इस पेज पर पढ़ें:
- EPF क्या है?
- EPF योग्यता
- कर्मचारियों और नियोक्ताओं द्वारा योगदान
- EPF भुगतान ऑनलाइन कैसे करें?
- ब्याज दर
- ब्याज दर को कैलकुलेट करें
- EPF क्लेम फॉर्म
- उमंग ऐप पर EPF कैसे एक्सेस करें
- कस्टमर केयर
- संबंधित सवाल
EPF क्या है?
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) एक बचत योजना है जिसे कर्मचारी भविष्य निधि और विविध अधिनियम,1952 के तहत शुरू किया गया था। इसे केंद्रीय न्यासी बोर्ड द्वारा प्रशासित और प्रबंधित किया जाता है जिसमें तीन दलों- सरकार, नियोक्ता/ कंपनी और कर्मचारियों के प्रतिनिधि होते हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) इस बोर्ड की गतिविधियों में इसकी सहायता करता है। EPFO सीधे सरकार के अधिकार क्षेत्र में काम करता है और श्रम और रोज़गार मंत्रालय इसका प्रबंधन करता है।
देश भर के विभिन्न कर्मचारियों को बचत के लिए प्रोत्साहित करना EPF योजना का मूल उद्देश्य है जिसका उपयोग वे रिटायर्मेंट के बाद कर सकें । कर्मचारी भविष्य निधि या EPF एक फण्ड है जिसमें नियोक्ता/ कंपनी और उसका कर्मचारी मासिक आधार पर नियमित रूप से योगदान करते हैं। नियोक्ता/ कंपनी और कर्मचारी दोनों ही EPF में कर्मचारी के वेतन (मूल वेतन + महंगाई भत्ता) की 12% राशि का योगदान करते हैं। इस योगदान पर, EPFO द्वारा निर्धारित एक निश्चित दर पर ब्याज मिलता है। कुल जमा राशि के साथ-साथ जमा पर प्राप्त ब्याज की राशि पूरी तरह से टैक्स-मुक्त होती है। अर्थात कर्मचारी, फण्ड पर किसी भी तरह का टैक्स दिए बिना फण्ड को निःसंकोच निकाल सकता है।
यदि कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो नॉमिनी या कर्मचारी के कानूनी उत्तराधिकारी फण्ड राशि निकाल सकते हैं या कर्मचारी इस्तीफा देने के बाद भी इसे निकाल सकता है।
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) की योजनाएं
इस योजना के माध्यम से 5 करोड़ से भी अधिक सदस्य लाभान्वित होते हैं और यह तीन अधिनियमों द्वारा अधिशासित है।
कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952 |
कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 |
कर्मचारियों की जमा सम्बद्ध बीमा योजना, 1976 |
योग्यता शर्तें
- इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए कर्मचारियों को योजना का एक्टिवसदस्य होना चाहिए
- जैसे ही कर्मचारीकिसी संगठन में शामिल होते हैं ठीक उसी दिन से वे कर्मचारी भविष्य निधि, बीमा लाभ के साथ-साथ पेंशन लाभ लेने के योग्य हो जाते हैं
- जिस भी संगठन/ कंपनीमें न्यूनतम 20 कर्मचारियों की नियुक्ति होती है, वह कर्मचारियों को EPF का लाभ देने का उत्तरदायी है
- यहयोजना जम्मू और कश्मीर के निवासियों को लाभ प्रदान नहीं करती है
EPF के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
- कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) कीसरकारी वेबसाइट पर जाएं
- “‘Establishment Registration” के सेक्शन में जाएँ, “Instruction Manual” सम्बन्धी एक नया पेज खुल जायेगा। यह नियोक्ता/ कंपनी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को विस्तारपूर्वक समझायेगा, जिसके बाद नियोक्ता/ कंपनी के DSC[डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट] का रजिस्ट्रेशन होगा जो नए आवेदन के लिए एक अनिवार्य शर्त है
- “I have read the instruction manual” के टिक बॉक्स को स्वीकार करें तत्पश्चात रजिस्टर करने के लिए आवश्यक जानकारी भरें
- एक ईमेल ई-लिंक भेजा जाता है जिसे एक्टिवकरना होता है और एक मोबाइल पिन भी भेजा जाता है। रजिस्ट्रेशन के लिए आपको कुछ दस्तावेज अपलोड करने होंगे
- जो पहले से रजिस्टरहैं, वे अपने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) का उपयोग कर के लॉग इन कर सकते हैं
EPF में कैसे लॉग-इन करें?
आपको EPF की सदस्य वेबसाइट पर जाना होगा अर्थात EPF ई-सेवा / EPF सदस्य पोर्टल जहाँ पर दाईं ओर आपको UAN का उपयोग करके लॉग-इन करने का विकल्प मिलता है। हालाँकि, UAN पहले से एक्टिव होना चाहिए।
EPF KYC अपडेट
- EPF के सदस्य पोर्टल पर जाएं और UAN और पासवर्ड का उपयोग करके लॉग-इन करें
- जैसे ही नया पेज खुलता है, “Manage” सेक्शन की ड्रॉपडाउन मेनू में से KYC पर क्लिक करें
- पैन, आधार, बैंक दस्तावेजों आदि के नाम और क्रमांक इत्यादि जानकारी भरें
- इसे सेव करेंऔर जब तक यह अधिकृत रूप से वेरीफाई नहीं होता है, तब तक यहाँ लंबित KYC दिखाई देगा
EPF UAN एक्टिवेशन
- आपको EPF की सदस्य वेबसाइट अर्थात EPF ई-सेवा / EPF सदस्य पोर्टल पर जाना होगा
- नीचे दायें कोने पर आपको“Activate UAN” का विकल्प मिलेगा,उस पर क्लिक करें
- जैसे ही नया डैशबोर्ड खुलता है,EPFOके रिकॉर्ड के अनुसार UAN, पैन अथवा आधार न० और अन्य जानकारी जैसे नाम, जन्म तिथि आदि दर्ज करें
- “Captcha” कोड दर्ज करें तत्पश्चात आपके रजिस्टर मोबाइल पर EPFO के साथ पिन भेज दिया जायेगा
- UAN को ऑनलाइन वेरीफाई और एक्टिव करने के लिए वन टाइम पासवर्ड (OTP) दर्ज करें
- UAN की एक्टिवेशन की पुष्टि करने के लिए एक और संदेश भेजा जाएगा
- UAN के एक्टिव होते ही आप इसके माध्यम से लॉग-इन करके प्रोविडेंट फंड की स्थिति जान सकते हैं
EPF का योगदान
कर्मचारी भविष्य निधि एक ऐसा फण्ड है जिसमें नियोक्ता/ कंपनी और कर्मचारी दोनों ही अपने वेतन के एक हिस्से का योगदान करते हैं। ये योगदान लगातार रूप से मासिक आधार पर किए जाते हैं। निर्धारित ब्याज दर, कर्मचारी के मूल वेतन और महंगाई भत्ते पर निर्भर करती है। EPF योगदान को ऐसे समझें :
इनके द्वारा योगदान | मासिक योगदान प्रतिशत (%) |
कर्मचारी | 12/10* |
नियोक्ता/ कंपनी | 12** |
कुल | 24% |
*10% EPF उन संगठनों के लिए मान्य है- जहाँ कर्मचारियों की कुल संख्या 20 या उससे कम है या फ़िर जहां वार्षिक नुकसान (वित्तीय वर्ष के अंत में) संगठन की संपत्ति/ नेट-वर्थ जितना या उस से अधिक हुआ हो या फिर औद्योगिक और वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड द्वारा संगठन को बीमार घोषित किया गया हो
** नियोक्ता/ कंपनी के 12% योगदान में 3. 67% EPF और 8. 33% EPS शामिल होता है
उदाहरण के लिए:
यदि किसी व्यक्ति का मासिक वेतन 30,000 रु. है तो योगदान की गणना इस प्रकार होगी-
- 30,000 रु. का 12% (कर्मचारी का शेयर) = 3,600 रु.
- 30,000 रु. का 67% (EPF में) (नियोक्ता/ कंपनी का शेयर ) = 1,101 रु.
- 30,000 का 33% (EPSमें) (नियोक्ता/ कंपनी का शेयर ) = 2,499 रु.
- कुल = 7200/ –रु.
अ) EPF में कर्मचारी का योगदान
कर्मचारी के लिए योगदान दर सामान्यतः 12% निर्धारित है। हालाँकि, निम्नलिखित संगठनों के लिए यह दर 10% है:
- जिस संगठन अथवा फर्म में श्रमिकों कीअधिकतम संख्या 19 हो
- जिन उद्योगों को BIFR द्वारा बीमार उद्योग घोषित किया गया हो
- जिस संगठन को अपने शुद्ध निवल से अधिक की हानि हुई हो
- कॉयर, ग्वार गम, बीड़ी, ईंट और जूट उद्योग
- ऐसे संगठन जिनका परिचालन 6,500 रु. की मजदूरी सीमा से कम हो
ख) EPF में नियोक्ता/ कंपनी का योगदान
नियोक्ता/ कंपनी का योगदान न्यूनतम राशि 15,000 रु. पर 12% होता है (हालांकि अपनी स्वेच्छा से वे इससे अधिक का योगदान कर सकते हैं)। ये राशि 1800 रु. प्रतिमाह बैठती है। इसका अर्थ है कि इस योजना के लिए नियोक्ता/ कंपनी और कर्मचारी दोनों को हर महीने 1800 रु. का योगदान करना होगा। प्रारम्भ में यह राशि 6500 रु. के 12% पर निर्धारित थी जिसके अंतर्गत नियोक्ता/ कंपनी और कर्मचारी दोनों को 780 रु. का योगदान करना होता था।
- दोनों पक्षों के योगदान को EPFO(कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) में जमा किया जाता है
- यह एक फण्डहै जिसकी सहायता से कर्मचारी रिटायर्मेंट के बाद भी एक बेहतर जीवन जी सकते हैं
- EPFकर्मचारियों को लोन लेने की सुविधा भी प्रदान करता है
EPF योगदान से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु |
कर्मचारी द्वारा किया गया पूरा योगदान कर्मचारी के फण्ड में जाता है |
नियोक्ता/ कंपनी द्वारा किया गया योगदान विभिन्न भागों में बाटा जाता है |
नियोक्ता/ कंपनी द्वारा किए गए कुल योगदान में से 8. 33% कर्मचारियों की पेंशन योजना में और 3. 67% कर्मचारी फण्ड में जाता है |
उपर्युक्त योगदान के अलावा, नियोक्ता/ कंपनी को EDLI के लिए 0. 5% का अतिरिक्त भुगतान करना होता है |
EDLI और EPF में क्रमशः 1.1% और 0.01% की दर से लगने वाले प्रशासनिक ख़र्च भी नियोक्ता/ कंपनी ही देता है |
अर्थात इस योजना में नियोक्ता/ कंपनी को मूल वेतन के कुल 13.61% का योगदान करना होता है |
EPF पर ब्याज दर
वित्तीय वर्ष 2019-2020 के लिए ब्याज की दर 8.65% है. अगले वित्तीय वर्ष के लिए अर्थात वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए ब्याज दर की घोषणा जनवरी 2020 में की जाएगी । PF खाते में राशि पर जो भी ब्याज प्राप्त होता है वह टैक्स मुक्त है।
ब्याज को सीधे EPF खाते में ट्रान्सफर कर दिया जाता है और इसकी गणना, केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) और भारत सरकार द्वारा पूर्व-निर्धारित दर के आधार पर की जाती है। इस अधिनियम की देखरेख CBT करता है।
जिस वर्ष में नई ब्याज दरों की घोषणा की जाती है, वह अगले वित्तीय वर्ष के लिए मान्य रहती है। अर्थात प्रथम वर्ष के 1 अप्रैल से शुरू होकर अगले वर्ष के 31 मार्च तक । आइए इसे एक उदाहरण की मदद से समझते हैं:
- ब्याज की दर अर्थात65% केवल वित्तीय वर्ष अप्रैल2019 से लेकर मार्च 2020 तक के बीच किये गए EPF जमा पर ही मान्य और लागू होंगी
- ब्याज की गणना हालाँकि मासिक आधार पर की जाती है इसके बावजूद, ब्याज को EPFखाते में वार्षिक आधार पर मौजूदा वित्तीय वर्ष के 31 मार्च को ही ट्रान्सफर किया जाता है
- ट्रान्सफर ब्याज अगले महीने अर्थात अप्रैल की शेष राशि के साथ सम्मिलित कर लिया जाता है और फ़िर कुल योग पर ब्याज की गणना की जाती है
- यदि लगातार छत्तीस महीनों तक EPF खाते में योगदान न किया जाये, तो खाता निष्क्रिय हो जाता है
- वे कर्मचारी जोअभी रिटायर्मेंट की आयु के नहीं हुए हैं उन्हें निष्क्रिय खातों पर ब्याज प्रदान किया जाता है
- रिटायर कर्मचारियों के निष्क्रिय खातों में जमा राशि पर ब्याज नहीं दिया जाता है
- निष्क्रिय खातों पर कमाया गयाब्याज सदस्य द्वारा निर्धारित स्लैब दर के अनुसार टैक्स योग्य है
- नियोक्ता/ कंपनी द्वारा कर्मचारी पेंशन योजना के लिए किए गए योगदान पर, कर्मचारी को कोई ब्याज नहीं मिलेगा। हालाँकि, 58 वर्ष की आयु के बाद इस राशि सेपेंशन का भुगतान किया जाता है
EPF पर ब्याज दर की कैलकुलेशन
ब्याज दर की घोषणा वार्षिक आधार पर की जाती है, जबकि ब्याज की गणना मासिक आधार पर की जाती है। वार्षिक दर को 12 से विभाजित करके ब्याज दर की कैलकुलेशन की जाती है। एक महीने में कर्मचारी को कुल कितना ब्याज देना है उस राशि की गणना करने के लिए ऐसा किया जाता है।
उदाहरण के लिए :
- यदि ब्याज की वार्षिकदर 12% पर सेट की गई है, तो आवश्यक वर्ष में किसी विशेष महीने के लिए ब्याज की दर की गणना इस प्रकार से की जाएगी 12/12 = 1% प्रति माह
मान लीजिए कि एक कर्मचारी ने नवंबर 2018 से अपना योगदान शुरू किया।
- तो उसके लिएब्याज की दर होगी 65% .
- इस मामले में, प्रति माह ब्याज की दर होगी65 / 12 = 0.7208% .
- कर्मचारी अपने EPFखाते में 15,000 रु. का 12% डालता है जोकि 1,800 रु. प्रति माह होता है
- यह राशि कर्मचारी के EPFखाते में प्रत्येक महीने के अंत में ट्रान्सफर की जाती है
नियोक्ता/ कंपनी 1,800 रु. का योगदान करता है जोकि कर्मचारी द्वारा किए जा रहे योगदान के समान है।
- नियोक्ता/ कंपनी के योगदान का67% EPF खाते में और 8.33% कर्मचारी के EPS खाते में जाता है
- कर्मचारी के खाते में नियोक्ता/ कंपनी 15,000रु. के 67% का योगदान करता है जोकि 550 रु. होता है
- इस खाते में नियोक्ता/ कंपनी और कर्मचारी द्वारा कुल 1800रु.+ 550 रु. का मासिक योगदान किया जाता है जिसका योग 2350 रु. आता है
- अगले महीने (दिसंबर) के लिए शेष राशि की कैलकुलेशन इस प्रकार की जाएगी
- नवंबर 2018 का अधिशेष = 2,350 रु.
- दिसंबर 2018 के लिए कमाया गया ब्याज = 75 रु.
- दिसंबर 2018 के अंत में शेष राशि = 2,350 रु. + 2,350 रु. = 4,700 रु.
नोट: हालांकि ब्याज दिसंबर 2019 में अर्जित किया गया है, इसे वित्तीय वर्ष के अंत में 31 मार्च को ही जमा किया जाता है।
EPF फॉर्म
कर्मचारी अपने खाते में रजिस्ट्रेशन, निकासी, PF ट्रान्सफर करना अथवा मौजूदा EPF खाते से लोन लेना सम्बन्धी जो भी गतिविधि करना चाहते हैं उसके लिए EPF फ़ॉर्म अनिवार्य है।
निम्न प्रकार के फॉर्म उपलब्ध हैं:
EPF क्लेम के लिए फ़ॉर्म
EPF फ़ॉर्म | EPF फ़ॉर्म का उपयोग | डाउनलोड |
फॉर्म 13 | EPF निकासी | ⇩ |
फ़ॉर्म 14 | LIC पॉलिसी की ख़रीद | ⇩ |
फ़ॉर्म 10D | मासिक पेंशन का क्लेम करने के लिए, | ⇩ |
फ़ॉर्म 10C | EPS के निकासी लाभ / योजना प्रमाण पत्र का क्लेम करने के लिए | ⇩ |
फ़ॉर्म 11 | EPF अकाउंट ट्रान्सफर के लिए | ⇩ |
फ़ॉर्म 19 | कर्मचारी भविष्य निधि के अंतिम निपटान के लिए | ⇩ |
फ़ॉर्म 20 | कर्मचारी की मृत्यु होने की दशा में EPF का अंतिम निपटान करने के लिए | ⇩ |
फ़ॉर्म 2 | EPF और EPS के लिए घोषणा और नॉमिनी फ़ॉर्म | ⇩ |
फ़ॉर्म 5 IF | IDLI के अनुसार क्लेम करने के लिए | ⇩ |
फ़ॉर्म 15 G | EPF पर ब्याज आय पर TDS बचाने के लिए | ⇩ |
फ़ॉर्म 5 | EPF और EPS के लिए रजिस्ट्रेशन करने वाले नए कर्मचारियों के लिए | ⇩ |
फ़ॉर्म 11 | EPF का ऑटो ट्रांसफर | ⇩ |
EPF भुगतान
भुगतान के लिए निम्नलिखित तरीके का पालन किया जाता है:
- इलेक्ट्रॉनिक चालान सह रिटर्न (ICR) के जानकारी का उपयोग करके EPFO पोर्टल में लॉग-इन करें
- “Payment” पर क्लिक करें और “ICR Upload” पर जाएं
- वेतन माह, वेतन संवितरण तिथि, योगदान की दर का चयन करें
- अगले चरण में ICR टेक्स्ट फ़ाइल अपलोड करें। यदि अपलोड की गई फ़ाइल पूर्वनिर्धारित शर्तों का अनुपालन करती है, तो आपको “File Validation Successful” नामक एक पॉप-अप नज़र आएगा। लेकिन यदि फ़ाइल मान्य नहीं है, तो स्क्रीन पर “Error” दिखाई देती है
- स्क्रीन पर TRRN नज़र आएगा, “Verify” पर क्लिक करें
- ICR का सारांश पत्रक प्राप्त करने के लिए “चालान तैयार करें” पर क्लिक करें
- व्यवस्थापक / निरीक्षण शुल्क पर जाएं और “Prepare Challan” का विकल्प चुनें
- “Generate Challan” पर क्लिक करें और भुगतान करने के लिए आगे बढ़ें
- भुगतान मोड के रूप में “Online” का विकल्प चुनें और किसी भी बैंक खाते का चयन कर लें
- जैसे ही आप अपने संबंधित बैंक खाते का चयन करते हैं, तो आपको उसी बैंक की ऑनलाइन बैंकिंग वेबसाइट पर भेज दिया जाएगा
- नेट बैंकिंग का उपयोग करकेभुगतान करें
सफलतापूर्वक भुगतान हो जाने पर, पुष्टिकरण हेतु एक ट्रांजेक्शन-आईडी और एक ई-रसीद उत्पन्न होगी। इस लेन-देन को EPFO पोर्टल पर भी अपलोड कर दिया जाएगा जहाँ से टीआरआरएन नंबर के माध्यम से इसकी पुष्टि की जाएगी।
EPF पासबुक
एक सदस्य और उसके नियोक्ता/ कंपनी द्वारा किए गए सभी योगदान EPF पासबुक में दर्ज होते हैं। पासबुक में संस्थान आईडी और नाम, सदस्य आईडी और नाम, कार्यालय का नाम, कर्मचारी का शेयर, नियोक्ता/ कंपनी का शेयर, EPS योगदान इत्यादि अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी होते हैं।
सदस्य EPF वेबसाइट पर जाकर EPF की ऑनलाइन पासबुक डाउनलोड कर सकते हैं।
EPF राशि जानें
सदस्य इन सरल चरणों का पालन करके अपने खाते में जमा EPF की शेष राशि की ऑनलाइन जांच कर सकते हैं:
- EPFकी वेबसाइट epfindia.gov.in पर जाएं
- “Our Services” सेक्शन के“सदस्यों के लिए” में जाएँ “सदस्य पासबुक” के विकल्प
- पर क्लिक करें
- अब अपना UAN “, पासवर्ड और कैप्चा कोड दर्ज करके अपने EPF खाते में लॉग-इन करें
- अपनी पासबुक देखने के लिए मेंबर आईडी का चयन करें
- आपकी पासबुक केदस्तावेज में सभी जानकारी दर्शाए जायेंगे
सदस्य 7738299899 पर अपने EPFOHO ENG लिखा एक SMS भेजकर भी EPF की अपनी शेष राशि की जांच कर सकते हैं।
011-22901406 पर एक मिस्ड कॉल देकर भी EPF की शेष राशि की जाँच की जा सकती है।
EPF को ऑनलाइन ट्रांसफर कैसे करें?
- अपने UAN और पासवर्ड का उपयोग कर के EPFO सदस्स्य पोर्टल पर लॉग इन करें
- होम पेज के मुख्य मेनू में “Online Services” टैब पर जाएं और ऑनलाइन ट्रांसफर रिक्वेस्ट जेनरेट करने के लिए “Transfer Request” चुनें
- आपको एक नया डैशबोर्ड नज़र आएगा जिसमें आपका समस्त व्यक्तिगत जानकारी होगा। प्रक्रिया हेतु जन्मतिथि, EPF और शामिल होने की तिथि इत्यादि सभी सूचनाओं को वेरीफाई करें
- वेरिफिकेशन के बाद चरण 1 पर जाएं, पिछले या वर्तमान नियोक्ता/ कंपनी के विकल्प का चयन करें और फिर पिछले नियोक्ता/ कंपनी का जानकारी प्रदान करें जिसके माध्यम से आप क्लेम करना चाहते हैं
- जानकारी दर्ज करें, आपके रजिस्टर मोबाइल नंबर पर एक OTP भेजा जाएगा। आपको OTP दर्ज करके अपनी पहचान को प्रमाणित करना होगा, उसके बाद ही आपकी अनुरोध को सबमिट किया जाएगा और एक ऑनलाइन भरा हुआ फॉर्म जेनरेट होगा। फ़ॉर्म पर हस्ताक्षर करके अपने वर्तमान या पिछले नियोक्ता/ कंपनी को भेज दें
- नियोक्ता/ कंपनी को भी EPF ट्रांसफर रिक्वेस्ट की एक ऑनलाइन अधिसूचना प्राप्त होगी। आपके नियोक्ता/ कंपनी द्वारा आपके रोज़गार विवरणों को सत्यापित करके EPFO के क्लेम को डिजिटल रूप से अग्रेषित करने के बाद ही EPFO कार्यालय आपके क्लेम को संसाधित करेगा
- रिक्वेस्ट को प्रस्तुत करने के बाद, आप“ऑनलाइन सेवाओं” मेनू के तहत “ट्रैक क्लेम स्टेटस” मेनू में जाकर अपने EPF ट्रांसफर क्लेम की स्थिति की जांच कर सकते हैं।
निष्क्रिय खातों को कैसे एक्टिव करें?
निष्क्रिय खाते वे खाते हैं, जिनमें पिछले 36 महीनों से कोई योगदान नहीं किया गया है। आम तौर पर, ऐसा तब होता है जब किसी सदस्य ने अपने पुराने खाते को अपने नए नियोक्ता/ कंपनी को ट्रान्सफर न किया हो और पिछले योगदान के बारे में भूल गया हो। उपरोक्त चरणों के अनुसार उन्हें वर्तमान EPF खाते में ट्रान्सफर किया जा सकता है या फ़िर UAN नंबर का उपयोग करके जमा राशि को निकाला जा सकता है।
EPF सम्बन्धी शिकायत दर्ज करना
EPFO में एक शिकायत प्रणाली भी है जिसके माध्यम से सदस्य अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
सदस्य gov.in के “Register Grievance” टैब पर क्लिक करके अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं
सदस्योंको अपने खाते से संबंधित सभी प्रासंगिक जानकारी और समस्या का जानकारी दर्ज करना होता है
आपकी समस्या से सबंधित कोई फाइल भी अपलोड की जा सकती है।
सदस्य“स्थिति देखें” टैब पर क्लिक करके शिकायत की स्थिति को भी ट्रैक कर सकते हैं
ऑनलाइन कैसे दर्ज करें
मोबाइल उपयोगकर्ता उमंग ऐप के माध्यम से EPF द्वारा दी गई सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं । पोर्टल के पांच अलग-अलग खंड हैं:
उमंग ऐप पर EPF सेवाएं · कर्मचारी केन्द्रिक सेवाएँ · सामान्य सेवाएँ · नियोक्ता/ कंपनी केन्द्रिक सेवाएँ · पेंशनर सेवाएं · E-KYC सेवाएँ कर्मचारी केन्द्रिक सेवाएँ
कर्मचारी केन्द्रिक सेवाएँ पासबुक देखें क्लेम दर्ज करें क्लेम को ट्रैक करें सामान्य सेवाएँ
EPF की सामान्य सेवाएं संस्थान खोजें EPFO कार्यालय खोजें आपके क्लेम की स्थिति के बारे में जानें एसएमएस पर खाता जानकारी मिस्ड कॉल पर खाता जानकारी नियोक्ता/ कंपनी केन्द्रिक सेवाएँ
नियोक्ता/ कंपनी केन्द्रिक सेवाएँ संस्थान आईडी के माध्यम से प्रेषण जानकारी प्राप्त करें ·TRRN की स्थिति जानें पेंशनर सेवाएं
पेंशनर सेवाएं पासबुक देखें
जीवन प्रमाण को अपडेट करें
E–KYC
सीधे उमंग ऐप के जरिए आधार लिंक की जा सकती है।
EPF योजना के लाभ
- टैक्स-मुक्त बचत:EPF योजना कुल जमा पर संगठन द्वारा पूर्व-निर्धारित एक विशिष्ट दर पर कुछ ब्याज प्रदान करती है। जमा पर प्राप्त ब्याज की राशि और वास्तविक जमा राशि, दोनों को भारत सरकार द्वारा टैक्स-मुक्त माना जाता है। योजना में निवेश करने के 5 वर्ष बाद अथवा मैच्योरिटी पर की जाने वाली किसी भी तरह की निकासी 100% टैक्स-मुक्त होती है। हालांकि, अगर राशि को समय से पहले (5 वर्ष के भीतर) निकाला जा रहा है तो यह टैक्स-मुक्त नहीं होगी । इस सुविधा के माध्यम से एक कर्मचारी अपनी बचत के अलावा ब्याज के रूप में अतिरिक्त आय का विशेष लाभ प्राप्त कर सकता है।
- दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा: इस खाते में जमा धन आसानी से निकाला नहीं जा सकता है और इसलिए यह बचत सुनिश्चित करता है।
- रिटायर्मेंट की अवधि:इस योजना के तहत संचित निधि का उपयोग कर्मचारी की रिटायर्मेंट के समय किया जा सकता है। यह कर्मचारी को मौद्रिक सुरक्षा के रूप में एक राहत प्रदान करता है।
- इमरजेंसी: किसी भी प्रकार की विषम परिस्थिति में कर्मचारी द्वारा इस फण्ड का उपयोग किया जा सकता है। कर्मचारी समय से पहले भी अपने फण्ड को निकाल सकता है। इस योजना में कुछ विशेष मामलों में इस तरह की समय-पूर्व निकासी की व्यवस्था है।
- बेरोजगारी / आयहानि : यदि किसी कारणवश कर्मचारी की वर्तमान नौकरी चली जाती है, तो इन निधियों का उपयोग खर्चों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है।
- नौकरी से त्यागपत्र /पदत्याग: पदत्याग से एक महीने बाद कर्मचारी अपने EPF फंड का 75% और बेरोजगारी के 2 महीने बाद शेष 25% निकालने के लिए स्वतंत्र है।
- मौत:कर्मचारी की मृत्यु के मामले में, ब्याज के साथ एकत्रित राशि कर्मचारी के नॉमिनी को दी जाती है जिससे परिवार को विषम परिस्थितियों का सामना करने में मदद मिलती है।
- कर्मचारी की विकलांगता: यदि कर्मचारी काम करने की स्थिति में नहीं है, तो वह इन निधियों का उपयोग विषम हालातों से पार आने में कर सकता है।
- छंटनी: नौकरी से अचानक पदच्युत कर दिए जाने पर कर्मचारी तबतक इस फंड का उपयोग कर सकता है, जब तक उसे एक उपयुक्त नई नौकरी नहीं मिल जाती।
- दीर्घकालिक बचत: दीर्घकालिक निवेश करने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए यह एक सुफ़ल और सुरक्षित बचत योजना है।
- पेंशन योजना:नियोक्ता/ कंपनी न केवल पीएफ फंड में योगदान करता है, बल्कि कर्मचारी की पेंशन के लिए भी आवश्यक योगदान करता है जिसका उपयोग कर्मचारी द्वारा रिटायर्मेंट के बाद किया जा सकता है।
- बीमा योजना: इस अधिनियम में कुछ विशेष प्रावधानों का भी बंदोबस्त है, जिसके तहत यदि सामूहिक बीमा कवर मौजूद नहीं है तो नियोक्ता/ कंपनी को कर्मचारी के जीवन बीमा के लिए भी कुछ योगदान करने की आवश्यकता होती है।
- यह योजना सुनिश्चित करती है कि कर्मचारियों का समुचित बीमा किया जाए।
- सर्व सुलभ: अपने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) की मदद से कर्मचारी EPF सदस्य पोर्टल पर जाकर आसानी से अपने पीएफ खाते को एक्सेस कर सकते हैं। यदि वे नौकरी बदलते हैं, तो वे अपने खाते को भी ट्रान्सफर कर सकते हैं।
EPF कस्टमर केयर नंबर
सहायता केंद्र- 1800118005 (टोल फ्री)
प्रधान कार्यालय:
भविष्य निधि भवन,
14, भीकाजी कामा प्लेस,
नई दिल्ली- 110066
संबंधित सवाल
प्रश्न. मैंने अपने EPF खाते से कुछ राशि निकाली है। क्या मुझे निकाली गयी राशि पर भी ब्याज मिलता रहेगा?
उत्तर : नहीं, आपको निकाली गई राशि पर ब्याज नहीं मिलेगा। हालांकि, EPF खाते में शेष राशि पर ब्याज मिलता रहेगा।
प्रश्न. UAN कैसे प्राप्त होता है?
उत्तर. जब आप 20 से अधिक कर्मचारियों वाली किसी कंपनी में शामिल होते हैं, तो आप EPF के लाभार्थी बन जाते हैं। EPFO, सदस्य को यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) नामक एक 12-अंकीय स्थायी नंबर आवंटित करता है। सदस्य के सभी पीएफ खाते उसके UAN से सम्बद्ध होते हैं। यदि आप EPF पोर्टल के माध्यम से ,ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपको अपने UAN को आधार और पैन से समब्द्ध करना होगा।
प्रश्न. क्या मुझे अपने पीएफ को ऑनलाइन ट्रान्सफर करने के लिए अपना UAN एक्टिव करना होगा?
उत्तर. क्लेम को ऑनलाइन संसाधित करने या पैसा निकालने से पहले आपको EPF सदस्य पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करके UAN को एक्टिव करना होगा। आप EPF के पोर्टल पर जाकर आसानी से ऐसा कर सकते हैं।
प्रश्न.. मैंने अपनी नौकरी बदल ली है। क्या मुझे नया UAN लेना होगा ?
उत्तर. नहीं,किसी सदस्य को आवंटित किया गया UAN पूरे सेवा काल तक अपरिवर्तित रहता है। नए नियोक्ता/ कंपनी द्वारा एक नया पीएफ खाता खोला जाएगा ,जो सदस्य के UAN से सम्बद्ध होगा।
प्रश्न. मैं अभी बेरोज़गार हूं और मुझे धन की आवश्यकता है। क्या मैं अपने EPF की राशि निकाल सकता हूं?
उत्तर. हां, आप एक महीने की बेरोजगारी के बाद अपने EPF निधि का 75% निकाल सकते हैं। यदि आप लगातार 2 महीनों तक बेरोज़गार रहते हैं, तो आप शेष 25% फंड भी निकाल सकते हैं।
प्रश्न. वेतन का कितना प्रतिशत EPF में जाता है?
उत्तर. कर्मचारी के वेतन का 12% हिस्सा, भविष्य निधि में जाता है। साथ ही, कर्मचारी के सकल वेतन से राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की कटौती भी की जाती है जोकि कर्मचारी के वेतन से 1. 75% और नियोक्ता/ कंपनी के योगदान से 4. 75% है ।
प्रश्न. EPF की कितनी राशि निकाली जा सकती है?
उत्तर. EPF को केवल रिटायर्मेंट , बेरोजगारी अथवा कुछ विषम परिस्थितियों के दौरान ही निकाला जा सकता है। रिटायर्मेंट के बाद या दो महीनों की लगातार बेरोजगारी के बाद ही पूर्ण निकासी की जा सकती है। नए नियम के अनुसार EPFO बेरोजगारी के 1 महीने के बाद EPF निधि से 75% राशि निकालने की अनुमति देता है। नई नौकरी प्राप्त करने पर शेष 25% राशि को एक नए EPF खाते में ट्रान्सफर किया जा सकता है