फिक्स्ड रेट होम लोन क्या है?
फिक्स्ड रेट होम लोन (Fixed Rate Home Loan) में ब्याज दर पूरी अवधि मे एक समान रहती है, चाहे भविष्य में बाजार दरों में कमी या बढ़ोतरी हों। फिक्स्ड ब्याज दर वाला होम लोन चुनने पर आपको शुरुआत से ही मासिक EMI का पता होता है जिससे आप कुल ब्याज लागत का अनुमान लगाकर आसानी से बजट बनाकर वित्तीय योजना कर सकते हैं।
फायदे
- जब मौजूदा ब्याज दरें कम हो लेकिन भविष्य में उनके बढ़ने की आशंका हो, तब फिक्स्ड रेट बेहतर विकल्प है।
- बजट प्लानिंग करने वालों के लिए उपयुक्त क्योंकि पूरी लोन अवधि के दौरान EMI स्थिर रहती है।
नुकसान
- ब्याज दरें कम होने पर आपको कोई लाभ नहीं मिलता।
- समय से पहले लोन का भुगतान करने या उसे बंद करने पर प्रीपेमेंट चार्ज लगता है।
- फ्लोटिंग रेट होम लोन की तुलना में फिक्स्ड रेट लोन की ब्याज दरें अधिक होती हैं।
फ्लोटिंग रेट होम लोन क्या है?
फ्लोटिंग ब्याज दर (Floating Rate Home Loan) को एडजस्टेबल या वेरियेबल रेट भी कहा जाता है। यह बाहरी बेंचमार्क जैसे RBI के रेपो रेट से जुड़ी होती है। बेंचमार्क दरों में कोई भी बदलाव होने पर फ्लोटिंग रेट होम लोन की ब्याज दरों में भी बदलाव आता है। ब्याज दर में बदलाव कब लागू होगा यह बैंक/लोन संस्थान की रिसेट फ्रिक्वेंसी और रिसेट डेट पर निर्भर करती है। ध्यान रहे, आमतौर पर ब्याज दरों के घटने/बढ़ने पर बैंक या लोन संस्थान लोन की अवधि में बदलाव करते हैं, लेकिन कस्टमर चाहे तो अपनी ब्याज दरों के आधार पर अपनी EMI घटाने या बढ़ाने का अनुरोध कर सकते हैं।
फायदे
- फ्लोटिंग रेट होम लोन लेना तब फायदेमंद हैं जब मौजूदा ब्याज दरें अधिक हो, लेकिन भविष्य में गिरावट की संभावना हो।
- बेंचमार्क रेट घटने पर उधारकर्ताओं को कम ब्याज दर का लाभ मिलता है।
- फ्लोटिंग रेट होम लोन पर दी जाने वाली ब्याज दर आमतौर पर फिक्स्ड लोन की तुलना में कम होती है, जिससे आपको कुल ब्याज लागत बचाने में मदद मिलती है।
- RBI के दिशानिर्देशों के अनुसार, फ्लोटिंग रेट होम लोन पर प्रीपेमेंट या फोरक्लोज़र चार्ज नहीं लगता।
नुकसान
- ब्याज बढ़ने पर लोन अवधि बढ़ जाती है जिससे कुल ब्याज लागत भी बढ़ती है।
- ब्याज दरों में बदलाव होने पर अधिकांश बैंक या लोन संस्थान लोन अवधि को घटाते या बढ़ाते हैं। लेकिन अगर कम समय में ब्याज दरों में ज़्यादा वृद्धि होती है, तो लेंडर्स EMI भी बढ़ा सकते हैं, जिससे बजट पर प्रभाव पड़ सकता है।
हाइब्रिड/मिक्स्ड होम लोन क्या है?
हाइब्रिड होम लोन (Hybrid Rate Home Loan) में शुरूआती कुछ सालों तक ब्याज दर फिक्स्ड रहती है, जिसके बाद यह फ्लोटिंग में बदल जाती है। हाइब्रिड लोन में आप लोन की कुछ रकम का भुगतान फिक्स्ड रेट में और बाकी रकम का भुगतान फ्लोटिंग रेट में करने का विकल्प चुन सकते हैं।
फायदे
- जब ब्याज दरें फिक्स्ड रहती हैं, उस दौरान ब्याज दरों में बढ़ोतरी होने पर आवेदक को आंशिक सुरक्षा मिलती है। इसी तरह, फ्लोटिंग दरों के दौरान ब्याज दर कम होने पर आवेदक को आंशिक लाभ मिलता है।
- हाइब्रिड रेट होम लोन उन आवेदकों के लिए उपयुक्त विकल्प है जिन्होंने शुरुआती कुछ वर्षों के लिए अपना बजट निर्धारित कर लिया है।
नुकसान
- शुरुआती वर्षों के दौरान फिक्स्ड ब्याज दरें आमतौर पर फ्लोटिंग दर से अधिक होती हैं, जिससे लोन के शुरुआती वर्षों में ब्याज लागत अधिक हो जाती है।
- यदि निश्चित अवधि समाप्त होने पर ब्याज दरें अधिक होती हैं, तो उधारकर्ताओं को नुकसान हो सकता है।
कौन-सा विकल्प चुनें?
कुल मिलाकर, फ्लोटिंग रेट होम लोन आमतौर पर फिक्स्ड रेट की तुलना में सस्ते होते हैं। लेकिन होम लोन की अवधि लंबी होती है जो 15–30 वर्ष तक जा सकती है, इस अवधि के दौरान ब्याज दरों में कई उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। ऐसे में फ्लोटिंग रेट तभी चुनें जब भविष्य में ब्याज दरों में कमी आने की उम्मीद हो। इसके अलावा, जो लोग स्थिर ब्याज दरें चाहते हैं जिससे बजट प्लान करना आसान हो, उन्हें फिक्स्ड रेट होम लोन चुनना चाहिए।
अगर आप अभी भी तय नहीं कर पा रहे हैं कि आपके लिए कौन-सा विकल्प बेहतर है, तो ध्यान रहे कि लोन की अवधि के दौरान फिक्स्ड से फ्लोटिंग या फ्लोटिंग से फिक्स्ड रेट पर स्विच करने का विकल्प भी रहता है। यानी आप ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव की संभावना को देखते हुए किसी भी ब्याज में स्विच कर सकते हैं। हालांकि, ऐसा करने पर बैंक मामूली शुल्क लेते हैं।