इस देश के टैक्सधारक से टैक्स भरते समय जिस दस्तवेज की मांग की जाती है वो पैन कार्ड नंबर है। ‘पैन’, परमानेंट अकाउंट नंबर उन सभी लोगों को प्रदान किया जाता है जो इसके लिए आवेदन करते हैं। वो कार्ड जिसमें नंबर और कार्डधारक की पहचान सम्बंधित जानकारी हो उसे पैन कार्ड कहते हैं। टैक्स भरने और फाइनेंशियल निवेश करने के लिए पैन कार्ड नंबर अनिवार्य है। पैन कार्ड नंबर में व्यक्ति का टैक्स और निवेश सम्बंधित डाटा होता है। आपको कितनी बार पैन कार्ड जानकारी देने के लिए कहा गया है? आमतौर पर बैंक खाता खोलते, टैक्स भरते, निवेश करते या कोई अन्य फाइनेंशियल कार्य करते समय। इसलिए अपना पैन नंबर पता होना बहुत ज़रूरी है। तो, जानते हैं इस कार्ड से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां-
पैन कार्ड क्या है?
पैन कार्ड को आयकर अधिनियम, 1961 के अंतर्गत जारी किया जाता है, इसमें 10 डिजिट का अल्फानुमेरिक कोड होता है। ये कोड कंप्यूटर द्वारा बनाया जाता है और प्रत्येक कार्डधारक का कोड अलग होता है।
पैन कार्ड किस-किस को मिल सकता है?
पैन कार्ड केवल व्यक्तियों को ही जारी नहीं किया जाता है। कंपनियां और साझेदारी फर्म भी पैन कार्ड का लाभ उठा सकते हैं और ऐसी संस्थाओं के लिए पैन नंबर होना अनिवार्य हो जाता है जब वे अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर रही हों। यहां तक कि व्यक्ति, नाबालिग, छात्र और गैर-निवासी भारतीय के लिए भी पैन कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
भारत में पैन कार्ड का इतिहास
पैन कार्ड आने से पहले जीआईआर (जनरल इंडेक्स रजिस्टर) हुआ करता था।
यह एक मैनुअल सिस्टम था जो आकलन करने वाले अधिकारी के वार्ड / सर्कल के लिए अलग-अलग होता था, जिसके परिणामस्वरूप गलतियां भी होती थीं। हालाँकि, देश स्तर पर प्रत्येक व्यक्ति के लिए जीआईआर अलग-अलग नहीं था। वर्ष 1972 में, परमानेंट अकाउंट नंबर (पुरानी सिरीज़) की अवधारणा पहली बार भारत सरकार द्वारा शुरू की गई थी और 1 अप्रैल, 1976 से प्रभावी होने के साथ आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139 एए के तहत इसे वैधानिक बना दिया गया था।
बोर्ड द्वारा प्रत्येक कमिश्नर को पैन के अलग-अलग ब्लॉक दिए गए थे और कमिश्नर विभिन्न मूल्यांकन अधिकारियों के तहत व्यक्तियों को पैन देने के लिए जिम्मेदार थे। पैन कार्ड का आवंटन मैन्युअल रूप से शुरू में किया गया था, और नकल से बचने के लिए, प्रत्येक वार्ड / सर्कल को एक निश्चित पैन नंबर दिए गए थे। लेकिन भारत सरकार ने इससे जुड़ी विभिन्न समस्याओं के कारण इस प्रक्रिया को रोक दिया।
पैन की पुरानी सिरीज़ को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा और निम्नलिखित कारणों से प्रकिर्या अपने उद्देश्य को हांसिल नहीं कर सकी।
- जारी किये गए पैन नंबर से सम्बंधित कोई डाटा बेस नहीं था।
- नॉन-स्ट्रक्चर डाटाबेस में बहुत सीमीय पैरामीटर थे जैसे- नाम, स्टेटस और मूल्यांकन अधिकारी का पदनाम।
- कोई भी केंद्रीकृत प्राधिकरण नहीं था जो पैन कार्ड जारी कर सकता था, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न केंद्र देश में अलग-अलग व्यक्तियों को एक ही नंबर आवंटित कर सकते थे।
- करदाताओं की कोई स्थायी संख्या नहीं थी जिसके परिणामस्वरूप अंततः कार्डधारक के पते और पैन नंबर में बदलने लगे।
इसलिए भारतीय सरकार ने पैन कार्ड की नई सिरीज़ शुरू की। आयकर अधिनियम 139 सेक्शन में बदलाव कर दिनाक 01.07.1995 से नई सिरीज़ के तहत पैन कार्ड जारी करने शुरू कर दिए। इसके अलावा, नई सिरीज़ के तहत पैन जारी के लिए आवेदन दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में 01.06.1996 और शेष देश में 11.02.1998 से अनिवार्य किए गए थे।
ऑनलाइन/ऑफलाइन पैन कार्ड के लिए आवेदन कैसे करें?
पैन कार्ड के लिए दो तरह से आवेदन किया जा सकता है? आप ऑनलाइन पैन कार्ड आवेदन प्रकिर्या और इसके अलावा ऑफलाइन पैन कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। निम्नलिखित पैन कार्ड आवेदन करने और प्राप्त करने के तरीके पर चर्चा की गई है।
ऑनलाइन पैन कार्ड आवेदन प्रकिर्या-
ऑनलाइन पैन कार्ड आवेदन और पैन कार्ड रजिस्ट्रेशन का तरीके निम्नलिखित है-
- पैन कार्ड आवेदन के लिए NSDL और UTIITSL की वेबसाइट पर जाएं
- वेबसाइट पर ‘न्यू पैन’ के विकल्प पर क्लिक करें
- वहां पैन फॉर्म 49A होगा जिसे भारतीय नागरिक, एनआरई/एनआरआई और ओसीआई (भारतीय मूल के नागरिक) भर सकते हैं
- इस फॉर्म में व्यक्ति को अपना जानकारी भरनी होगी
- प्रकिर्या शुरू करने के लिए फॉर्म जमा करने के बाद आवेदक को डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से ऑनलाइन प्रोसेसिंग फीस का भुगतान करना होगा
- फॉर्म जमा करने और फीस जमा करने के बाद आखिरी पेज में व्यक्ति को 15 डिजिट का नंबर मिलेगा
- फॉर्म जमा करने के 15 दिन के अंदर इसे आवश्यक दस्तवेज़ो के साथ कोरियर एनएसडीएल ऑफिस भेज देना चाहिए
- इसके बाद एनएसडीएल द्वारा वेरिफिकेशन करेगा और फिर फॉर्म में भरे पते पर 15 दिन के अंदर पैन कार्ड पहुँच जाएगा
ऑफलाइन पैन कार्ड आवेदन प्रकिर्या-
पैन कार्ड के लिए किसी भी ज़िला स्तर की पैन एजेंसी में ऑफलाइन आवेदन किया जा सकता है।
- NSDL या UTIISL की वेबसाइट से पैन कार्ड फोर डाउनलोड करें या UTIISL एजेंट से ये फॉर्म प्राप्त करें
- फॉर्म भरें और ज़रूरी दस्तावेज लगाएं (पहचान पत्र, पता और फोटो)
- NSDL के ऑफिस में प्रोसेसिंग फीस के साथ फॉर्म जमा कर दें. फॉर्म में लिखे पते पर 15 दिनों में पैन कार्ड भेज दिया जाएगा
पैन कार्ड फॉर्म
आप फॉर्म 49A या फॉर्म 49AA भर पैन कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। भारतीय नागरिकों या कंपनियों को फॉर्म 49A और विदेशियों को फॉर्म 49AA भरना चाहिए। नाबालिग और छात्र भी फॉर्म 49A भर कर पैन कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। ये दोनों ही फॉर्म ऑनलाइन और ऑफलाइन मौजूद हैं। दोनों फॉर्म में ये जानकारी भरनी होती है- निर्धारण अधिकारी कोड (AO कोड), नाम, पता, जन्म तिथि, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी, आधार संख्या, आदि। इसके बाद आवेदक को फॉर्म पर हस्ताक्षर कर और दस्तावेजों की कॉपी लगाकर TIN-NSDL के ऑफिस भेजना होता है।
पैन कार्ड के लिए आवश्यक दस्तावेज
पैन कार्ड प्राप्त करने के लिए, ऑनलाइन/ऑफलाइन आवेदन फॉर्म (फॉर्म 49A या फॉर्म 49AA) को दस्तावेजों के साथ जमा करना होता है ताकि वेरिफिकेशन प्रकिर्या पूरी हो सके। आवश्यक दस्तावेज आवेदक पर निर्भर करते हैं। इन दस्तावेजों की लिस्ट निम्नलिखित है-
आवेदक व्यक्ति के लिए दस्तावेज
- पहचान पत्र की कॉपी जो इनमें से किसी भी दस्तावेज की हो सकती है
- कोई भी सरकार द्वारा जारी की गई आईडी – आधार, डीएल, वोटर आईडी इत्यादि
- हथियार का लाइसेंस
- पेंशनर कार्ड जिसमें आवेदक की तस्वीर होती है
- एक फोटो आईडी कार्ड जो केंद्र सरकार, राज्य सरकार या एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम द्वारा जारी किया जाता है
- केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना कार्ड या पूर्व सैनिकों की स्वास्थ्य योजना फोटो कार्ड
- एक मूल बैंक प्रमाणपत्र जो बैंक की शाखा से बैंक के लेटरहेड पर जारी किया जाता है और जारी करने वाले अधिकारी द्वारा सत्यापित किया जाता है. इस तरह के प्रमाण पत्र में बैंक अकाउंट नंबर के साथ आवेदक की एक अटेस्टेड फोटो होनी चाहिए
- पते के प्रमाण पत्र की कॉपी जो इनमें से किसी भी दस्तावेज की हो सकती है
- बिजली, लैंडलाइन या ब्रॉडबैंड कनेक्शन बिल
- पोस्टपेड मोबाइल फोन बिल
- पानी का बिल
- एलपीजी या पाइप्ड गैस कनेक्शन बिल या गैस कनेक्शन बुक
- बैंक खाता जानकारी
- क्रेडिट कार्ड की जानकारी
- जमा खाता जानकारी
- पोस्ट ऑफिस अकाउंट पासबुक
- पासपोर्ट
- मतदाता पहचान पत्र
- ड्राइविंग लाइसेंस
- संपत्ति पंजीकरण दस्तावेज़
- भारत सरकार द्वारा जारी किया गया अधिवास प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड
- संस्थान/कंपनी से मूल प्रमाण पत्र प्रदान किया गया कि संस्थान/कंपनी एक प्रतिष्ठित सार्वजनिक या निजी निगम है
- जन्म प्रमाण की तारीख जो निम्नलिखित में से किसी एक दस्तावेज की एक कॉपी हो सकती है:
- जन्म प्रमाण पत्र जो नगरपालिका या किसी प्राधिकृत प्राधिकारी द्वारा जारी किया जाता है
- मैट्रिकुलेशन प्रमाणपत्र
- पेंशन भुगतान आदेश
- पासपोर्ट
- रजिस्ट्रार ऑफ मैरिज द्वारा जारी किया गया मैरिज सर्टिफिकेट
- ड्राइविंग लाइसेंस
- भारत सरकार द्वारा जारी किया गया डॉमीसाल प्रमाण पत्र
- आवेदक की जन्मतिथि बताते हुए एक मजिस्ट्रेट के समक्ष शपथ पत्र
हिन्दू अंडिवाइडेड फैमिली (एचयूएफ) के लिए
- एचयूएफ के कर्ता द्वारा जारी एक हलफनामा जिसमें नाम, पता और प्रत्येक कॉपीरेंसर के पिता का नाम उस तारीख को लिखा हो जिस दिन आवेदन किया गया हो
- पहचान पत्र, पते का प्रमाण और एचयूएफ के एक करते होने के मामले में जन्मतिथि प्रमाण पत्र
भारत में रजिस्ट कंपनी के लिए
- कंपनी रजिस्टरार द्वारा जारी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की कॉपी
फर्म और भारत में बनी या रजिस्टर पार्टनरशिप कंपनी के लिए
- लिमिटेड लिअब्लिटी पार्टनरशिप या फर्म रजिस्ट्रार द्वारा जारी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की कॉपी
- पार्टनरशिप दस्तावेज की कॉपी
भारत में बने या रजिस्टर ट्रस्ट के लिए
- चैरिटी कमिश्नर द्वारा जारी रजिस्ट्रेशन नंबर सर्टिफिकेट की कॉपी या ट्रस्ट दस्तावेज की कॉपी
व्यक्तियों के संघ के लिए
- को-ऑपरेटिव सोसाइटी या चैरिटी कमिश्नर या अन्य सक्षम प्राधिकारी के रजिस्ट्रार से रजिस्ट्रेशन नंबर सर्टिफिकेट / प्रमाण पत्र की कॉपी या केंद्र / राज्य सरकार द्वारा जारी किया गया कोई भी दस्तावेज जिसमें आवेदक की पहचान और पता हो
उनके लिए जो भारतीय नागरिक नहीं हैं
- पहचान का एक प्रमाण जो निम्नलिखित में से कोई भी हो सकता है:
- पासपोर्ट की कॉपी
- भारत सरकार द्वारा जारी पीआईओ कार्ड की कॉपी
- भारत सरकार द्वारा जारी ओसीआई कार्ड की कॉपी
- अन्य राष्ट्रीय या नागरिकता पहचान संख्या की कॉपी या भारतीय दूतावास, उच्चायोग या जहां आवेदक आधारित है, द्वारा जारी टीआईएन.
- पते का प्रमाण निम्नलिखित में से कोई एक हो सकता है:
- पासपोर्ट की कॉपी
- भारत सरकार द्वारा जारी पीआईओ कार्ड की कॉपी
- भारत सरकार द्वारा जारी ओसीआई कार्ड की कॉपी
- अन्य राष्ट्रीय या नागरिकता पहचान संख्या की कॉपी या भारतीय दूतावास, उच्चायोग या जहां आवेदक आधारित है, द्वारा जारी टीआईएन
- आवासीय देश के बैंक स्टेटमेंट की कॉपी
- भारत में एनआरई बैंक विवरण की कॉपी
- निवासी प्रमाण पत्र या आवासीय परमिट की कॉपी
- एफआरओ द्वारा जारी पंजीकरण प्रमाण पत्र की कॉपी
- किसी भी भारतीय कंपनी से प्राप्त वीजा और नियुक्ति पत्र की कॉपी
मूल पैन कार्ड खोने पर डुप्लीकेट पैन कार्ड के लिए कैसे आवेदन करें?
अगर आपने अपना मूल पैन कार्ड खो दिया है तो आप डुप्लीकेट पैन कार्ड के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरह से आवेदन कर सकते हैं। TIN-NSDL और UTIITSL दोनों ही डुप्लीकेट पैन कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन और भुगतान की अनुमति देते हैं। इसकी प्रकिर्या निम्नलिखित है:
- TIN-NSDL और UTIITSL की वेबसाइट पर जाएं और डुप्लीकेट पैन कार्ड के लिए आवेदन करें
- भारतीय नागरिक फॉर्म 49A और विदेशी फॉर्म 49AA भरें
- भुगतान ऑनलाइन या डिमांड ड्राफ्ट द्वारा करें
- अपने इस फॉर्म का प्रिंट लें और इसे इनकम टैक्स पैन सर्विस यूनिट, एनएसडीएल ई-गवर्नेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, 5वा फ्लोर, मन्त्री स्टर्लिंग, प्लॉट नं 341, सर्वे न० 997/8, मॉडल कॉलोनी, दीप बंगला चौक के पास, पुणे – 411 016
- आपको 45 दिनों में पैन कार्ड मिल जाएगा
पैन कार्ड के प्रकार
जब से पैन कार्ड व्यक्तियों और कंपनियों के लिए उपलब्ध है जब से अलग-अलग तरह के पैन कार्ड कार्ड के लिए अलग-अलग तरह के पैन कार्ड आवेदन फॉर्म के द्वारा आवेदन किया जा सकता है। पैन कार्ड और इनके आवेदन फॉर्म के प्रकट निम्नलिखित है:
व्यक्तियों के लिए पैन कार्ड
ये सबसे आम पैन कार्ड है जो व्यक्तियों को जारी किया जाता है। इसके लिए आवेदन NSDL और UTIITSL की वेबसाइट पर ऑनलाइन उपलब्ध फॉर्म 49 द्वारा किया जाता सकता है। कोई भी योग्य भारतीय व्यक्ति, छात्र और नाबालिग इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
गैर-निवासी व्यक्तियों या भारतीय मूल के व्यक्तियों के लिए पैन कार्ड
एनआरआई और पीआईओ भारत में टैक्सेशन के उद्देश्य से पैन कार्ड का लाभ उठा सकते हैं। उन्हें भी इस कार्ड का लाभ उठाने के लिए फॉर्म 49A जमा करना होगा।
भारत में टैक्स देने वाली विदेशी संस्थाओं के लिए पैन कार्ड
वे फर्म या कॉरपोरेट जो भारत के बाहर रजिस्टर हैं, लेकिन भारत में अपने व्यापार संचालन के आधार पर भारत में टैक्स का भुगतान करते हैं, पैन कार्ड का लाभ भी उठा सकती हैं। उन्हें पैन कार्ड आवेदन प्रक्रिया के लिए फॉर्म 49AA भरना होगा और जमा करना होगा।
OCI और NRE के लिए पैन कार्ड
ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया और नॉन रेजिडेंट एंटिटीज भी पैन कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। प्रासंगिक फॉर्म जो पैन कार्ड के लिए आवेदन करते समय उनके द्वारा भरा जाना चाहिए, फॉर्म 49AA है।
भारतीय कंपनियों के लिए पैन कार्ड
भारत में रजिस्टर और काम करने के वाली कॉर्पोरेट कम्पनियाँ भी अपने फाइनेंशियल और टैक्स-संबंधी लेनदेन के लिए पैन कार्ड के लिए आवेदन कर सकती हैं।
पैन कार्ड का स्ट्रक्चर- पैन कार्ड की जानकारी
पैन कार्ड में बहुत आम जानकारी होती है जो केवाईसी (नो योर कस्टमर) के नियमों के तहत पहचान और उम्र के प्रमाण के लिए योग्य है। पैन कार्ड में निम्नलिखित जानकारी होती है:
- कार्डधारक का नाम: इसमें सबसे मुख्य जानकारी कार्डधारक का नाम होती है। किसी व्यक्ति के मामले में ये व्यक्ति का नाम, किसी कंपनी के मामले में ये कंपनी का नाम और किसी पार्टनरशिप फर्म के मामले में ये उसका का नाम होगा
- कार्डधारक के पिता का नाम: अगर पैन कार्ड किसी व्यक्ति का होता है तो उसके पिता का नाम पैन कार्ड में होगा
- जन्मतिथि: किसी व्यक्ति के पैन कार्ड के मामले में कार्डधारक की जन्म तिथि पिता के नाम के नीचे लिखी होती है। यह जानकारी कार्डधारक के जन्मतिथि के प्रमाण के तौर पर योग्य होती है। कंपनियों और पार्टनरशिप फर्मों के मामले में, उनके रजिस्ट्रेशन की तारीख लिखी होती है
- पैन कार्ड नंबर: अगली और सबसे महत्वपूर्ण जानकारी परमानेंट अकाउंट नंबर या पैन नंबर होती है। प्रत्येक व्यक्ति/कंपनी का पैन नम्बर अलग होता है और इसमें विभिन्न जानकारियां होती हैं। ये नंबर कार्डधारक द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर बनता है। ये 10 अक्षरों एल्फानुमेरिक नंबर होता है और प्रत्येक अक्षर में कुछ जानकारी होती है। इन अक्षर में निम्नलिखित जानकारी होती है:
- पहले तीन अक्षर: पहले तीन अक्षरों अल्फाबेटिकल होते हैं और A से Z के बीच में से होते हैं
- चौथा अक्षर: पैन नंबर का चौथा अक्षर टैक्सधारक की केटेगरी (श्रेणी) बताता है। ये केटेगरी निम्नलिखित हैं:
- ऐ – एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स
- बी – व्यक्तिय का शरीर
- सी – कंपनी
- एफ – फर्म
- जी – सरकार
- एच – हिंदू अविभाजित परिवार
- एल – लोकल अथॉरिटीण
- जे – आर्टिफीशियल जुडिशल पर्सन
- पी – व्यक्तिगत
- टी – ट्रस्ट के लिए व्यक्तियों का एसोसिएशन
- पाँचवाँ अक्षर- पाँचवाँ अक्षर व्यक्ति के उपनाम का पहला अक्षर है
- बाकी के अक्षर- बाकी के अक्षर रैंडम होते हैं। पहले 4 अक्षर नंबर जबकि अंतिम का एक अल्फाबेट होता है
- व्यक्ति का हस्ताक्षर- पैन कार्ड पर अंतिम जानकारी व्यक्ति के हस्ताक्षर के रूप में होती हैं। जैसे, पैन कार्ड विभिन्न फाइनेंशियल लेनदेन के लिए आवश्यक व्यक्ति के हस्ताक्षर के प्रमाण के रूप में भी कार्य करता है
- व्यक्ति का फोटो – पैन कार्ड के निचले दाहिने हाथ में कार्डधारक की तस्वीर भी मौजूद होती है जो कार्ड को व्यक्ति के फोटो पहचान प्रमाण के रूप में कार्य करने के योग्य बनाता है। कंपनियों और फर्मों के मामले में, कार्ड पर कोई तस्वीर मौजूद नहीं होती है
पैन कार्ड के लाभ
पैन कार्ड के लाभ निम्नलिखित हैं:
- टैक्स भरने के लिए: व्यकितियों और कंपनियों को टैक्स भरने के लिए अपना पैन नंबर देना आवश्यक होता है। अगर कोई पैन कार्ड नहीं है, तो व्यक्तियों और संस्थाओं को अपनी आय का 30% का टैक्स देना होगा चाहे वो किसी भी टैक्स स्लैब में आते हों। इसलिए, टैक्स भरने के लिए पैन नंबर की आवश्यकता होती है। पैन नंबर द्वारा पैन कार्ड की स्थिति की जानी जा सकती है
- व्यवसाय का रजिस्ट्रेशन – कंपनियां, पार्टनरशिप फर्म, हिंदू अविभाजित परिवार या अन्य संस्थाएं को अपने व्यवसायों का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए पैन नंबर होना अनिवार्य है
- फाइनेंशियल लेनदेन: कोई भी व्यक्ति/कंपनी फाइनेंशियल लेनदेन तभी कर सकती है जब उसके पास पैन कार्ड हो। किसी भी अचल संपत्ति की बिक्री या खरीद, जिसका मूल्य 5 लाह रु. या उससे अधिक हो, किसी दुपहिया वाहन को छोड़कर किसी भी वाहन की बिक्री या खरीद, किसी भी बैंक में 50,000 रुपये से अधिक की राशि जमा करना, 50,000 रुपये मूल्य या उससे अधिक के बांड खरीदना, भारत के बाहर धनराशि निकालना, विदेश यात्रा के लिए किया गया खर्च, अगर ऐसे खर्च 25,000 रु. से अधिक हैं, म्यूचुअल फंड स्कीम खरीदना, बीमा पॉलिसियाँ खरीदना या 50,000 और उससे अधिक मूल्य के शेयर आदि
- उपयोगिता कनेक्शन लेने के लिए – कई उदाहरणों में जब यूटिलिटीज जैसे पोस्ट-पेड मोबाइल फोन कनेक्शन, एलपीजी कनेक्शन, बिजली कनेक्शन, इंटरनेट कनेक्शन आदि की आवश्यकता होती है, तो पैन कार्ड काम में आता है। हालाँकि, यह हमेशा सलह दी जाती है कि यदि संभव हो तो आप वैकल्पिक आईडी प्रूफ जैसे डीएल, वोटर आईडी कार्ड आदि का उपयोग करें
- बैंक खाता खोलने के लिए: इनदिनों बैंक में खाता खोलने के लिए के केवाईसी (नो योर कस्टमर) नियम के तहत पैन कार्ड अनिवार्य दस्तावेज बन गया है
पैन कार्ड ट्रैकिंग/ पैन कार्ड इन्क्वायरी/पैन कार्ड ऑनलाइन स्टेटस जानें
पैन स्टेटस जानें- पैन कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के बाद उसका स्टेटस (स्तिथि) जान सकते हैं। पैन कार्ड आवेदन का स्टेटस ट्रैक किया जा सकता है जहां पैन स्टेटस दिखाताहै कि कार्ड जारी किया गया है या नहीं या यदि यह वर्तमान में प्रकिर्या में है या नहीं। आवेदक पैन कार्ड स्टेटस या UTI पैन कार्ड स्टेटस/NSDL पैन कार्ड स्टेटस उनकी वेबसाइट पर जान सकता है। UTI पैन कार्ड स्टेटस UTIITSL और NSDL पैन कार्ड स्टेटस NSDL की वेबसाइट पर जान सकते हैं। आवेदक नाम और जन्मतिथि डालकर ऑनलाइन पैन कार्ड स्टेटस जान सकता है।
पैन कार्ड में बदलाव करें
मौजूदा पैन कार्ड धारक अपने मौजूदा पैन कार्ड की जानकारी में बदलाव कर सकते हैं, जबकि उसी समय पैन नंबर को बनाए रख सकते हैं। पैन कार्ड की कोई भी जानकारी इसकी प्रकिर्या के तहत बदली जा सकती है। इसके लिए पैन कार्ड अपडेट या करेक्शन फॉर्म भर सम्बंधित अथॉरिटी को जमा करना होगा।
डुप्लीकेट पैन कार्ड
मूल पैन कार्ड खोने पर, कार्डधारक फॉर्म और आवेदक फी जमा कर डुप्लीकेट पैन कार्ड के लिए आवेदन कर सकता है।
क्या होता है अगर आपके पास पैन कार्ड ना हो?
आपके पास पैन कार्ड क्यों होना चाहिए इसके कई कारण है:
- बिना पैन कार्ड के आप 50,000 रु. से ज़्यादा का फाइनेंशियल लेनदेन नहीं कर सकते हैं
- संपत्ति या ज़मीन खरीदने बेचने के लिए पैन कार्ड अनिवार्य है
- पैन कार्ड के बिना टैक्स नहीं भर सकते हैं
- पैन नंबर ना होने पर आपका क्रेडिट कार्ड/लोन आवेदन अस्वीकार कर दिया जाएगा
संबंधित सवाल
प्रश्न. मैं पैन कार्ड के लिए कैसे आवेदन कर सकता हूँ?
उत्तर: आप पैन कार्ड के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से आवेदन कर सकते हैं। आप TIN NSDL की वेबसाइट या UTIITSL की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकता हैं। ऑफलाइन आवेदन के लिए आप पैन केंद्र में जा सकते हैं।
प्रश्न. मुझे पैन आवेदन फॉर्म कहाँ से प्राप्त होगा?
उत्तर: आपको पैन आवेदन फॉर्म पैन केंद्र में मिल जाएगा। इसके अलावा, आप TIN NSDL की वेबसाइट से पैन आवेदन फॉर्म फॉर्म 49A और फॉर्म 49AA डाउनलोड कर सकते हैं।
प्रश्न. क्या मुझे पैन आवेदन फॉर्म के लिए कोई शुल्क देना होगा?
उत्तर: आपको पैन आवेदन फॉर्म के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा। हालाँकि, आपको आवेदन के लिए शुल्क देना होगा जो भारत में रह रहे लोगों के लिए 107 रु. हैं और 1017 रु. भारत से बाहर रह रहे लोगों के लिए।
प्रश्न.पैन आवेदन फॉर्म कहा जमा किया जाता है?
उत्तर: फॉर्म आवेदन फॉर्म को भेजना होगा:
आयकर पैन सेवा इकाई,
NSDL ई-गवर्नेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड,
5 वीं मंजिल, मन्त्री स्टर्लिंग, प्लॉट नं 341,
सर्वे नंबर 997/8, मॉडल कॉलोनी,
दीप बंगला चौक के पास, पुणे – 411 016
प्रश्न. जब मैं पैन कार्ड के लिए फॉर्म 49A जमा करता हूं, तो मुझे क्या शुल्क देना होगा?
उत्तर: भारत में रह रहे आवेदकों के लिए शुल्क 107 रु. हैं और 1017 रु. भारत से बाहर रह रहे लोगों के लिए।
प्रश्न. क्या आवेदन फॉर्म के साथ 2 फ़ोटो देना अनिवार्य है?
उत्तर: हाँ, आपको अपने पैन आवेदन फॉर्म के साथ 2 फ़ोटो देने होंगें।
प्रश्न. मुझे अपने पैन कार्ड आवेदन का स्टेटस (स्तिथि) कैसे पता करना चाहिए?
उत्तर: आप ऑनलाइन पैन आवेदन का स्टेटस जान सकते हैं। इसके लिए इस वेबसाइट पर जाएं, https://tin.tin.nsdl.com/pantan/StatusTrack.html Or http://www.trackpan.utiitsl.com/PANONLINE/#forward
प्रश्न. जो आवेदक हस्ताक्षर नहीं कर सकते उनके लिए क्या आवेदन प्रकिर्या है?
उत्तर: जो आवेदक हस्ताक्षर कर सकते हैं और जो नहीं कर सकते, दोनों के लिए समान प्रकिर्या है। आवेदक अगर हस्ताक्षर नहीं कर सकता तो वो अंगूठे का निशान लगा सकता है।
प्रश्न.मैं अपने पैन कार्ड पर फोटो कैसे बदल सकता हूँ?
उत्तर: पैन कार्ड में किसी भी तरह का बदलाव करने के लिए आपको पैन कार्ड करेक्शन फॉर्म भरना होगा।
प्रश्न. क्या एक नाबालिग पैन कार्ड के लिए आवेदन कर सकता है?
उत्तर: हां, नाबालिग पैन कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। उन्हें भी पैन कार्ड से कई सुविधाएँ मिल सकती हैं।
प्रश्न. पैन कार्ड प्राप्त करने में कितना समय लगता है?
उत्तर: पैन कार्ड प्राप्त करने में 45 दिन का समय लगता है। इसमें आपके आवेदन करने के दिन से लेकर पैन कार्ड प्राप्त करने तक का दिन है। हालाँकि, कई मामलों में समय ज़्यादा लग सकता है।
प्रश्न. पैन होना ज़रूरी क्यों है?
उत्तर: अगर आपके पास पैन नहीं है तो आप आयकर नहीं भर सकते हैं। जो भी बैंक अकाउंट पैन से लिंक नहीं हैं वो जल्द ही निष्क्रिय हो जाएंगें। इसके अलावा, 50,000 से ज़्यादा का लेनदेन करने के लिए पैन होना अनिवार्य है।
प्रश्न. आयकर विभाग यह कैसे सुनिश्चित करता है कि उपर बताए गए लेनदेन के लिए पैन जानकारी दी गई है?
उत्तर: आयकर विभाग ने फाइनेंशियल दस्तावेज प्राप्त करने वाली संस्थाओं को वैधानिक दिशा-निर्देश दिए हैं कि जहां भी अनिवार्य हो वहां दस्तावेज में पैन की जानकारी दी जाए अन्यथा दस्तावेज अपूर्ण माने जाते हैं।
प्रश्न. क्या महिला आवेदकों के लिए पिता का नाम अनिवार्य है (विवाहित / तलाकशुदा / विधवा सहित)?
उत्तर: महिला आवेदकों को पैन आवेदन फॉर्म में अपने पिता के नाम का उल्लेख करना होगा, चाहे वे अविवाहित, विवाहित, तलाकशुदा या विधवा हों।
प्रश्न. एक नाबालिग, मानसिक रूप से विकलांग और कोर्ट के वार्ड की ओर से कौन आवेदन कर सकता है?
उत्तर: आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 160 के अनुसार, एक निर्धारित प्रतिनिधि नाबालिग, मानसिक रूप से विकलांग और अदालत के वार्डों का प्रतिनिधित्व कर सकता है। ऐसे मामलों में, निम्नलिखित जानकारी प्रदान की जानी चाहिए:
- नाबालिग, पागल, बेवकूफ, मानसिक विकलांग, अदालत के वार्ड आदि की जानकारी।
- पैन आवेदन पत्र के आइटम 14 में निर्धारित प्रतिनिधि की जानकारी प्रदान की जानी है।
प्रश्न. अगर मैं विदेशी हूं तो भी मेरे पास पैन कार्ड क्यों होना चाहिए?
उत्तर: भारत में व्यवसाय करने वाला व्यक्ति, चाहे वह भारतीय हो या विदेशी, उसे टैक्स का भुगतान करने की आवश्यकता होती है और टैक्स का भुगतान करने के लिए, पैन कार्ड होना आवश्यक है। साथ ही, भारत में उच्च मूल्य की संपत्ति खरीदने के लिए पैन कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है।
प्रश्न. “नए पैन कार्ड के लिए अनुरोध या पैन में परिवर्तन या सुधार” के लिए फॉर्म जमा करते समय कोई शुल्क देना होता है?
उत्तर: चाहे पैन में परिवर्तन या सुधार का आवेदन नए पैन कार्ड के लिए हो या मौजूदा कार्ड में के लिए, भारत में रहने वाले आवेदकों को 107 रुपये का शुल्क देना होगा, जबकि भारत के बाहर रहने वालों को 1017 रुपये का शुल्क देना होगा।
अन्य दस्तावेजों की भी जानकारी पाएं जैसे: