म्यूचुअल फंड में दो योजनाओं में उपलब्ध हैं – रेग्युलर और डायरेक्ट। रेग्युलर म्यूचुअल फंड योजनाएं निवेशकों के लिए जानी-पहचानी है, जबकि डायरेक्ट म्यूचुअल फंड योजनाएं हाल में लोकप्रिय होने लगी हैं।
डायरेक्ट म्यूचुअल फंड प्लान क्या है?
सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) ने डायरेक्ट म्यूचुअल फंड योजनाएं जनवरी 2013 में शुरू किया, जिससे सभी AMC (असेट मैनेजमेंट कंपनी/ फण्ड हाउस) के लिए यह अनिवार्य हो गया कि वे किसी एजेंट, ब्रोकर या वितरक, जिसका रेग्युलर म्यूचुअल फंड योजनाओं के साथ संबंध हो, उसकी भागीदारी के बिना सीधे म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश का विकल्प प्रदान करें।
डायरेक्ट बनाम रेग्युलर म्यूचुअल फंड योजनाओं में क्या अंतर है?
विवरण | रेग्युलर प्लान | डायरेक्ट प्लान |
एक्सपेंस रेश्यो | उच्च | कम |
रिटर्न | कम | उच्च |
निवेश सलाह | उपलब्ध | उपलब्ध नहीं है |
मार्केट रिसर्च | डिस्ट्रीब्यूटर / एजेंट द्वारा किया गया | स्वयं द्वारा किया गया |
सुविधा | अधिक | कम |
रेग्युलर और डायरेक्ट स्कीम, एक ही स्टॉक और बांड में निवेश करने वाले एक ही फंड मैनेजर द्वारा संचालित, एक ही म्यूचुअल फंड स्कीम को खरीदने के बस दो विकल्प हैं। दोनों के बीच केवल इतना अंतर है कि रेग्युलर स्कीम के मामले में आप AMC या म्यूचुअल फंड हाउस आपके ब्रोकर को कमीशन का भुगतान करते हैं, जो आपके निवेश से डिस्ट्रीब्यूशन खर्च या ट्रांजेक्शन शुल्क के रूप में होता है, जबकि डायरेक्ट स्कीम के मामले में ऐसा कोई कमीशन भुगतान नहीं होता है ।
इसकी बजाय, डायरेक्ट स्कीम के मामले में कमीशन को आपके निवेश बैलेंस में जोड़ा जाता है, जिससे आपकी म्यूचुअल फंड स्कीम के खर्च अनुपात में कमी आती है और आपका रिटर्न लंबी अवधि में बढ़ता है।
उदाहरण के लिए, श्री एक्स और श्री वाई ने तीन म्यूचुअल फंड स्कीम में 5,000 रु. की मासिक SIP के द्वारा निवेश किया, जिनके नाम हैं HDFC इक्विटी फंड, आदित्य बिरला सन लाइफ लिक्विड फंड और HDFC बैलेंस्ड एडवांटेज फंड हैं। श्री एक्स ने रेग्युलर स्कीम को चुना, जबकि श्री वाई ने डायरेक्ट स्कीम में निवेश करने का चुनाव किया।
5 वर्षों के बाद श्री एक्स और श्री वाई के निवेश का मूल्य
स्कीम | HDFC इक्विटी फंड | आदित्य बिरला सन लाइफ लिक्विड फंड | HDFC बैलेंस एडवांटेज फंड |
श्री एक्स (रेग्युलर स्कीम ) | ₹ 4,00,335 | ₹ 3,63,967 | ₹ 4,05,544 |
श्री वाई (डायरेक्ट स्कीम) | ₹ 4,10,115 | ₹ 3,64,837 | ₹ 4,14,396 |
अंतर | ₹ 9,780 | ₹ 870 | ₹ 8,852 |
यहां विभिन्न फंड श्रेणियों में म्यूचुअल फंड की डायरेक्ट और रेग्युलर स्कीम के एक्सपेंस रेश्यो और औसत रिटर्न/ लाभ का तुलनात्मक विश्लेषण दिया गया है।
रेग्युलर और डायरेक्ट म्यूचुअल फंड स्कीम का एक्सपेंस रेश्यो अनुपात है:
फंड कैटेगिरी | रेग्युलर स्कीम | डायरेक्ट स्कीम | अंतर |
इक्विटी | 2.02% | 1.22% | 0.80% |
डेट | 0.90% | 0.42% | 0.48% |
हाइब्रिड | 1.96% | 0.98% | 0.98% |
(स्रोत: मूल्य रिसर्च, मार्च 31, 2019 तक के आंकड़े)
जैसा कि ऊपर दी गई लिस्ट से पता चलता है,आप म्यूचुअल फंड स्कीम में इसके रेग्युलर प्लान के बजाय इसकी डायरेक्ट योजना के माध्यम से निवेश करने पर प्रति वर्ष 0.50%-1% अधिक लाभ प्राप्त करेंगें।
म्यूचुअल फंड की डायरेक्ट प्लान इसके रेग्युलर प्लान से बेहतर क्यों है?
- कम एक्सपेंस रेश्यो ।
- रेग्युलर म्यूचुअल फंड योजनाओं में कमीशन के रूप में मिलने वाली राशि के पॉवर ऑफ कम्पाउंड के चलते अच्छे रिटर्न/ लाभ।
कैसे पता करें कि आपने रेग्युलर या डायरेक्ट प्लान में से किस में निवेश किया है?
एकाउंट स्टेटमेंट/ फंड होल्डिंग स्टेटमेंट में स्पष्ट रूप लिखा होता है कि कि आपका म्यूचुअल फंड प्लान रेग्युलर है या डायरेक्ट। आमतौर पर, यदि आपने अपने बैंक के माध्यम से म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश किया है, तो यह प्लान रेग्युलर होगा। यदि आपने म्यूचुअल फंड की वेबसाइट के माध्यम से निवेश किया है, तो प्लान डायरेक्ट होगा।
साथ ही, यदि आप अपने निवेश एजेंट से ‘निःशुल्क’ सेवा प्राप्त कर रहे हैं या यदि वह आपको बताता है कि उसे म्यूचुअल फंड कंपनी द्वारा भुगतान किया जाता है, तो भी आपने रेग्युलर म्यूचुअल फंड योजना में निवेश किया है और आप शुल्क का भुगतान कर रहे हैं।
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