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आपने ऑनलाइन कोई ड्रेस ली और उसका भुगतान अपने क्रेडिट कार्ड के ज़रिए किया। लेकिन ड्रेस खरीदने के बाद वो आपको ज्यादा पसंद नहीं आई और आपने उसे रिटर्न करने का फैसला लिया। इस तरह न जाने कितने ही लोग क्रेडिट कार्ड के ज़रिए शॉपिंग करते हैं और शॉपिंग के बाद उसे रिटर्न करते हैं। हालांकि, इस रिटर्न पर मिलने वाले रिफंड को लेकर लोगों के मन में अक्सर कई सवाल होते हैं कि रिफंड मिला या नहीं। ऐसे में अगर आप ये समझना चाहते हैं क्रेडिट कार्ड में पैसे रिफंड कैसे होते हैं (Credit Card Refund Kaise le) तो ये लेख पढ़ें।
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जब भी आप अपने क्रेडिट कार्ड के माध्यम से कोई खरीदारी करते हैं, तब आपके द्वारा किए गए ट्रांजैक्शन को क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंक द्वारा अप्रूव किया जाता है। इसी तरह कोई समान रिटर्न या वापस करने पर क्रेडिट कार्ड जारी करने वाला बैंक आपकी रिक्वेस्ट को वेरिफाई करता है जिससे आपको रिफंड मिल सके।
कुल मिलाकर, क्रेडिट कार्ड रिफंड (Credit Card Refund) का मतलब आपके क्रेडिट कार्ड के माध्यम से खरीदी गई वस्तु को वापस करने की रिक्वेस्ट से है। जब आप खरीदे गए सामान को वापस कर देते हैं, तब आपके क्रेडिट कार्ड अकाउंट में राशि वापस जमा कर दी जाती है।
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रिफंड प्रक्रिया को समझने के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि क्रेडिट कार्ड से खरीदारी कैसे काम करती है। जब भी आप अपने क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करते हैं, तो क्रेडिट कार्ड जारी करने वाला बैंक ट्रांजैक्शन को अप्रूव करता है यानी आपके द्वारा खरीदे गए सामान का भुगतान करता है। इसके बाद आपके क्रेडिट कार्ड में उपलब्ध क्रेडिट लिमिट में से राशि काट ली जाती है। जब आप क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करते हैं. तब राशि वापस आपकी क्रेडिट लिमिट में जुड़ जाती है।
क्रेडिट कार्ड नेटवर्क वे कंपनियाँ हैं जो आपके क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंक और मर्चेंट के बीच एक परत के रूप में काम करती हैं। जब आप रिफंड की रिक्वेस्ट करते हैं, तो राशि जमा करने से पहले मर्चेंट आपके कार्ड जारी करने वाले बैंक को आपकी रिक्वेस्ट भेजता है। एक बार जब आपका रिक्वेस्ट बैंक द्वारा अप्रूव हो जाता है, तो मर्चेंट राशि रिफंड कर देता है।
जब आप क्रेडिट कार्ड का उपयोग कर कोई वस्तु खरीदते हैं और उसे वेबसाइट के ज़रिए EMI में बदल देते हैं, तो रिफंड की प्रक्रिया थोड़ी मुश्किल हो सकती है। आमतौर पर बैंक/NBFC द्वारा ट्रांजैक्शन को EMI में बदलने में लगभग एक दिन का समय लगता है। रिफंड की प्रक्रिया इन दो मामलों आसान हो सकती है-
पहले मामले में- ट्रांजैक्शन को तुरंत कैंसिल किया गया जिसके तहत राशि तुरंत क्रेडिट कार्ड अकाउंट में वापस जमा कर दी जाती है।
दूसरे मामले में- ईमेल/SMS के ज़रिए आपको EMI और अमोरटाइज़ेशन शेड्यूल बनाकर भेजा जा चुका है। इस मामले में आपको EMI के कैंसिलेशन या फॉरक्लोज़र के लिए अतिरिक्त चार्ज़ेस देने होंगे, जिसे कुल राशि के आधार पर तय किया जाता है।
आप EMI को एक्टिव करने का भी विकल्प चुन सकते हैं, जिसका भुगतान आपको हर महीने करना होगा। क्योंकि ट्रांजैक्शन की राशि आपके क्रेडिट कार्ड में वापस जमा कर दी जाएगी। हालांकि, आपको EMI पर ब्याज के रूप में कुछ राशि देनी होगी। लेकिन नो कॉस्ट EMI ट्रांजैक्शन के मामले में आपको कैंसिलेशन या फॉरक्लोज़र के लिए कोई चार्ज़ेस नहीं देने होंगे।
फॉरेन करेंसी में ट्रांजैक्शन के मामले में भी रिफंड की प्रक्रिया लगभग समान होती है। लेकिन रिफंड होने में अधिक समय लग सकता है। फॉरेन करेंसी ट्रांजैक्शन के मामले में कार्ड जारी करने वाले बैंक या NBFC द्वारा फॉरेन करेंसी ट्रांजैक्शन फीस भी ली जाती है, जो कि ट्रांजैक्शन राशि के 1.99% से 3.5% तक हो सकती है। कुछ मामलों में बैंक या NBFC द्वारा फीस वापस भी कर दी जाती है, खासकर तब जब रिफंड तुरंत शुरू की जाती है।
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रिफंड होने पर रिवॉर्ड पॉइंट्स का क्या होता है? क्रेडिट कार्ड के ज़रिए किसी वस्तु को खरीदने पर बैंक/NBFC रिवार्ड पॉइंट, माइल्स या कैशबैक प्रदान करते हैं। अगर आप उस ट्रांजैक्शन के लिए रिफंड शुरू करते हैं, तो लगभग सभी रिवॉर्ड पॉइंट वापस ले लिए जाते हैं। जैसे ही बैंक रिफंड कर देता है, वैसे ही आपको उस ट्रांजैक्शन पर मिले सारे फायदे वापस लौटाने पड़ते हैं। |
क्रेडिट कार्ड रिफंड में कितना समय लगता है?
आप किसी प्रोडक्ट को रिटर्न कर सकते हैं या नहीं यह उस दुकान या वेबसाइट पर निर्भर करता है, जहां से आपने उसे खरीदा है। लेकिन रिफंड प्रोसेसिंग में लगने वाला समय कंपनी की नीतियों और क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंक व NBFC से भी प्रभावित होता है। कुछ मामलों में रिफंड राशि प्राप्त करने के लिए 7 से 10 दिन का समय लगता है। वहीं कई बार रिफंड 3 दिनों के भीतर भी कर दिया जाता है।
कुछ लोकप्रिय ई–कॉमर्स वेबसाइटों में क्रेडिट कार्ड से क्रेडिट कार्ड में लगने वाले रिफंड प्रोसेसिंग समय के बारे में नीचे बताया गया है। दसअसल, रिटर्न की गई वस्तु जैसी ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को वापस मिल जाती है, वैसे ही वे रिफंड की प्रक्रिया शुरू कर देते है। लेकिन प्रोसेसिंग का समय, कार्ड जारी करने वाले बैंक या NBFC द्वारा लिए गए समय को ध्यान में रखते हुए साझा किया जाता है।
| ऑन | रिफंड प्रोसेसिंग में लगने वाला समय |
| अमेज़न | 3-5 दिन |
| फ्लिपकार्ट | 7-15 दिन |
| मिंत्रा | 7-10 दिन |
| नाइका | 7-10 दिन |
जैसा कि ऊपर बताया गया है, मर्चेंट को जैसे ही रिटर्न किया गया प्रोडक्ट वापस मिलता है, वैसे ही रिफंड की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। बाकी की प्रक्रिया बैंक और NBFC पर निर्भर करती है।
चूंकि रिफंड की प्रक्रिया कई माध्यमों से होकर गुजरती है इसलिए राशि को ग्राहक के क्रेडिट कार्ड अकाउंट में जमा होने में 7-10 दिन का समय लगता है।
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रिफंड की गई राशि क्रेडिट के रूप में आपके क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में दिखाई जाती है। अगर आप अपना बिलिंग पीरियड खत्म होने के बाद रिटर्न की प्रक्रिया शुरू करते हैं, तो आपके ट्रांजैक्शन पर शुल्क और टैक्स लगाए जाते हैं। इसके साथ ही रिफंड पूरा होने से पहले ही बिल जनरेट कर दिया जाता है, तो ट्रांजैक्शन राशि डेबिट के रूप में दिखाई देगी और आपकी बकाया राशि में शामिल हो जाएगी। अगर पेमेंट ड्यू डेट से पहले रिफंड जमा कर दिया जाता है, तो आप टोटल अमाउंट ड्यू से रिफंड राशि को काट सकते हैं और बची हुई बकाया राशि का भुगतान कर सकते है।
आइए इसे उदाहरण के माध्यम से समझते हैं। मान लीजिए आपने 5,000 रु. के किसी प्रोडक्ट को रिटर्न किया और उसके रिफंड की प्रक्रिया 5 सितंबर को शुरू होती है और 10 सितंबर को राशि आपके अकाउंट में रिफंड कर दी जाती है। ऐसे में 7 सितंबर को अगर आपका स्टेटमेंट जनरेट किया जाता तो उसमें रिफंड की राशि शामिल नहीं होगी। अब अगर आपकी कुल बकाया राशि 20,000 रु. है और उसका पेमेंट ड्यू डेट 25 सितंबर है, तो इस मामले में आप सिर्फ 15,000 रु. का भुगतान कर सकते हैं (रिफंड की गई राशि को काटने के बाद)।
अगर बड़ी राशि के रिफंड की बात आती है, तो आपको इंतज़ार करना होगा। आप रोज़ाना अपना अकाउंट चेक कर सकते हैं। इसके अलावा आप क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंक या NBFC को कॉल कर भी नियमित अपडेट प्राप्त कर सकते हैं।
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ज़्यादातर लोगों के मन में ये सवाल होता है कि अगर रिफंड में देरी होती है और स्टेटमेंट पहले से ही जेनरेट कर दिया जाता है, तो क्या होगा। इसके अंतर्गत दो बातें आती हैं:-
मान लीजिए आपने 1 सितंबर को 5,000 रु. का कोई प्रोडक्ट खरीदा और 3 सितंबर को रिफंड रिक्वेस्ट भेजी। अगर 6 सितंबर को आपका क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट जनरेट किया जाता है और आपको वह रिफंड राशि 10 सिंतबर तक नहीं मिलती है।
वहीं आपके क्रेडिट कार्ड के बिल भुगतान की तिथि 25 सितंबर है, तो इस मामले में कार्ड जारी करने वाले बैंक और NBFC आपको कुल बकाया राशि में से रिफंड राशि को काटकर बिल का भुगतान करने की सलाह दे सकते हैं। उदाहरण के लिए अगर बिल 20,000 रु. का था तो आपको 15,000 रु. देने होंगे।
हालांकि, हमारा सुझाव है कि इस स्थिति की बेहतर समझ के लिए आपको अपने क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंक/NBFC से संपर्क करना चाहिए, क्योंकि नियम और शर्तें एक बैंक से दूसरे बैंक में अलग हो सकती हैं।
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ऊपर दिए गए उदाहरण को लेते हुए मान लीजिए कि आपने 20,000 रु. के पूरे बिल का भुगतान कर दिया। तो 5,000 रु. की रिफंड राशि आपके क्रेडिट स्टेटमेंट में दिखाई देगी। ये राशि आपके बिल भुगतान के बाद क्रेडिट लिमिट जमा हो जाएगी, जिसे आप भविष्य में किसी खरीदारी के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। उदाहरण के लिए अगर आप 15,000 रु. की कोई खरीद करते हैं तो आपके पास 10,000 रु. का बिल भेजा जाएगा, ऐसा इसलिए क्योंकि आपके क्रेडिट कार्ड अकाउंट में 5,000 रु. की रिफंड राशि है।
कुछ बैंक और NBFC आपके बैंक अकाउंट में रिफंड की अतिरिक्त राशि जमा कर सकते हैं। हालांकि, क्रेडिट बैलेंस रिफंड की अधिक जानकारी के लिए आप बैंक के ग्राहक सहायता सेल से संपर्क कर सकते हैं। अगर रिफंड करना संभव नहीं है, तो इसे आपकी उपलब्ध क्रेडिट लिमिट में जोड़ दिया जाएगा, जिसकी मदद से आप भविष्य में कोई भी खरीदारी कर सकते हैं।
क्रेडिट कार्ड के ज़रिए आप कई तरह के लाभ उठा सकते हैं जैसे- कैशबैक, रिवॉर्ड पॉइंट्स आदि। हालांकि, अपना पैसा वापस पाना क्रेडिट कार्ड से खर्च करने जितना आसान नहीं है। डेबिट कार्ड या कैश ट्रांजैक्शन की तुलना में क्रेडिट कार्ड से खरीदारी पर अपना पैसा वापस पाने में अधिक समय लगता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि रिफंड शुरू करने के लिए आपके रिटर्न रिक्वेस्ट को आपके कार्ड जारी करने वाले बैंक द्वारा अप्रूव किया जाना आवश्यक है।