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क्रेडिट इंफॉर्मेंशन कंपनी (CIC) या क्रेडिट ब्यूरो RBI से लाइसेंस प्राप्त एक ऑथोराइज्ड ऑर्गेनाइजेशन है। जो देश भर के वित्तीय संस्थानों से व्यक्तियों और कंपनियों की लोन व क्रेडिट जानकारी इकट्ठा करती है और इस जानकारी के आधार पर क्रेडिट रिपोर्ट तैयार करती है। आइए जानते हैं भारत में कितने तरह के क्रेडिट ब्यूरो हैं और क्रेडिट इंफॉर्मेंशन कंपनियां क्रेडिट रिपोर्ट कैसे बनाती हैं आदि:
जब कोई व्यक्ति या कंपनी किसी लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो बैंक/लोन संस्थान इन क्रेडिट ब्यूरो से संपर्क करके आवेदक की क्रेडिट रिपोर्ट मांगते हैं। इस क्रेडिट रिपोर्ट की मदद से बैंक यह समझते हैं कि किसी आवेदक को लोन देने में कितना जोखिम होगा और इसी आधार पर उन्हें लोन देने या ना देने का फैसला करते हैं। इस तरह लोन की मंजूरी और नामंजूरी में क्रेडिट स्कोर की अहम भूमिका होती है।
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भारत में चार क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कम्पनियाँ (CICs) या क्रेडिट ब्यूरो हैं। जिनके नाम- ट्रांसयूनियन सिबिल, इक्विफैक्स, एक्सपेरियन और CRIF हाइमार्क है। ये व्यक्तियों और कंपनियों को क्रेडिट इंफॉर्मेंशन सर्विस प्रदान करते हैं। इनके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है:
ट्रांसयूनियन को पहले क्रे़डिट इंफॉर्मेंशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। यह एक प्रसिद्ध क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी (सीआईसी) है जो दुनिया भर में 1000 मिलियन से अधिक व्यक्तियों और व्यवसायों की क्रेडिट जानकारी रखती है। भारत में, ट्रांसयूनियन सिबिल को सबसे भरोसेमंद क्रेडिट ब्यूरो में से एक माना जाता है। इसके सदस्यों में सभी प्रमुख बैंक, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां (एचएफसी) और एनबीएफसी समेत कुल 5000 वित्तीय संस्थान शामिल हैं।
ट्रांसयूनियन सिबिल क्रेडिट इंफॉर्मेंशन प्रदान करने वाला सबसे बड़ा क्रेडिट ब्यूरो है। यह व्यवसायों के लिए क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट (CIRs), सिबिल कॉमर्शियल रिपोर्ट (CCRs) और सिबिल रैंक जारी करता है। जिसके आधार पर लोन संस्थान ये तय करते हैं कि आवेदक को लोन देना चाहिए या नहीं।
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इक्विफैक्स ने भारत में अपनी सेवाएं CIBIL की तुलना में काफी बाद में साल 2010 से शुरू की और इसका मुख्यालय मुंबई में है। इक्विफैक्स इंडिया भारत के 7 प्राथमिक वित्तीय संस्थानों और इक्विफैक्स इंकॉर्पोरेशन, यूएसए (USA) का एक जॉइंट वैंचर है।
इक्विफैक्स वित्तीय संस्थानों से व्यक्तियों और व्यवसायों की क्रेडिट इंफोर्मेंशन इकट्ठा करता है और इसके आधार पर क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट (CIRs) और क्रेडिट स्कोर तैयार किया जाता है। इक्विफैक्स माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस (एमएफआई) की बढ़ती उधार और नियामक जरूरतों को पूरा करने के लिए एक अलग क्रेडिट ब्यूरो का भी प्रबंधन करता है।
साल 2010 में एक्सपिरियन भारत का ऐसा पहला क्रेडिट ब्यूरो बना जिसे न्यू क्रेडिट इंफोर्मेंशन कंपनिज़ (रेगुलेशन) एक्ट (CICRA) 2005 के तहत लाइसेंस प्राप्त हुआ। एक्सपीरियन इंडिया व्यक्तियों और कंपनियों दोनों के लिए अपनी खुद की एक्सपीरियन क्रेडिट रिपोर्ट और स्कोर प्रदान करता है। इतना ही नहीं, यह व्यक्तियों और कॉमर्शियल एंटरप्राइज़ेज को क्रेडिट संबंधी सही निर्णय लेने के लिए इंफोर्मेंशन, मार्केटिंग सर्विस और विश्लेषणात्मक टूल प्रदान करता है।
CRIF High Mark एक ऐसा क्रेडिट ब्यूरो है जो देश भर के सभी उधारकर्ताओं जैसे- रिटेल (खुदरा) उपभोक्ताओं, MSMEs (सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम), एंटरप्राइजे़ज (वाणिज्यिक) और माइक्रोफाइनेंस उधारकर्ताओं आदि के लिए क्रेडिट इंफोर्मेंशन जारी करता है। CRIF क्रेडिट रिपोर्ट और क्रेडिट स्कोर जारी करने के अलावा बैंकों, एमएफआई, एनबीएफसी, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी), इंश्योरेंस कंपनियों, टेलीकॉम कंपनियों आदि को डेटा मैनेजमेंट और इससे संबंधित सॉफ्टवेयर भी प्रदान करता है। इसका मुख्यालय मुंबई में है।
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क्रेडिट इंफोर्मेंशन कंपनियां स्वतंत्र संस्थान होती हैं। ये कंज्यूमर्स के पहले और वर्तमान लोन, क्रेडिट कार्ड और अन्य किसी लोन प्रोडक्ट के बारे में जानकारी इकट्ठा करते हैं। ये जानकारियां प्रति माह वित्तीय संस्थान द्वारा क्रेडिट ब्यूरो को प्रदान की जाती है। इस जानकारी की मदद से क्रेडिट इंफोर्मेंशन कंपनियां व्यक्तियों के लिए क्रेडिट स्कोर और कंपनियों के लिए क्रेडिट रैंक तैयार करती हैं। इसे तैयार करने के लिए प्रत्येक क्रेडिट ब्यूरो अपने एल्गोरिथ्म का इस्तेमाल करता है। जिसकी वजह से एक ही व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर क्रेडिट इंफॉर्मेंशन कंपनियों के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है।
आपकी क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट लोन और इंश्योरेंस लेते समय मौजूदा लोन संस्थान (बैंक, एनबीएफसी, एचएफसी) और बीमा कंपनियों द्वारा चेक की जाती है। इसके अलावा जिसकी क्रेडिट रिपोर्ट है वह भी इसे देख सकते हैं। क्रेडिट स्कोर को अच्छा बनाएं रखने के लिए आवश्यक है कि आप अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को प्रति माह चेक करें और किसी प्रकार की गलती पता चलने पर क्रेडिट ब्यूरो को सूचित करें। इसके अलावा आप ऑनलाइन मार्केटप्लेस (पैसाबाज़ार) से फ्री में क्रेडिट रिपोर्ट की जांच कर सकते हैं और इसका आपके क्रेडिट रिपोर्ट पर किसी प्रकार का नाकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।
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प्रश्न. भारत में क्रेडिट इंफोर्मेंशन कंपनियां (CICs) कौन-सी है?
उत्तर: भारत में क्रेडिट इंफोर्मेंशन कंपनियों को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रेगुलेट करता है। ये कंपनियां देशभर के बैंकों/वित्तीय संस्थानों से व्यक्ति व कंपनियों की प्रति माह क्रेडिट इंफोर्मेंशन इकट्ठा करती हैं और इसके आधार पर क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट तैयार करती हैं। जिसके आधार पर लोन संस्थान आवेदक की लोन जोखिम क्षमता का मूल्यांकन करते हैं और लोन आवेदन मंजूर या नामंजूर करते हैं।
प्रश्न. भारत में कितने तरह की क्रेडिट इंफोर्मेंशन कंपनियां हैं?
उत्तर: भारत में 4 प्रतिष्ठित क्रेडिट इंफोर्मेंशन कंपनियां है, जो व्यक्ति और बिज़नेस कंपनियों के लिए क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रैंक जारी करते हैं। ये क्रेडिट ब्यूरो- ट्रांसयूनियन सिबिल, एक्सपीरियन, इक्वीफैक्स और CRIF हाई मार्क है।
प्रश्न. क्रेडिट इंफोर्मेंशन कंपनियों का क्या काम होता है?
उत्तर: आमतौर पर क्रेडिट इंफोर्मेंशन कंपनियां लोन संस्थानों से किसी व्यक्ति या व्यवसाय की क्रेडिट इंफोर्मेंशन इकट्ठा करती हैं और इसके आधार पर क्रेडिट रिपोर्ट और क्रेडिट रैंक तैयार करती हैं। क्रेडिट सूचना में व्यक्ति का पिछला और वर्तमान लोन व क्रेडिट कार्ड भुगतान संबंधी जानकारी होती है।
प्रश्न. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) कितनी क्रेडिट इंफोर्मेंशन कंपनियों को रेगुलेट करता है?
उत्तर: भारत के सभी 4 क्रेडिट इंफोर्मेंशन कंपनियां- ट्रांसयूनियन सिबिल, एक्सपिरियन, इक्विफैक्स और CRIF हाई मार्क RBI द्वारा रेगुलेट और ऑर्थोराइज्ड हैं।