोन का इस्तेमाल आप किसी भी ज़रूरत को पूरा करने के लिए कर सकते हैं, पुरानी गाड़ी खरीदने के लिए भी। वहीं सेकंड हैंड कार लोन सिक्योर्ड लोन हैं, इसमें लोन लेकर खरीदी गई सेकंड हैंड गाड़ी बैंक/NBFC के पास कोलैटरल के तौर पर रह जाती है। आमतौर पर, बैंक और लोन संस्थान यूज़्ड कार लोन के लिए 80% तक की लोन टू वैल्यू रेश्यो प्रदान करते हैं।
4. कौन-सा बैंक यूज़्ड कार लोन प्रदान करता है?
उत्तर: ऐसे कई बैंक/NBFC हैं जहां से आप सेकंड हैंड कार खरीदने के लिए लोन ले सकते हैं। इनमें HDFC बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, ICICI बैंक आदि शामिल हैं।
5. यूज़्ड कार लोन के लिए आवेदन कैसे करें?
उत्तर: यूज़्ड कार्ड लोन के लिए आप संबंधित बैंक और लोन संस्थान की वेबसाइट या फिर उसके नज़दीकी ब्रांच जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए आपको एक एप्लीकेशन फॉर्म भरना होगा। उसके साथ कुछ दस्तावेज़ जैसे- आपका पता, पहचान और इनकम प्रूफ सबमिट करना होगा।
सारे दस्तावेज़ जमा करने के बाद, बैंक और लोन संस्थान लोन एप्लीकेशन को प्रोसेस करेगा। अगर लोन अप्रूव हो जाता है तो राशि कुछ समय में डिसबर्स कर दी जाएगी।

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