बैंक ऑफ इंडिया (BOI) भारत का एक कॉमर्शियल बैंक है जिसका मुख्यालय मुंबई में है। बैंक की अब देश में 5,000 से अधिक शाखाएँ हैं। बैंक के पास रिटेल और कॉर्पोरेट ग्राहकों का बड़ा आधार है। वर्ष 1969 में बैंक का राष्ट्रीयकरण किया गया और अब पूरे भारत में शाखाओं का एक नेटवर्क है। बैंक ऑफ इंडिया सभी ग्राहकों की आवश्यकताओं को पूरा करता है, और उन्हें रिटेल बैंकिंग, कॉर्पोरेट बैंकिंग, लोन, असेसट मैनेजमेंट आदि से लेकर कई प्रॉडक्ट में अलग-अलग विकल्प प्रदान करता है। भारत में सबसे पुराने बैंकों में से एक होने के बावजूद, BOI अपने सिस्टम में बहुत सारे टेक्निक बदलाव करके प्रगति की ओर लगातार बढ़ा है। BOI ने अपने सिस्टम में जितने अपग्रेड किए है, उनमें से एक सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि ग्राहक अब BOI पर इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर कर सकते हैं।
इसका मुख्य कारण भारतीय रिजर्व बैंक के संपूर्ण बैंकिंग ईको-सिस्टम में अंकाउंट नंबर को मानकीकृत करने का निर्देश था। भारतीय रिजर्व बैंक भारत के सभी बैंकों में सभी अकाउंट नंबर के बीच एकरूपता पर ध्यान दे रहा है। यह ग्राहकों के लिए इंटर–बैंक ट्रांजेक्शन को आसान बनाने के लिए किया जाता है। ग्राहकों को दिया गया 15 डिजिट का अकाउंट नंबर सभी ट्रांजेक्शन को करने के लिए महत्वपूर्ण है, चाहे ट्रांजेक्शन इलेक्ट्रॉनिक या ऑफ़लाइन तरीके के माध्यम से किया गया हो। बैंक ऑफ इंडिया द्वारा प्रस्तुत 15 डिजिट का अकाउंट नंबर मानकीकृत फॉरमेट का एक हिस्सा है जो ट्रांजेक्शन करने के लिए आवश्यक है:
- NEFT (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर)
- RTGS (रियल–टाइम ग्रॉस सेटलमेंट)
- IMPS (इमिजेट पेमेंट सर्विस)
- ECS (इलेक्ट्रॉनिक क्लियरेंस सर्विस)
अपने मौजूदा ट्रेडिशनल शॉर्ट अकाउंट नंबर को नए 15 -डिजिट केफ़ॉरमेट में बदलने के लिए ग्राहक को केवल बैंक ऑफ इंडिया की किसी भी नज़दीकी शाखा में जाना होगा और नया अकाउंट नंबर प्राप्त करने के लिए आवेदन करना होगा। ऐसा करने पर बैंक अधिकारी आपको अपना नया 15-डिजिट का अकाउंट नंबर प्रदान करते हैं। अकाउंट नंबर का स्ट्रक्चर कोड ग्राहक द्वारा बैंक ऑफ इंडिया में आयोजित अकाउंट प्रकार पर आधारित होगा। एक ग्राहक BOI के साथ निम्नलिखित प्रकार के अकाउंट रख सकता है:
- सेविंग अकाउंट
- करेंट अकाउंट
- लोन अकाउंट
- डिपॉज़िट अकाउंट
इन सभी अकाउंट में एक अलग अकाउंट नंबर होता है इसलिए यदि कोई ग्राहक लोन अकाउंट में पैसा जमा करना चाहता है तो यह लोन अकाउंट नंबर प्रदान करके किया जा सकता है।
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बैंक ऑफ इंडिया अकाउंट नंबर का फॉर्मेट
हर एक अकाउंट नंबर एक विशिष्ट तरीके से कोडेड होता है। बैंक ऑफ इंडिया का अकाउंट नंबर निम्नानुसार है:
- 15– डिजिट का अकाउंट नंबर के पहले 4 अंक शाखा कोड का प्रतिनिधित्व करते हैं
- अगले 4 अंक अकाउंट का प्रकार (लोन अकाउंट, सेविंग अकाउंट या करेंट अकाउंट, आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऊपर दिए गए प्रत्येक अकाउंट में एक अलग कोड होगा और अकाउंट नंबर में दिखने वाला कोड विशिष्ट प्रकार के अकाउंट से जुड़ा होगा
- जबकि आखिरी 7 अंक आपके अकाउंट नंबर का प्रतिनिधित्व करते हैं
बैंक द्वारा प्रदान किए गए फॉर्म में सभी बैंकिंग उद्देश्यों के लिए 15-डिजिट बैंक अकाउंट नंबर का उपयोग किया जा सकता है।