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फिक्स्ड डिपॉज़िट हमेशा अपनी बचत को निवेश के क्षेत्र में लोकप्रिय विकल्प में से एक रहा है। खासकर जब कम जोखिम वाले विकल्पों की बात आती है, तो निवेशक फिक्स्ड डिपॉज़िट की ओर रुख करते हैं। हमेशा बदलते निवेश क्षेत्र में, फिक्स डिपॉज़िट निवेशकों को बेहतर दरों पर एक सुरक्षित प्रदान करता है। हालांकि, अन्य निवेश विकल्पों की भी जागरूकता में महत्वपूर्ण भूमिका रही है जहां डेट म्युचुअल फंड निस्संदेह अच्छे विकल्प रहे हैं। ऐसे समंय में, यह समझना महत्वपूर्ण हो जाता है कि कौन सा विकल्प आपके लिए सबसे बेहतर है। क्या यह फिक्स डिपॉज़िट या डेट फंड है।
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अभी अप्लाई करेंडेट फंड बनाम फिक्स डिपॉज़िट की तुलना निम्नलिखित है जो इन विकल्पों को बेहतर तरीके से समझने में आपकी मदद करेंगे:
| योग्यता | फिक्स्ड डिपॉज़िट | डेट म्यूचुअल फंड |
| रिटर्न | बाज़ार में उतार-चढ़ाव से स्वतंत्र, फिक्स डिपॉज़िट बाज़ार से जुड़े नहीं हैं | बाज़ार में उतार-चढ़ाव पर निर्भर है क्योंकि डेट म्यूचुअल फंड बाज़ार से जुड़े (बॉन्ड, आदि) हैं। |
| जोखिम | कोई जोखिम नहीं | इसमें महत्वपूर्ण जोखिम शामिल है और यह जोखिम बाज़ार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित है |
| लिक्विडिटी | अधिकांश फिक्स डिपॉज़िट योजनाओं में मैच्योरिटी से पहले पैसा निकालन एपर जुर्माना देना होता है जो 0.5% से 2% तक हो सकता है।
कुछ बैंक फोरक्लोज़र पर किसी भी तरह का जुर्माना नहीं वसूलते |
डेट फंड से कभी भी पैसा निकाला जा सकता है या बेचा जा सकता है। हालाँकि, कुछ मामलों में, एक्ज़िट लोड लागू होता है जो फंड हाउसों में अलग अलग होता है (आमतौर पर लगभग 1%) |
| फीस व शुल्क | फिक्स डिपॉज़िट खाता खोलने / बनाए रखने के लिए बैंकों या अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा कोई शुल्क नहीं लिया जाता है | अधिकतम अनुपात 0.2% से लेकर 2.25% तक होता है
यह फंड हाउस द्वारा मैनेजमेंट के लिए ली जाने वाली फीस है। रेगुलर योजनाओं के लिए अधिक शुल्क लागू हैं |
| टैक्स | कमाए गए ब्याज पर टैक्स: ब्याज पर 10% TDS( वार्षिक 40,000 रु., वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रु. से अधिक के ब्याज पर ) | शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (3 साल के भीतर रिडीम करना) पर आपके टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगता है
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (3 साल के बाद रिडीम करना) पर इंडेक्सेशन के बाद 20% टैक्स लगता है |
| टैक्स छूट | 5 साल में मैच्योर होने वाली टैक्स सेविंग फिक्स डिपॉज़िट योजनाएं में U/ S 80 C के तहत 1.5 लाख रु. तक की छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं | डेट म्यूचुअल फंड में कोई टैक्स-सेविंग स्कीम नहीं है
(ELSS एकमात्र टैक्स-सेविंग विकल्प है, लेकिन चूंकि यह इक्विटी-लिंक्ड है, इसलिए यह डेट फंड की श्रेणी में नहीं आता है) |
दोनों विकल्प आपको न्यूनतम 100 रू. से निवेश शुरू करने का विकल्प देते हैं। फिक्स डिपॉज़िट के लिए सबसे कम अवधि 7 दिनों से शुरू होती है जबकि, म्यूचुअल फंड के लिए, यह केवल 1 दिन (ओवरनाइट फंड) तक सीमित है।
इसलिए, यह तय करने से पहले कि किस विकल्प के लिए जाना है, यह सलाह दी जाती है कि दोनों की तुलना करें।
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| बैंक का नाम | रिटर्न (% में) | डेट फंड का नाम | रिटर्न (% में) |
| फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक | 8.00% | फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शॉर्ट बॉन्ड फंड – सुपर इंस्टीट्यूशनल प्लान | 9.87% |
| उत्कर्ष लघु वित्त बैंक | 8.00% | आदित्य बिड़ला सन लाइफ सेविंग फंड | 9.04% |
| DCB बैंक | 7.85% | ICICI प्रूडेंशियल अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड | 8.77% |
| IDFC फर्स्ट बैंक | 7.50% | IDFC अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड | 8.59% |
| यस बैंक | 7.50% | SBI मैग्नम अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड | 8.48% |
नोट: उपर्युक्त दरें 1 वर्ष की अवधि के लिए लागू होती हैं और बिना पूर्व सूचना के परिवर्तन के अधीन होती हैं।
फिक्स डिपॉज़िट पर टैक्स: फिक्स डिपॉज़िट पर अर्जित ब्याज, लागू उपकर / अधिभार के साथ टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्से लगता है। एक वर्ष में 40,000 रुपये (वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रुपये) से अधिक ब्याज कमाने पर 10 % की दर से TDS लगाया जाता है। यदि आप 20% या 30% की टैक्स स्लैब दरों के अंतर्गत आते हैं, तो आपको चार्ज किए गए TDS से अलग टैक्स का भुगतान करना होगा। 2.5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले लोगों के लिए कोई टैक्स नहीं है।
डेट फंड पर टैक्स: डेट म्यूचुअल फंड्स का टैक्स अलग होता है। 3 साल (शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स) के भीतर के निवेश में कमाए गए रिटर्न को आपकी सालाना आय में जोड़ने के बाद आपके टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाता है। 3 साल से अधिक के निवेश पर कमाए गए रिटर्न पर इंडेक्सेशन के लाभ के बाद लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स के तहत 20% टैक्स लगाया जाता है। अधिक टैक्स स्लैब में आने वालों के लिए डेट फंड में निवेश करना बेहतर विकल्प है।
डेट फंड और फिक्स्ड डिपॉज़िट के बीच तुलना करते समय, एक महत्वपूर्ण बिंदु निवेश पूँजी की सुरक्षा। मतलब हमारा निवेश किया गया पैसा सुरक्षित रहना चाहिए। FD में पैसा निवेश करने पर बैंक की ओर से 5 लाख रुपये का बीमा है दिया जाता है जो आपकी फिक्स्ड डिपॉज़िट योजना को सुरक्षित बनाता है। अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं तो ऐसी कोई गारंटी नहीं है। इसलिए, हम कह सकते हैं कि जहां तक पूंजी सुरक्षा का संबंध है, फिक्स डिपॉज़िट स्पष्ट रूप से अच्छा विकल्प है।
इस प्रकार, यदि आप एक पारंपरिक निवेशक हैं जो जोखिम नहीं लेना चाहता है, तो फिक्स डिपॉज़िट हमेशा निवेश का प्राथमिक विकल्प होगा। यदि आपको लगता है कि उच्च रिटर्न अर्जित करने के लिए आप कुछ जोखिम उठा सकते हैं, और बाज़ार से जुड़े निवेशों का आपको ज्ञान है, तो डेट म्यूचुअल फंड एक अच्छा विकल्प है।
उपरोक्त सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, फिक्स्ड डिपॉज़िट और डेट फंड का चयन काफी हद तक आपके लक्ष्यों पर निर्भर करता है। यदि आप कुछ जोखिम लेना चाहते हैं और कुछ अनिश्चितताओं से दूर नहीं हैं, तो डेट फंड फायदेमंद साबित हो सकते हैं। यदि आप अपने धन को सुरक्षित रखने के लिए अधिक इच्छुक हैं, ताकि जोखिमों से दूर रहें, तो फिक्स डिपॉज़िट में निवेश करना समझदारी होगी।