बैंकिंग उद्योग कैश और लोन (क्रेडिट) सहित एक देश में फाइनेंस को संभालता है। बैंक वो इंस्टिट्यूशन हैं जो ग्राहकों के रुपये जमा करते हैं और संस्थाओं/ कॉर्पोरेट्स को लोन देते हैं और देश की अर्थव्यवस्था को बनाए रखने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। अर्थव्यवस्था में उनके महत्व को देखते हुए, अधिकांश देशों में बैंकिंग के सख्त नियम बनाए जाते हैं। भारत में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देश का मुख्य बैंकिंग संस्थान है जो देश की मौद्रिक नीति को नियंत्रित करता है।
बैंकों के प्रकार
बैंकों को चार प्रकार में बाटा गया है:
कमर्शियल बैंक को पब्लिक सेक्टर के बैंकों, प्राइवेट सेक्टर के बैंकों, विदेशी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के रूप में बाटा गया है। वहीं, कॉपरेटिव बैंकों को शहरी और ग्रामीण में बांटा गया है। इनके अलावा एक नया बैंक पेमेंट बैंक है।
कमर्शियल बैंक
कॉमर्शियल बैंकों को बैंकिंग रेग्युलेशन, 1949 के तहत रेग्युलेट किया जाता है और उनको व्यापार मॉडल को लाभ देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। उनका मुख्य कार्य रुपये जमा करना और आम जनता, कॉर्पोरेट और सरकार को लोन देना है। कॉमर्शियल बैंकों कों 4 भागों में बांट सकते हैं।
सार्वजानिक क्षेत्र के बैंक | निजी क्षेत्र के बैंक |
विदेशी बैंक | ग्रामीण क्षेत्रीय बैंक |
सार्वजानिक क्षेत्र बैंक
ये राष्ट्रीयकृत बैंक हैं और देश के कुल बैंकिंग कारोबार में इनका 75% से अधिक हिस्सा है। इन बैंकों की अधिकांश हिस्सेदारी सरकार के पास होता है। नेटवर्क के आधार पर SBI भारत का सबसे बड़ा पब्लिक सेक्टर का बैंक है और 5 सहयोगी बैंकों (1 अप्रैल 2017 को) के साथ विलय के बाद इसे दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों में स्थान मिला है।
इस समय देश में कुल 20 पब्लिक सेक्टर बैंक हैं जो निम्नलिखित हैं:
इलाहाबाद बैंक ![]() | ||
बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र | केनरा बैंक | इंडियन ओवरसीस बैंक |
पंजाब & सिंध बैंक![]() | पंजाब नेशनल बैंक ![]() | सिंडिकेट बैंक |
कॉर्पोरेशन बैंक | आंध्रा बैंक | यूको बैंक |
बैंक ऑफ़ बड़ोदा | यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया![]() | यूनाइटेड बैंक ऑफ़ इंडिया |
विजय बैंक | देना बैंक | इंडियन बैंक |
ओरिएंटल बैंक ऑफ़ कॉमर्स | सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया ![]() |
निजी क्षेत्र के बैंक
इनमें वे बैंक शामिल हैं जिनमें प्रमुख हिस्सेदारी या इक्विटी प्राइवेट शेयरधारकों के पास है। RBI द्वारा निर्धारित सभी बैंकिंग नियम और कानून प्राइवेट सेक्टर बैंक पर भी लागू होते हैं। भारत में प्राइवेट सेक्टर बैंकों की लिस्ट निम्नलिखित है।
HDFC बैंक ![]() | ICICI बैंक![]() | एक्सिस बैंक![]() |
यस बैंक![]() | इंडसइंड बैंक![]() | कोटक महिंद्रा बैंक![]() |
DCB बैंक![]() | बंधन बैंक ![]() | IDFC बैंक![]() |
सिटी यूनियन बैंक![]() | तमिलनाडु मर्सेनटाइल बैंक![]() | नैनीताल बैंक![]() |
कैथोलिक सीरियन बैंक![]() | फ़ेडरल बैंक ![]() | जम्मू एंड कश्मीर बैंक![]() |
कर्नाटक बैंक![]() | धनलक्ष्मी बैंक ![]() | साउथ इंडियन बैंक![]() |
लक्ष्मी विलास बैंक ![]() | RBL बैंक![]() | करूर वैश्य बैंक![]() |
IDBI बैंक
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विदेशी बैंक
फॉरेन बैंक वह है जिसका मुख्यालय किसी अन्य देश में है, लेकिन वह भारत में एक प्राइवेट कम्पनी के रूप में काम करता है। ये बैंक अपने देश के साथ-साथ जिस देश में काम कर रहे हैं उनके नियमों का भी पालन करते हैं। नीचे भारत में काम कर रहे फॉरेन बैंकों की लिस्ट दी गई है।
भारत में विदेशी बैंकों की लिस्ट | ||
ऑस्ट्रेलिया एंड न्यू ज़ीलैण्ड बैंकिंग ग्रुप लिमि. | नेशनल ऑस्ट्रेलिया बैंक | वेस्टपेक बैंकिंग कॉर्पोरेशन |
बैंक ऑफ़ बहरीन & कुवैत बी.एस.सी | ऐ.बी बैंक लिमि. | सोनाली बैंक लिमि. |
बैंक ऑफ़ नोवा स्कोटिआ | इंडस्ट्रियल & कमर्शियल बैंक ऑफ़ चाइना लिमि. | बी.एन..पी परिबास |
क्रेडिट अग्रिकोल कॉर्पोरेट & इंवेस्टमेंट | सोसिएट जनरल | ड्यूश बैंक |
HSBC बैंक | पिटी बैंक मैबैंक इंडोनेशिया टी.बी.के | मिज़ुहो बैंक लिमि. |
सुमीटोमो बैंकिंग कॉर्पोरेशन मीशु बैंकिंग कॉर्पोरेशन | एम.यू.एफ.जी बैंक लिमि. | कॉपरेटिव रोबो बैंक यू.ए. |
दोहा बैंक क्यू. पी.एस.सी | क़तर नेशनल बैंक | जेएससी वीटीबी बैंक |
बेर बैंक | यूनाइटेड ओवरसीस बैंक लिमि. | फर्स्ट रैंड बैंक लिमि. |
शिनहन बैंक | वूरी बैंक | के.ई.बी हाना बैंक |
इंडस्ट्रियल बैंक ऑफ़ कोरिया | बैंक ऑफ़ केलोन | क्रेडिट सियूस ऐ.जी |
सी.टी.बी.सी बैंक को. लिमि. | क्रुंग थाई बैंक पब्लिक कंपनी लिमिटेड | अबू धाबी कमर्शियल बैंक लिमि. |
मशरेक बैंक पीएससी | फर्स्ट अबू धाबी बैंक पी.जे.एस.सी | एमिराट्स बैंक एन.बी.डी |
बार्कलेज बैंक पीएलसी | स्टैण्डर्ड चार्टर्ड बैंक | रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड पीएलसी |
अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्पोरेशन | बैंक ऑफ़ अमेरिका | सिटी बैंक |
जे.पी मॉर्गन चेस बैंक एन.ए | कूकमिन बैंक | एसबीएम बैंक (इंडिया) लिमिटेड |
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
ये भी एक कॉमर्शियल बैंक है, लेकिन ये कृषि मजदूरों, किसानों और छोटे व्यापारियों जैसे समाज के कमज़ोर वर्गों को लोन देने के मुख्य उद्देश्य से बनाए गए हैं। ये बैंक आमतौर पर भारत के विभिन्न राज्यों में क्षेत्रीय स्तर पर काम करते हैं और इनकी शहरी क्षेत्रों में भी शाखाएं हो सकती हैं। इसके कार्य निम्नलिखित हैं:
- ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाएं प्रदान करना
- सरकारी कार्य जैसे कि मनरेगा मज़दूरों की मज़दूरी देना, पेंशन बाटना आदि
- पैरा-बैंकिंग सुविधाएं जैसे डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और लॉकर प्रदान करना
स्मॉल फाइनेंस बैंक
इसका उद्देश्य समाज के उन लोगों को फाइनेंशियल मदद करना है जिन्हें अन्य बैंकों द्वारा यह सेवा नहीं दी जाती है। स्मॉल फाइनेंस बैंकों के मुख्य ग्राहकों में छोटे उद्योग, किसान, और छोटे व्यवसाय (स्मॉल बिज़नस) शामिल हैं। इन्हें बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट, 1949 की धारा 22 के तहत लाइसेंस प्राप्त है और RBI अधिनियम, 1934 और FEMA के प्रावधानों द्वारा शासित हैं।
ऐ.यू स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमि.![]() | कैपिटल स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमि.![]() |
फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमि.![]() | इक्वीटस स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमि.![]() |
ई.एस.ए.एफ स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमि.![]() | सुरोदय स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमि.![]() |
उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमि.![]() | उत्कर्ष स्मॉल बैंक लिमि. ![]() |
नॉर्थ ईस्ट स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमि. ![]() | जाना स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमि.![]() |
पेमेंट बैंक
यह भारतीय बैंकिंग उद्योग में बैंक का नया मॉडल है। इसकी स्थापना RBI द्वारा की गई थी और यह सीमित राशि ही जमा कर सकते हैं। वर्तमान में यह सीमा 1 लाख रुपये प्रति ग्राहक तक सीमित है। ये बैंक ATM कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट-बैंकिंग और मोबाइल-बैंकिंग जैसी सेवाएं प्रदान करते हैं।
कॉपरेटिव बैंक
कॉपरेटिव बैंकों को सहकारी समितियों अधिनियम, 1912 के तहत रजिस्टर किया जाता है और वे एक चुनी गई मैनेजमेंट कमेटी द्वारा चलाए जाते हैं। ये नो-प्रॉफिट नो-लॉस के आधार पर काम करते हैं और मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों में कारोबारियों, छोटे व्यवसायों, उद्योगों और स्वरोजगारों को सेवाएं देते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में, वे मुख्य रूप से कृषि-आधारित गतिविधियों जैसे खेती, पशुधन आदि को सेवाएं देते हैं।
शहरी कॉपरेटिव बैंक | स्टेट कॉपरेटिव बैंक |
शहरी कॉपरेटिव बैंक
शहरी कॉपरेटिव बैंक शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में स्थित प्राथमिक सहकारी बैंकों से संबंधित होते हैं। ये बैंक अनिवार्य रूप से समुदायों, इलाकों के काम करने वाले समूहों के आसपास केंद्रित छोटे व्यवसायों को उधार देते हैं।
RBI के अनुसार, 31 मार्च, 2003 को 2,104 शहरी कॉपरेटिव बैंक थे जिनमें से 56 अनुसूचित बैंक थे। इनमें से लगभग 79% पांच राज्यों में स्थित हैं, – आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु।
स्टेट कॉपरेटिव बैंक
स्टेट कॉपरेटिव बैंक केंद्रीय सहकारी बैंक का एक समूह है जो राज्य में सहकारी बैंकिंग संरचना के संरक्षक के रूप में काम करता है।
बैंकों को अनुसूचित और गैर-अनुसूचित बैंकों के आधार पर भी बांटा जा सकता है। प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह जानकारी आवश्यक है कि उनका बचत या जमा खाता अनुसूचित बैंक या गैर-अनुसूचित बैंक के पास है। अनुसूचित बैंक डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के जमाकर्ता बीमा कार्यक्रम के अंतर्गत आते हैं, जो बचत जमा करने वाले और FD/ RD वाले सभी खाताधारकों के लिए फायदेमंद है। DICGC के तहत, बैंक की के फेल होने की स्थिति में 1 लाख रुपये तक के बैंक जमा का बीमा किया जाता है।
अनुसूचित बैंक
अनुसूचित बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक एक्ट, 1934 की दूसरी अनुसूची के अंतर्गत आते हैं। अनुसूचित बैंक बनने के लिए, बैंक को निम्नलिखित शर्तों के अनुसार होना चाहिए:
- बैंक जिसके पास 5 लाख रुपए या ज़्यादा की पूँजी है, वे अनुसूची बैंक श्रेणी के लिए योग्य है
- बैंक को केंद्रीय बैंक को ये सुनिश्चित करना होता है कि उसकी पॉलिसी से बैंक के ग्राहकों को कोई हानि नहीं पहुंचेगी
- बैंक को एक प्रोपिटरशिप या पार्टनरशिप फर्म के बजाय एक कम्पनी होना चाहिए
गैर-अनुसूचित बैंक
गैर-अनुसूचित बैंक स्थानीय क्षेत्र के बैंकों संबंधित होते हैं जो भारतीय रिज़र्व बैंक की दूसरी अनुसूची में नहीं आते हैं। गैर-अनुसूचित बैंकों को भी RBI के साथ नहीं बल्कि खुद ही ‘कैश रिज़र्व रिकुवायरमेंट’ को बनाए रखने की आवश्यकता होती है।