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होम लोन लेना एक बड़ा फैसला है जो कई अहम निर्णयों से होकर गुज़रता है। इन्हीं में से एक अहम निर्णय है होम लोन की ब्याज दर का चुनाव करना। दरअसल, होम लोन की ब्याज दरें तीन प्रकार की होती हैं - फिक्स्ड, फ्लोटिंग और हाइब्रिड/मिक्स्ड। पहली बार होम लोन लेने वालों को इन तीनों के बीच का अंतर पता होना चाहिए , क्योंकि ब्याज दर का चुनाव आपकी लोन लागत यानी कुल ब्याज भुगतान को प्रभावित करती है। आइए जानते हैं इन विकल्पों के बारे में और कौन-सा आपके लिए सही रहेगा:
फिक्स्ड रेट होम लोन (Fixed Rate Home Loan) में ब्याज दर पूरी अवधि मे एक समान रहती है, चाहे भविष्य में बाजार दरों में कमी या बढ़ोतरी हों। फिक्स्ड ब्याज दर वाला होम लोन चुनने पर आपको शुरुआत से ही मासिक EMI का पता होता है जिससे आप कुल ब्याज लागत का अनुमान लगाकर आसानी से बजट बनाकर वित्तीय योजना कर सकते हैं।
फ्लोटिंग रेट होम लोन क्या है?फ्लोटिंग ब्याज दर (Floating Rate Home Loan) को एडजस्टेबल या वेरियेबल रेट भी कहा जाता है। यह बाहरी बेंचमार्क जैसे RBI के रेपो रेट से जुड़ी होती है। बेंचमार्क दरों में कोई भी बदलाव होने पर फ्लोटिंग रेट होम लोन की ब्याज दरों में भी बदलाव आता है। ब्याज दर में बदलाव कब लागू होगा यह बैंक/लोन संस्थान की रिसेट फ्रिक्वेंसी और रिसेट डेट पर निर्भर करती है। ध्यान रहे, आमतौर पर ब्याज दरों के घटने/बढ़ने पर बैंक या लोन संस्थान लोन की अवधि में बदलाव करते हैं, लेकिन कस्टमर चाहे तो अपनी ब्याज दरों के आधार पर अपनी EMI घटाने या बढ़ाने का अनुरोध कर सकते हैं।
हाइब्रिड होम लोन (Hybrid Rate Home Loan) में शुरूआती कुछ सालों तक ब्याज दर फिक्स्ड रहती है, जिसके बाद यह फ्लोटिंग में बदल जाती है। हाइब्रिड लोन में आप लोन की कुछ रकम का भुगतान फिक्स्ड रेट में और बाकी रकम का भुगतान फ्लोटिंग रेट में करने का विकल्प चुन सकते हैं।
कुल मिलाकर, फ्लोटिंग रेट होम लोन आमतौर पर फिक्स्ड रेट की तुलना में सस्ते होते हैं। लेकिन होम लोन की अवधि लंबी होती है जो 15–30 वर्ष तक जा सकती है, इस अवधि के दौरान ब्याज दरों में कई उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। ऐसे में फ्लोटिंग रेट तभी चुनें जब भविष्य में ब्याज दरों में कमी आने की उम्मीद हो। इसके अलावा, जो लोग स्थिर ब्याज दरें चाहते हैं जिससे बजट प्लान करना आसान हो, उन्हें फिक्स्ड रेट होम लोन चुनना चाहिए।
अगर आप अभी भी तय नहीं कर पा रहे हैं कि आपके लिए कौन-सा विकल्प बेहतर है, तो ध्यान रहे कि लोन की अवधि के दौरान फिक्स्ड से फ्लोटिंग या फ्लोटिंग से फिक्स्ड रेट पर स्विच करने का विकल्प भी रहता है। यानी आप ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव की संभावना को देखते हुए किसी भी ब्याज में स्विच कर सकते हैं। हालांकि, ऐसा करने पर बैंक मामूली शुल्क लेते हैं।