1. ब्याज दर
पर्सनल लोन ओवरड्राफ्ट के लिए ब्याज दरें केवल निकाली गई राशि पर लागू होती हैं, न कि पूरी लिमिट पर। हालांकि, लोन राशि पर लागू ब्याज दर आमतौर पर टर्म लोन से अधिक होती है। इस प्रकार, पर्सनल लोन ओवरड्राफ्ट उन लोगों के लिए लेना सबसे अच्छा है जो बहुत कम अवधि जैसे कि 2-3 महीने के भीतर अपने बकाया लोन का भुगतान कर पाते हैं।
2. क्रेडिट लिमिट
पर्सनल लोन उधारकर्ता केवल उतनी क्रेडिट लिमिट तक ही उधार ले सकते हैं जितनी लिमिट की मंज़ूरी मिली होती है। ओवरड्राफ्ट लिमिट क्रेडिट प्रोफाइल, मासिक आय, कैश फ्लो स्टेटमेंट आदि के आधार पर मंज़ूर की जाती है। उधारकर्ता क्रेडिट लिमिट से कितनी भी बार पैसे निकाल सकता है और अपने कैश फ्लो के अनुसार एक ही बार में या एक-एक कर भुगतान कर सकता है।
3. प्रक्रिया
बैंक/ लोन संस्थान आमतौर पर लोन के लिए अप्लाई करने की तारीख से पर्सनल लोन की राशि लगभग 2-7 कार्य दिवस में ट्रांसफर कर देते हैं। पर्सनल लोन ओवरड्राफ्ट सुविधा के लिए टर्नअराउंड समय रेगुलर पर्सनल लोन के समान ही होता है। कुछ बैंक/ लोन संस्थान चुनिंदा ग्राहकों को प्री- अप्रूव्ड पर्सनल लोन भी प्रदान करते हैं। ऐसे बैंक/ लोन संस्थान अपने चुनिंदा उधारकर्ताओं को प्री-अप्रूव्ड ओवरड्राफ्ट सुविधा भी प्रदान कर सकते हैं जिसकी लोन राशि जल्दी ट्रांसफर हो जाती है।
4. अवधि
पर्सनल लोन ओवरड्राफ्ट सुविधा आमतौर पर 5 साल तक की अवधि के लिए दी जाती है। हालांकि, कुछ बैंक/ लोन संस्थान कम अवधि के लिए ओवरड्राफ्ट सुविधा भी प्रदान कर सकते हैं। अवधि के खत्म होने के समय आपको अवधि को रिन्यू कराने का विकल्प भी मिलता है।
5. आसान भुगतान
उधारकर्ता अपने पास मौज़ूद कैश के मुताबिक अपने लोन का भुगतान कर सकते हैं। कुछ बैंक/ लोन संस्थान उधारकर्ताओं से हर महीने ब्याज का भुगतान करने के लिए कहते हैं।
6. प्रीपेमेंट फीस
टर्म पर्सनल लोन के विपरीत, पर्सनल लोन ओवरड्राफ्ट सुविधा में कोई रीपेमेंट शेड्यूल नहीं होता है। उधारकर्ता अपने पास मौज़ूद कैश के मुताबिक लोन राशि का भुगतान कर सकते हैं जिस पर कोई प्रीपेमेंट फीस नहीं देनी होती है। आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंक/ लोन संस्थान फ्लोटिंग दरों पर टर्म पर्सनल लोन प्राप्त करने वाले आवेदकों से कोई प्रीपेमेंट फीस नहीं ले सकते हैं। हालांकि, वे फिक्स्ड दर वाले पर्सनल लोन पर प्रीपेमेंट फीस ले सकते हैं।


