आधार वर्चुअल आईडी एक 16-डिजिट का अस्थायी कोड है जिसका उपयोग आधार वेरिफिकेशन के लिए किया जा सकता है। आप एजेंसियों को अपने आधार नंबर के बजाय UIDAI वर्चुअल आईडी दे सकते हैं और अपनी आधार जानकारी को सुरक्षित रख सकते हैं, इससे कोई दूसरा आपकी आधार जानकारी प्राप्त नहीं कर सकता है। आप प्राइवेट और सरकारी दोनों संगठनों में अपने e-KYC पूरा करने के लिए आधार वर्चुअल आईडी प्रदान कर सकते हैं। वर्चुअल आईडी का इस्तेमाल आधार कार्ड को UIDAI के ऑफलाइन पोर्टल से डाउनलोड करने के लिए भी किया जा सकता है।
आधार वर्चुअल आईडी क्या है?
वर्चुअल आईडी आधार नंबर का एक विकल्प है। इस अस्थायी कोड में 16 डिजिट होते हैं जो एक आधार नंबर पर उत्पन्न होते हैं। हालाँकि, किसी भी स्थिति में वर्चुअल आईडी का उपयोग मूल आधार कार्ड को दोबारा प्राप्त करने के लिए नहीं किया जा सकता है एक बार में एक आधार नंबर के लिए केवल एक ही वर्चुअल आईडी बन सकती है। उपयोगकर्ता जितनी बार चाहे उतनी बार इसको उत्पन्न कर सकता है। यह कोड कम से कम एक दिन के लिए मान्य होता है।

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आधार वर्चुअल आईडी ऑनलाइन बनाने के लिए इस तरीके का पालन करें
आपको अपने आधार के बजाय उपयोग करने के लिए एक वर्चुअल आईडी बनानी होगी। वर्चुअल आईडी को UIDAI की आधिकारिक साइट पर जाकर ऑनलाइन बनाया जा सकता है। यह भी प्रस्तावित है कि वर्चुअल आईडी बनाने का विकल्प भविष्य में mAadhaar app में प्रदान किया जा सकता है। हालाँकि, ध्यान रहें कि इस सेवा का लाभ उठाने के लिए मोबाइल नंबर UIDAI के साथ रजिस्टर्ड होना चाहिए क्योंकि वर्चुअल आईडी आपके मोबाइल नंबर पर ही भेजा जाएगा। यदि आपने अपना मोबाइल नंबर UIDAI के साथ रजिस्टर्ड नहीं किया है, तो आपको पहले अपना मोबाइल नंबर आधार के साथ जोड़ना होगा। वर्चुअल आईडी और वर्चुअल आईडी प्राप्त करने की प्रक्रिया एक ही है। आधार वर्चुअल आईडी बनाने के लिए, निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें:
स्टेप 1: UIDAI की वेबसाइट http://uidai.gov.in/ पर जाएँ
स्टेप 2: “Aadhaar Services” सेक्शन में “Virtual ID (वर्चुअल आईडी) Generator” पर क्लिक करें
स्टेप 3: आपको एक नए वर्चुअल आईडी जेनरेशन पेज पर ले जाया जाएगा: https://goo.gl/vFQgic
स्टेप 4: अपना 12- अंकीय आधार नंबर और सिक्योरिटी कोड दर्ज करें
स्टेप 5: अब “Send OTP” बटन पर क्लिक करें
स्टेप 6: UIDAI के साथ रजिस्टर्ड आपके मोबाइल नंबर पर एक OTP भेजा जाएगा
स्टेप 7: OTP दर्ज करें और “Generate वर्चुअल आईडी” और “Retrieve वर्चुअल आईडी” में से एक विकल्प चुनें
स्टेप 8: अब “Submit” बटन पर क्लिक करें
स्टेप 9: आपको एक मैसेज प्राप्त होगा, “Congratulations! आपका वर्चुअल आईडी नंबर सफलतापूर्वक जनरेट हो गया है और आपके रजिस्टर्ड मोबाइल पर भेज दिया गया है।”
स्टेप 10: आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर, आधार के अंतिम 4 अंकों का उल्लेख करते हुए , 04-04-2018:11:31:02 पर उत्पन्न किए गए आधार नंबर के लिए 16-अंकीय वर्चुअल आईडी का मैसेज आयेगा
स्टेप 11: आप अन्य आधार नंबर के साथ-साथ अपने परिवार के लिए भी वर्चुअल आईडी बना सकते हैं
वर्चुअल आईडी की आवश्यकता क्यों होती है?
ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें कथित रूप से आधार जानकारी लीक होने के दावे किए गए हैं। लोग अपने आधार की सुरक्षा और इसकी जानकारी के लीक होने पर परेशान हैं। UIDAI ने लोगों की परेशानियों का समाधान करते हुए एक वर्चुअल आईडी का निर्माण किया है। जब उपयोगकर्ता आधार के बजाय अपना वर्चुअल आईडी प्रदान करते हैं, तो एजेंसी आवेदक का आधार नंबर प्राप्त नहीं कर सकते हैं और वेरिफिकेशन हमेशा की तरह किया जाता है। इस प्रकार, आधार नंबर और अन्य जानकारी को किसी भी तरह से एजेंसी प्राप्त नहीं कर सकते हैं और आधार नंबर तथा अन्य जानकारी हैक किए जाने से सुरक्षित रहती हैं।
आधारधारक वर्चुअल आईडी बना सकते हैं और किसी भी सेवा को प्रमाणित करने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। एक बार वेरिफिकेशन पूरा हो जाने के बाद, आवेदक अपनी वर्चुअल आईडी दोबारा जारी कर सकता है, ताकि यदि एजेंसी के पास जानकारी हो तो वो किसी इस्तेमाल की न रहें।

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आधार वर्चुअल आईडी की 11 विशेषताएँ
UIDAI ने वर्चुअल आईडी के माध्यम से अपने सिस्टम में कई अपडेट किए है। वर्चुअल आईडी की कुछ मुख्य विशेषताएँ हैं:
1. वर्चुअल आईडी एक अस्थायी16डिजिट का कोड है जो वेरिफिकेशन के लिए आधार की जगह इस्तेमाल होता है
2. एक समय में केवल एक वर्चुअल आईडी जारी की जा सकती है। जब भी नयी वर्चुअल आईडी जारी की जाती है तो पुराने को हटा दिया जाता है
3. वर्चुअल आईडी से आधार नंबर प्राप्त नहीं किया जा सकता है
4. कितनी बार भी वर्चुअल आईडी बनाई जा सकती है
5. वर्चुअल आईडी बनाना अनिवार्य नहीं है। एक व्यक्ति वर्चुअल आईडी के बजाय अपना आधार पेश कर सकता है
6. एजेंसियाँ आवेदकों को e-KYC या वैरिफिकेशन के लिए आधार न० देने के लिए बाध्य नहीं कर सकती हैं
7. एजेंसियों को वर्चुअल आईडी का उपयोग करके वेरिफिकेशन के लिए उपयोगकर्ता से सहमति लेनी होगी
8. कोई भी एजेंसी वेरिफिकेशन के लिए ली गई वर्चुअल आईडी या किसी अन्य आधार जानकारी को रखने के लिए अधिकृत नहीं है
9. वर्चुअल आईडी तब तक वैध है, जब तक उपयोगकर्ता एक नई आईडी जनरेट नहीं करता है
10.जब भी आप अपना आधार दोबारा प्राप्त करते हैं, तो अंतिम जनरेट वर्चुअल आईडी को रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजा जाता है
संबंधित सवाल
प्रश्न. मेरे पास आधार कार्ड नहीं है। क्या मुझे वर्चुअल आईडी मिल सकती है?
उत्तर: वर्चुअल आईडी आधार नंबर पर जनरेट होती है। अगर आपके पास आधार कार्ड नहीं है, तो आपको पहले उस के लिए रजिस्टर करना होगा और जब आपको अपना आधार मिल जाएगा, तो आप अपना वर्चुअल आईडी बना सकते हैं।
प्रश्न. मेरे पास मेरा एनरोलमेंट आईडी है। क्या मैं वर्चुअल आईडी जनरेट कर सकता हूँ?
उत्तर: आप केवल आधार नंबर पर ही वर्चुअल आईडी जनरेट कर सकते हैं। एनरोलमेंट आईडी से वर्चुअल आईडी जनरेट करने की सेवा अब तक प्रदान नहीं की गई है।
प्रश्न. मैंने अपने मोबाइल नंबर को आधार से नहीं जोड़ा है। क्या मैं अपनी वर्चुअल आईडी जनरेट कर सकता हूँ?
उत्तर: आधार से जुड़ी सभी ऑनलाइन सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए इसे मोबाइल नंबर से जोड़ना अनिवार्य है। यदि आपने अपना मोबाइल नंबर आधार के साथ नहीं जोड़ा है, तो आपको पहले नज़दीकी आधार नामांकन केंद्र पर जाकर अपना मोबाइल नंबर जोड़ना होगा और फिर आप वर्चुअल आईडी जनरेट करनी होगी।