अनसिक्योर्ड बिज़नेस लोन के अप्रूवल में आपका क्रेडिट स्कोर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन यह एकलौता ऐसा फैक्टर नहीं है जिसके आधार पर लोन अप्रूव किया जाता है। आप लोन के लिए योग्य हैं या नहीं, इसे तय करने के लिए लेंडर्स कई अन्य महत्वपूर्ण कारकों का भी आकलन करते हैं। जिन्हें समझकर आप अपने लोन अप्रूवल की संभावना को बढ़ा सकते हैं, जो कि कुछ इस प्रकार है:-
1. कैश फ्लो की निरंतरता
बैंक/लोन संस्थान लोन देने से पहले यह ज़रूर चेक करते हैं कि लोन लेने वाला व्यक्ति लोन का भुगतान करने में सक्षम है या नहीं। इसका अंदाज़ा वे आपकी सेल्स, इनवॉइस और कॉन्ट्रैक्ट से होने वाली आमदनी से लगाते हैं। भले ही आपका बिज़नेस नया हो या छोटा, एक स्थिर कैश फ्लो फाइनेंशियल स्टेबिलिटी का संकेत देता है। अनियमित कैश फ्लो या अकाउंट में नकारात्मक बैलेंस होना बैंक या लोन संस्थान के लिए खतरे का संकेत है।
सुझाव: अपने बैंक बैलेंस को मेंटेन रखें और चेक बाउंस करने से बचें।
2. बिज़नेस मॉडल कितना मज़बूत है
सिर्फ निवेशक ही नहीं, बैंक/लोन संस्थान भी आपके बिज़नेस मॉडल का बारीकी से विश्लेषण करते हैं। इससे लेंडर्स यह पक्का करना चाहते हैं कि आपकी ग्रोथ का प्रोजेक्शन अवास्तविक न हो। वे आपके यूनिट इकोनॉमिक्स भी समझते हैं यानी हर प्रोडक्ट, ग्राहक या ट्रांजैक्शन पर आपकी कितनी कमाई होती है और कितनी लागत जाती है। यही आंकड़े बताते हैं कि आपका बिज़नेस मॉडल टिकाऊ है या नहीं।
अगर आपकी यूनिट इकोनॉमिक्स कमज़ोर है, तो लेंडर्स को लोन के भुगतान में ज़्यादा रिस्क दिखता है। इसके अलावा, वे आपके बिज़नेस की संभावित ग्रोथ का अंदाज़ा लगाने के लिए उसके भविष्य के रेवेन्यू के अनुमानों पर भी विचार करते हैं।
सुझाव: अपने आंकड़ों को सरल, स्पष्ट और आसानी से वेरिफाई करने लायक रखें। बेहतर मार्जिन, कस्टमर रिटेंशन और नियमित रेवेन्यू बैंक/लोन संस्थान का भरोसा बढ़ाते हैं।
3. मौजूदा कर्ज़
आपका डेट-टू-इनकम रेश्यो (DTI) भी बैंक/लोन के लिए एक ज़रूरी कारक है। अगर आप पहले से ही अपनी इनकम का एक बड़ा हिस्सा कर्ज़ के तौर पर चुका रहे हैं, तो यह इस बात का संकेत है कि आपके ऊपर वित्तीय दबाव ज़्यादा है। इसके चलते बैंक/लोन संस्थान को लगता है कि आप भविष्य में लोन भुगतान को लेकर डिफॉल्ट कर सकते हैं। इसलिए आमतौर पर लेंडर्स 50% से कम के DTI वालों को तवज्जो देते हैं।
सुझाव: मौजूदा लोन को ध्यान में रखते हुए लोन राशि और लोन अवधि चुनें।
4. ट्रांजैक्शन हिस्ट्री
आपके बिज़नेस में भुगतान पाने और करने का तरीका आपकी क्रेडिट हेल्थ के बारे में बहुत कुछ बताता है। बैंक/लोन संस्थान देखते हैं कि आपने वेंडर्स को समय पर पेमेंट किया गया है या नहीं, कर्मचारियों की सैलरी समय पर क्रेडिट हुई है या नहीं और आपका GST और टैक्स ठीक से और बिना देरी के फाइल किया गया है या नहीं। इससे पता चलता है कि आप अपने फाइनेंस की प्रति कितने ज़िम्मेदार हैं।
सुझाव: अपनी बैंकिंग हिस्ट्री को सही से व्यवस्थित रखें। क्रेडिट हिस्ट्री ट्रैक में होने से लेंडर्स को आपके लोन भुगतान को लेकर भरोसा मिलता है।
5. आपके बिज़नेस संबंधित डॉक्यूमेंट्स
आपके दस्तावेज़ आपके बिज़नेस की असल तस्वीर पेश करते हैं। इसलिए दस्तावेज़ों में कोई गलती न हो, साथ ही उन्हें पूरी तरह से अपडेट करके रखना ज़रूरी है। आपके दस्तावेज़ में कोई भी गलती लोन अप्रूवल में बाधा डाल सकती है।
सुझाव: आवेदन करने से पहले अपनी सभी दस्तावेज़ों की जांच करें और गलती होने पर उन्हें ठीक कराएं।
बिज़नेस लोन के लिए आवश्यक दस्तावेज़
आपकी योग्यता का पता लगाने के लिए बैंक/लोन संस्थान आमतौर पर ये डॉक्यूमेंट्स मांगते हैं:-
- पहचान प्रमाण जैसे- PAN कार्ड, आधार कार्ड आदि।
- एप्लीकेंट या बिज़नेस का एड्रेस प्रूफ, जैसे- टेलीफोन बिल, बिजली बिल, लीज़ एग्रीमेंट आदि।
- इनकम या रेवेन्यू प्रूफ
- कंपनी के फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट्स, जिसमें बैलेंस शीट, प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट आदि शामिल हैं।
- बिज़नेस ओनरशिप का प्रूफ
- बिज़नेस कितने समय से चल रहा है, उसका प्रूफ
- कंपनी द्वारा फाइल किया गया टैक्स रिटर्न
