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किसी देनदारी/बिक्री के स्रोत पर टैक्स काटने को TDS कहा जाता है। यह टैक्स प्रणाली की एक प्रक्रिया है जिसमें देनदारी/बिक्री करने वाला व्यक्ति भुगतान से पहले उस पर लगने वाले टैक्स को काट लेता है और फिर लेनदार को देता है। जिस तरह के भुगतानों पर TDS कटता है वो हैं, सैलरी, बोनस, कमीशन, FD ब्याज, किराया आदि। विभिन्न भुगतानों पर TDS और उसकी दरें आयकर अधिनियम 1961 में दी गई हैं।
इन-डायरेक्ट टैक्स अनुभाग के आयकर अधिनियम 1961 के मुताबिक, यह वित्तीय उत्पादों से प्राप्त आय पर लगता है, जैसे FD पर मिला ब्याज, नियोक्ता/कंपनी से मिले इंसेंटिव, कमीशन पर, बॉन्ड्स के डिविडेंड, खरीदारी/बिक्री या किसी अचल संपत्ति की किराय पर, लॉटरी से मिली रकम पर। आयकर अधिनियम की धाराओं और उपधाराओं के मुताबिक, लागू TDS दरें 1% से 30% के बीच हैं।
| आयकर धाराएं | राशि सीमा | TDS दरें |
| धारा 192 | लागू आय स्लैब के अनुसार | इनकम टैक्स स्लैब दर के अनुसार |
| धारा 193 | डिबेंचर भुगतान से मिले भुगतान पर
₹ 5000 से ज़्यादा पर |
सिक्योरिटी निवेश से कमाए गए ब्याज का 10% |
| धारा 194 | ₹ 2500 से ज़्यादा पर |
किसी भी डीम्ड डिविडेंड से हुई कमाई पर 10% |
| धारा 194A | ₹ 10,000 से ज़्यादा पर | सिक्योरिटीज़ के अलावा अन्य निवेशों से मिले ब्याज पर 10% |
| धारा 194B | ₹ 10,000 से ज़्यादा पर | लॉटरी या खेल से जीती गयी इनाम राशि का 30% |
| धारा 194BB | ₹ 10,000 से ज़्यादा पर | घोड़ों की रेस पर जीती गयी इनाम राशि का 30% |
| धारा 194C | प्रति समझौते से ₹ 30,000 से ज़्यादा की कमाई पर
प्रति वर्ष ₹ 100,000 से ज़्यादा पर |
किसी भी समझौते/कॉन्ट्रेक से हुई कमाई पर
• व्यक्ति या HUF के लिए 1% •कॉर्पोरेट के लिए 2% |
| धारा 194D | ₹ 15,000 से ज़्यादा पर | इंश्योरेंस कमीशन का 5% |
| धारा 194EE | ₹ 2,500 से ज़्यादा पर | NSS डिपॉज़िट में लगे खर्च का 20% |
| धारा 194F | शून्य | MF या UTI यूनिट में निवेश का 20% |
| धारा 194G | ₹ 15,000 से ज़्यादा पर | लॉटरी टिकट को बेचने पर मिले कमीशन का 5% |
| धारा 194H | ₹ 15,000 से ज़्यादा पर | दलाली से अर्जित कमाई का 5% |
| धारा 194I | ₹ 1,80,000 से ज़्यादा पर | प्लांट या मशीनों के किराय का 2%
ज़मीन या बिल्डिंग के किराय पर 10% |
| धारा 194J | प्रति वर्ष ₹ 30,000 से ज़्यादा पर | टेकिन्कल या प्रोफेशनल सेवा पर 10% |
| धारा 194LA | ₹ 2,50,000 से ज़्यादा पर | अचल संपत्ति प्राप्त खरीदने के दौरान किसी भी निवासी को भुगतान किए गए पैसे पर 10% |
कुछ मामलों में TDS से छूट दी जाती है। आरबीआई के पक्ष में या केंद्र सरकार को दिए गए किसी भी भुगतान पर TDS नहीं लगाया जाता है। इसके अलावा, निम्नलिखित ब्याज के भुगतान पर TDS छूट दी गई है:
ऊपर दी गयी लिस्ट के अलावा TDS विभिन्न अन्य ब्याज पर भी नहीं लगाया जाता जैसे, मोटर वेहिकल क्लेम ट्रिब्यूनल से मिले ब्याज पर।
कुछ सामान्य प्रकार की आय और भुगतान पर लागू TDS दरें निम्नलिखित हैं:
आयकर अधिनियम की धारा 195 के तहत, NRI के लिए अचल संपत्ति पर TDS के प्रावधान को समझाया गया है। इस खंड के अनुसार, कोई भी खरीदार जो किसी अनिवासी व्यक्ति को भुगतान कर रहा है, लागू दर के अनुसार TDS काटने के लिए उत्तरदायी है। भारत में किसी भी एनआरआई द्वारा किसी भी अचल संपत्ति को बेचने के बाद प्राप्त लाभ पर टैक्स लगता है।
कोई भी निर्माणाधीन संपत्ति जिसकी कीमत 50 लाख रु. से अधिक है उसमें निर्माण संबंधित कार्य के लिए भुगतान या खरीद के लिए भुगतान पर TDS लगेगा।
अगर कोई कर्मचारी सर्विस के पाँच साल पूरे होने से पहले EPF अकाउंट से 50,000 रु. या अधिक की PF राशि निकाल लेता है तो उस पर निम्नलिखित दरों के मुताबिक TDS लेगागा.
वित्तीय वर्ष 2018 -19 के लिए लागू TDS दरें निम्नलिखित हैं:
| भुगतान का प्रकार | TDS दरें | लागू धाराएं |
| वेतन का भुगतान | सामान्य स्लैब दर | धारा 192 |
| सिक्योरिटीज पर कमाया गया ब्याज | 10% | धारा 193 |
| कमाया गया डिविडेंड ( धारा 115 – O में बताए गए डिविडेंड से अलग) | 10% (20%, अगर गलत पैन नंबर हो या पैन ना हो ) | धारा 194 |
| सिक्योरिटीज के अलावा अन्य स्त्रोत से कमाई गई आय पर | 10% | धारा 194A |
| लाटरी, खेल या क्रॉसवर्ड से कमाई गई आय पर | 30% | धारा 194B |
| इंश्योरेंस एजेंटस को कमिशन भुगतान करने पर | 5% (20%, अगर गलत पैन नंबर हो या पैन ना हो) (अगर फॉर्म 15G/15H भरा गया हो )*
*1 जून 2017 से लागू |
धारा 194D |
| किसी भी जीवन बीमा पर भरे प्रीमियम पर | 1% | धारा 194DA |
| किराय से अर्जित आय | प्लांट और मशीनरी के लिए 2%
ज़मीन, फर्नीचर और फिटिंग के लिए 10% |
धारा 194-I |
|
कृषि भूमि को छोड़कर किसी भी अचल संपत्ति बेचने करने पर |
1% | धारा 194IA |
| भुगतान का प्रकार | TDS का प्रतिशत | लागू धाराएं |
| वेतन का भुगतान | सामान्य स्लैब दर | धारा 192 |
| प्रोविडेंट फण्ड से हुई कमाई पर | 10% | धारा 192A |
| भारतीय कानून के अंदर आने वाले किसी भी खेल या लॉटरी, कार्ड गेम से हुई कमाई पर | 30% | धारा 194B |
| घोड़े की रेस से कमाई गयी इनाम राशि पर | 30% | धारा 194BB |
| नेशनल सेविंग स्कीम के अंतर्गत किये गए डिपॉज़िट | 10% | धारा – 194EE |
| किसी भी प्रकार की म्यूचुअल फण्ड या UTI बॉन्ड में निवेश पर | 20% | धारा 194F |
| लॉटरी टिकट बेच टैक्स कमाया गया कमीशन | 5% | धारा 194G
|
धारा 192 के तहत, यदि कर्मचारी की वार्षिक कमाई 2,50,000 रु. से अधिक है तो नियोक्ता/कंपनी कर्मचारी की आय से TDS काट सकता है। नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए TDS दरें निम्नलिखित हैं। व्यक्ति द्वारा पैन नहीं देने पर TDS 20% की दर से काटा जाएगा।
| आय | TDS दरें | लागू धाराएं | |
| 1 | ₹ 2.5 लाख तक | शुन्य | धारा 192 |
| 2 | ₹ 2.5 लाख से ₹ 5 लाख तक | 5% | धारा 192 |
| 3 | ₹ 5 लाख से ₹ 10 लाख तक | 20% | धारा 192 |
| 4 | ₹ 10 लाख से ज़्यादा | 30% | धारा 192 |
वरिष्ठ नागरिक ( 60 से 80 वर्ष की उम्र के बीच) और अति वरिष्ठ नागरिक ( 80 वर्ष की उम्र ज़्यादा) के लिए TDS दरें निम्नलिखित हैं.
| आय | TDS दरें | |
| 1 | ₹ 3 लाख तक | शून्य |
| 2 | ₹ 3 लाख – ₹ 5 लाख तक | 5% |
| 3 | ₹ 5 लाख – ₹ 10 लाख तक | 20% |
| 4 | ₹ 10 लाख से ज़्यादा | 30%
|
| आय | TDS दरें | |
| 1 | ₹ 5 लाख तक | शून्य |
| 2 | ₹ 5 लाख से 10 लाख तक | 20% |
| 3 | ₹ 10 लाख से ज़्यादा | 30% |
जून 2016, से बीमा कमीशन पर TDS के लिए छूट की सीमा 15,000 रु. कर दी गयी है पहले यह 20000 रु. थी।
विभिन प्रकार के कमीशन पर विभिन्न दरें निम्नलिखित हैं:
धारा 194 J के अंतर्गत, अगर कोई भी व्यक्ति निम्नलिखित भुगतान किसी व्यक्ति को करता है उस भुगतान पर TDS लगाया जाएगा:
अगर आपके के पास पैन कार्ड है, तो स्तिथि में 10% की दर से TDS लगेगा (सेस और सरचार्ज को छोड़कर) वहीं पैन कार्ड नहीं होने पर निम्नलिखित दरों TDS लगेगा:
धारा 194 C तब लागू होता है जब किसी भी काम के लिए ठेकेदार / उप-ठेकेदार को निम्लिखित में से कोई भुगतान किया जाता है –
धारा 194C के तहत, निवासी व्यक्तियों और HUF के लिए समझौते पर लागू TDS की दर 1% है। इनके अलावा अन्य व्यक्तियों के लिए 2% TDS लागू होगा। पैन कार्ड नहीं होने पर 20% की दर से TDS लागू होगा।
धारा 194 फिक्स्ड डिपॉज़िट/रेकरिंग डिपॉज़िट के ब्याज हुई कमाई से संबंधित है। बैंक/अन्य संस्थाओं को ब्याज भुगतान करने से पहले TDS काटना होगा। हालाँकि TDS तभी काटा जाएगा अगर बैंक एक वर्ष में 10,000 रु. से ज़्यादा का ब्याज दे और अन्य संस्थाओं के लिए ये सीमा 5,000 रु. है।
194A के तहत TDS की धारा होगी –