नो क्रेडिट चेक लोन कम अवधि के लिए अधिक ब्याज दरों पर ऑफर किए जाते हैं। ये लोन आमतौर पर आपकी क्रेडिट कार्ड लिमिट के बदले में दिए जाते हैं, जिसमें या तो आपको कोलैटरल/ सिक्योरिटी जमा करानी होती है या फिर कोई गारंटर आवेदक के बारे में ये कंफर्म करता है कि वह लोन का भुगतान कर सकता है। भारत में बैंक/ लोन संस्थान आमतौर पर इस प्रकार के लोन को नो क्रेडिट चेक लोन कहकर नहीं बुलाते हैं, इसके बजाय वे उन्हें अलग नामों से बुलाते हैं, जैसे- लोन अगेंस्ट क्रेडिट कार्ड लिमिट, एजुकेशन लोन या सिक्योर्ड लोन।
आपकी क्रेडिट कार्ड लिमिट पर प्रदान किए गए लोन आपको क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि के आधार पर मिलते हैं। जैसा कि बैंक यह लोन उन लोगों को देते हैं जिन्होंने पहले क्रेडिट कार्ड बिलों का भुगतान समय पर किया है, और वे आमतौर पर इन लोन को ऑफर करते समय सिबिल स्कोर या क्रेडिट हिस्ट्री भी चेक नहीं करते हैं। इसकी दूसरी वज़ह यह है कि आपको क्रेडिट कार्ड लिमिट के लिए पहले ही मंज़ूरी मिल चुकी है और आप केवल अपनी बकाया राशि का उपयोग करते हैं।
अगर छात्र को किसी प्रतिष्ठित संस्थान में एडमिशन मिला है और उसके पास कोई गारंटर है जो कंफर्म कर सके कि कॉलेज से पास होने के बाद आवेदक लोन का भुगतान कर सकता है तो एजुकेशन लोन के तहत आमतौर पर क्रेडिट चेक (सिबिल स्कोर या क्रेडिट हिस्ट्री को चेक करना) की ज़रूरत नहीं होती है। जैसा कि छात्रों को लोन के लिए अप्लाई करते समय कोई इनकम नहीं होती है, इसलिए उनकी कोई क्रेडिट हिस्ट्री भी नहीं होती है और क्रेडिट हिस्ट्री न होने की वजह से कोई क्रेडिट स्कोर भी नहीं होता है।
सिक्योर्ड लोन वे लोन होते हैं जिन्हें लेने के लिए आपको अपनी प्रॉपर्टी या संपत्ति को गिरवी रखना पड़ता है। आपको कितनी लोन राशि प्रदान की जाएगी, ये इस पर निर्भर करता है कि संपत्ति/ प्रॉपर्टी की कीमत कितनी है। अगर आप इस लोन का भुगतान नहीं कर पाते हैं तो बैंक/ लोन संस्थान अपने पैसे प्राप्त करने के लिए आपकी प्रॉपर्टी या संपत्ति/ एसेट को बेच सकते हैं। हालांकि, यह सबसे बाद में किया जाता है जिससे पहले बैंक/ लोन संस्थान उधारकर्ता को लोन का भुगतान करने के लिए पर्याप्त समय और अवसर प्रदान करते हैं।
कार लोन, लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी और बिज़नेस के लिए लोन जैसे कुछ सिक्योर्ड लोन हैं जिनके लिए क्रेडिट चेक की ज़रूरत कम होती है।


