जब आपको पैसे की ज़रूरत होती है तो कई बार फिक्स्ड डिपॉज़िट तोड़ने का निर्णय लेना पड़ता है लेकिन इस से भविष्य में नुकसान होता है क्योंकि यदि आप ऐसा करते हैं, तो आप ब्याज नहीं कमा पाते हैं और तो और आपको जुर्माना राशि का भुगतान भी करते हैं। FD तोड़ने बैंक उस दर पर ब्याज का भुगतान करता है, जो उन दरों के बीच का अंतर है।
इन आर्थिक बाधाओं से खुद को बचाने के लिए और अपनी आपातकालीन ज़रूरतों को पूरा करने के लिए, भारतीय स्टेट बैंक आपके FD पर लोन प्रदान करता है। यह एक अच्छा विकल्प है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि फिक्स्ड डिपॉज़िट खाते से प्राप्त होने वाले लाभ बरकरार रहें, और तुलनात्मक रूप से कम ब्याज दर पर लोन प्राप्त हो जाएं।
फिक्स्ड डिपॉज़िट के खिलाफ लोन का एक और लाभ यह है कि उधारकर्ता अपनी मौजूदा फिक्स डिपॉज़िट योजना पर ब्याज मिलता रहता है, भले ही बैंक द्वारा लोन स्वीकृत किया गया हो। इस ब्याज का उपयोग लोन के पूर्व भुगतान के लिए किया जा सकता है क्योंकि बैंक लोन की अवधि समाप्त होने से पहले लोन चुकाने के मामले में कोई फोरक्लोजर शुल्क नहीं लगाता है।
फिक्स्ड डिपॉज़िट पर एसबीआई (SBI) लोन
भारतीय स्टेट बैंक संपत्ति के आधार पर भारत का सबसे बड़ा बैंक है, और इसकी सुविधाजनक और लोकप्रिय बैंकिंग सेवाओं के लिए प्रतिष्ठित है। इसकी शाखाओं और ATM का एक घना नेटवर्क है जो पूरे देश में फैली हुई है।
फिक्स्ड डिपॉज़िट के बदले दिए जाने वाले पर एसबीआई की ब्याज दरें सामान्य लोन पर लगने वाली ब्याज दरों से अपेक्षाकृत कम होती हैं, चाहे वह पर्सनल लोन हो या किसी अन्य तरह का लोन। ब्याज दर में इस कमी के पीछे कारण यह है कि फिक्स्ड डिपॉज़िट पर लोन एक प्रकार का सुरक्षित लोन है क्योंकि एफडी इस मामले में गिरवी के रूप में बैंक के पास रहती है।
फिक्स्ड डिपॉज़िट पर एसबीआई (SBI) लोन की मुख्य विशेषताएं
1.योग्यता
SBI के फिक्स्ड डिपॉज़िट रखने वाले सिंगल या जॉइंट अकाउंट खाताधारक इस लोन का लाभ उठाने के योग्य हैं। एकल खाताधारक अपने TDR और STDR के विरुद्ध नेट बैंकिंग के माध्यम से लोन सुविधा भी प्राप्त कर सकते हैं। जॉइंट अकाउंट के मामले में, प्रत्येक सदस्य को बैंक द्वारा आवेदन करने से पहले लोन अनुरोध को मंजूरी देनी होगी। यदि किसी एक सदस्य के अनुरोध पर हस्ताक्षर नहीं किए जाते हैं, तो बैंक आवेदन को अस्वीकार कर सकता है और लोन स्वीकृत नहीं किया जाएगा।
2.न्यूनतम और अधिकतम लोन राशि
फिक्स डिपॉज़िट पर ऑनलाइन ओवरड्राफ्ट के लिए, निकाली जाने वाली अधिकतम राशि 25,000 रु. और इस ओवरड्राफ्ट सुविधा के लिए नकद सीमा 5 करोड़ रु. है। हालाँकि, यह राशि एफडी योजना में निवेश की गई कुल राशि का 90% से अधिक नहीं होनी चाहिए।
3.लोन मार्जिन
एक फिक्स्ड डिपॉज़िट धारक अपने FD खाते में जमा राशि का 90% तक का लोन ले सकते हैं। हालाँकि, यदि लोन राशि 5 करोड़ रु. से अधिक है तो लोन मंज़ूर नहीं किया जाएगा।
4.प्रोसेसिंग फीस
बैंक लोन को मंज़ूरी देने के लिए प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में लोन राशि का 1 प्रतिशत शुल्क लेते हैं। लेकिन अधिकांश बैंक यह शुल्क नहीं लेते हैं यदि यह फिक्स डिपॉज़िट पर ओवरड्राफ्ट के लिए है। भारतीय स्टेट बैंक भी इस लोन सुविधा का लाभ उठाने के लिए कोई प्रोसेसिंग शुल्क नहीं लेता है।
5.ब्याज दर
अलग-अलग योजनाओं के लिए ब्याज दरें एक दूसरे से अलग अलग होती हैं। इसलिए, एक व्यक्ति के लिए FD पर लोन के लिए भी संभावित ब्याज दर किसी अन्य व्यक्ति से लिए गए ब्याज दर से अलग होती है।
इस लोन पर ब्याज की दर फिक्स डिपॉज़िट दर से 1% अधिक है। जैसा कि उधारकर्ता पहले से ही बैंक के साथ एक मौजूदा संबंध रखता है और लोन भी सुरक्षित श्रेणी में आता है, बैंक आवेदक से अपेक्षाकृत कम ब्याज लेता है।
6.लोन भुगतान अवधि
लोन भुगतान अवधि आवेदक की भुृगतान क्षमता पर निर्भर करता है और उसी के अनुसार तय किया जाता है। इसके अलावा, STDR / E-STDR के बदले लोन का अधिकतम भुगतान का समय 5 वर्ष और TDR / E-STDR के लिए 3 वर्ष निर्धारित किया गया है। हालांकि, यदि आवेदक अवधि समाप्त होने से पहले लोन वापस करना चाहता है, तो उसे पूर्वभुगतान शुल्क के रूप में कोई अतिरिक्त राशि नहीं ली जाती है।
TDR / E-STDR के बदले लोन का की अधिकतम अवधि 3 वर्ष या अवशिष्ट अवधि, जो भी कम हो। हालाँकि, यह अवधि छह महीने से कम नहीं हो सकती है।
शाखा में स्वीकृत फिक्स डिपॉज़िट पर सभी लोन के लिए, आवेदक की क्षमता के आधार पर बैंक द्वारा उचित अवधि निर्धारित की जाएगी।
7.भुगतान का माध्यम
पुनर्भुगतान एसबीआई (SBI) शाखा में या इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से किया जा सकता है। आप SBI शाखा के IFSC को पैसाबाज़ार.कॉम पर चेक कर सकते हैं ।
अपनी फिक्स डिपॉज़िट पर लोन का भुगतान समय पर करना सुनिश्चित करें अन्यथा बैंक के पास इस राशि को गारंटी के रूप में उपयोग करने का अधिकार है।
फिक्स्ड डिपॉज़िट पर एसबीआई (SBI) लोन का लाभ
- आप अपनी फिक्स डिपॉज़िट के मूल्य का 90% तक लोन लेने के योग्य हैं
- कम ब्याज दरें हैं
- भुगतान द्वारा लोन की कम होती जा रही बकाया राशि पर ब्याज लगाया जाएगा
- खाता धारक की आवश्यकता के अनुसारFD के बदले लोन और ओवरड्राफ्ट सुविधा दोनों उपलब्ध हैं
- इस लोन सुविधा का लाभ उठाने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है
- इसके अलावा, यदि कोई लाभार्थी एडवांस में पूरी लोन राशि का भुगतान करता है, तो कोई जुर्माना नहीं लगाया जाता है
फिक्स्ड डिपॉज़िट के लिए एसबीआई (SBI) के लोन के लिए आवेदन कैसे करें
फिक्स डिपॉज़िट के बदले लोन या ओवरड्राफ्ट के अपने नेट बैंकिंग अकाउंट में लॉग-इन कर या बैंक जाकर आवेदन किया जा सकता है। जॉइंट अकाउंट के मामले में, सभी आवेदकों को लोन अनुरोध पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता होती है। लेकिन ये सलह दी जाती है कि इसके लिए आवेदन बैंक जाकर करा जाए ताकि प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहे।