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किसी कस्टमर द्वारा लोन का भुगतान न कर पाने और डिफॉल्ट करने पर बैंक उस अकाउंट को NPA घोषित कर देते हैं। NPA (Non-Performing Asset) ऐसे अकाउंट हैं जिनसे बैंक और NBFC को बकाया राशि वापस मिलने की उम्मीद नहीं होती। इसलिए वे कस्टमर को शेष राशि से कम रकम का भुगतान कर अकाउंट को सेटल करने का अवसर देते हैं। कस्टमर द्वारा इस ऑफर को स्वीकार करने और रकम चुकाने के बाद, बैंक/NBFC अकाउंट को “Settled” के तौर पर चिन्हित करते हैं।
साथ ही, अकाउंट का स्टेटस और भुगतान की जानकारी क्रेडिट ब्यूरो के पास भेजते हैं। क्रेडिट ब्यूरो इस जानकारी का उपयोग कस्टमर के क्रेडिट स्कोर को कैलकुलेट करने के लिए करते हैं।
लोन सेटल होने पर कस्टमर पूरी रकम का भुगतान करने से बच जाते हैं। लेकिन इसका क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। क्योंकि बैंक/लोन संस्थान को अकाउंट सेटल करने पर इंटरेस्ट इनकम का भारी नुकसान उठाना पड़ता है। जितनी राशि बैंक माफ करते है, वो उनकी रिकॉर्ड बुक में नुकसान के रूप में दर्ज होती है।
लोन सेटलमेंट की जानकारी आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में 3 से 7 साल तक रह सकती है। वहीं लोन का भुगतान कितने दिनों से नहीं किया है इसकी जानकारी क्रेडिट रिपोर्ट में DPD (Days Past Due) में दिखती है। आपका अकाउंट स्टेटस भी रिपोर्ट में कम से कम 7 साल तक बना रहता है।
किसी भी कस्टमर की क्रेडिट रिपोर्ट में डिफ़ॉल्ट या सेटलमेंट होने पर बैंक/लोन संस्थान यह मानते हैं कि कस्टमर को लोन देने में जोखिम है। ऐसे में, यह पूरी तरह से बैंक/NBFC पर निर्भर करता है कि वे आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में सेटलमेंट देखने के बाद आपको लोन प्रदान करेंगे या नहीं। बता दें, ज़्यादातर लोन संस्थान ऐसे एप्लीकेशन को अप्रूव करने से बचते हैं।
जबकि कुछ लेंडर्स यह देखते हैं कि सेटलमेंट के बाद कितना समय बीता है और उसके बाद कस्टमर ने अपने क्रेडिट को कैसे मैनेज किया है। अगर सेटलमेंट के बाद भी आपके क्रेडिट व्यवहार में सुधार नहीं होता है और आप तय समय में बार-बार भुगतान करने से चूकते हैं, तो कोई भी लेंडर आपके लोन एप्लीकेशन को स्वीकार नहीं करेगा। हालांकि, अगर आप सेटलमेंट के बाद अपने क्रेडिट व्यवहार में सुधार करते हैं और क्रेडिट स्कोर बेहतर करने की दिशा में काम करते हैं, तो बैंक/लोन संस्थान आपके एप्लीकेशन पर विचार कर सकते हैं।
लोन सेटलमेंट के बाद भी नया क्रेडिट पाना संभव है, लेकिन यह आसान नहीं होता। अगर आप सेटलमेंट के बाद नया क्रेडिट लेना चाहते हैं, तो इन टिप्स को फॉलो करें:
अपने सभी बकाया का भुगतान समय पर करें। कभी भी पेमेंट मिस न करें और क्रेडिट कार्ड बिल का समय पर और पूरा करें सिर्फ मिनिमम अमाउंट ड्यू भरने से बचें। आपके क्रेडिट अकाउंट में DPD (Days Past Due) “000” होना क्रेडिट स्कोर को फिर से बनाने और लेंडर यह भरोसा दिलाने में मदद करेगा कि आप अपनी वित्तीय स्थिति संभाल चुके हैं। इससे आपका क्रेडिट स्कोर भी धीरे-धीरे सुधरता है।
आपके अपनी उपलब्ध क्रेडिट लिमिट में से कितना इस्तेमाल करते हैं, उसका रेश्यो “क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो” कहलाता है। अगर लोन आवदेन के दौरान बैंक/लोन संस्थान अन्य बातों के साथ-साथ आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो भी देखते हैं। ज़्यादा क्रेडिट यूटिलाइजेशन आपके क्रेडिट पर अत्यधिक निर्भरता को दर्शाता है और डिफॉल्ट करने की संभावना को बढ़ाता है। अधिकतर विशेषज्ञ, क्रेडिट यूटिलाइजेशन को 30% से कम रखने की सलाह देते हैं।
लोन सेटलमेंट करने पर क्रेडिट स्कोर में भारी गिरावट आ सकती है। ऐसे में नए लोन के लिए लगातार आवेदन करना आपके स्कोर को और भी कम कर सकता है। सेटलमेंट के बाद नए लोन के बजाय अपनी क्रेडिट प्रोफाइल को दोबारा बेहतर करने पर ध्यान दें।
अगर सेटलमेंट को काफी वक्त हो गया है और आप समय पर अपने अन्य लोन या कार्ड बिल का भुगतान कर रहे हैं, तो उससे धीरे-धीरे आपके क्रेडिट स्कोर में सुधार हो सकता है। 750 या उससे ज़्यादा का क्रेडिट स्कोर यह दिखाता है कि आपने अपनी क्रेडिट प्रोफाइल में सुधार किया है। हालांकि, इसके बावजूद टॉप बैंक आपको लोन देने से बच सकते हैं। लेकिन कई लेंडर आपका आवेदन स्वीकार कर सकते हैं।
सेटलमेंट के बाद स्कोर गिरने पर अगर नया क्रेडिट मिलना मुश्किल हो, तो आप सिक्योर्ड क्रेडिट के ज़रिए क्रेडिट स्कोर सुधारने की कोशिश कर सकते हैं। सिक्योर्ड क्रेडिट यानि लोन अगेंस्ट एसेट, सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड, गोल्ड लोन आदि। चुंकि यह कोलैटरल देने के बाद मिलते हैं, इसलिए लेंडर आमतौर पर इन्हें अप्रूव करते समय आपके क्रेडिट स्कोर पर ज़्यादा ध्यान नहीं देते।
इनका समझदारी से उपयोग करें और समय पर सभी बकाया रकम का भुगतान करें। इससे न सिर्फ आपको अपने वर्तमान वित्तीय दायित्वों को पूरा करने में मदद मिलेगी, बल्कि लंबे समय में आपका क्रेडिट स्कोर भी बेहतर होगा।
लोन सेटलमेंट आकर्षक लग सकता है, लेकिन इसे आखिरी विकल्प मानकर चलें। यह न सिर्फ आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुंचाता है बल्कि सेटलमेंट की जानकारी आपके क्रेडिट रिपोर्ट में सालों तक रहती है। इससे भविष्य में लोन मिलना मुश्किल हो सकता है। अगर संभव हो तो अपने बैंक से बात करके अपने लोन स्टेटस को “Settled” से “Closed” में अपडेट करवाने की कोशिश करें। इसके लिए बाकी बची राशि चुका दें। अगर बैंक मान जाता है, तो आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर होगा और भविष्य में नए क्रेडिट मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।