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पर्सनल लोन में सिर्फ ब्याज दर ही नहीं, बल्कि लोन अवधि भी आपके कुल खर्च को प्रभावित करती है। इससे न सिर्फ आपकी ईएमआई बल्कि कुल ब्याज लागत भी निर्धारित होती है। इसलिए लोन अवधि का चुनाव अहम हो जाता है। आइए इस लेख में समझते हैं शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म पर्सनल लोन में क्या फर्क है, और आपके लिए कौन-सा विकल्प सही रहेगा?
पर्सनल लोन अवधि वह समय होता है, जिसमें उधारकर्ता को ब्याज समेत पूरी लोन राशि का भुगतान करना होता है। छोटी अवधि यानी शॉर्ट टर्म पर्सनल लोन आमतौर पर 6-12 महीनों के लिए होता है। यानी लोन भुगतान के लिए 6-12 महीनों का समय मिलता है।
छोटी लोन अवधि में लोन की मासिक ईएमआई ज़्यादा होती है। लेकिन जो कुल ब्याज लागत है वो कम लगता है। इस तरह ये लोन अवधि उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो कम समय के लिए और कम लोन राशि लेना चाहते हैं, साथ ही लोन जल्दी चुकाने में सक्षम हैं।
इसमें लोन रिपेमेंट के लिए आमतौर पर 3-5 साल का समय मिलता है। जबकि कुल सरकारी बैंक 7 साल तक का समय भी देते हैं। लॉन्ग टर्म पर्सनल लोन अवधि उन लोगों के लिए उपयुक्त हो सकती है, जो बड़ी लोन राशि लेना चाहते हैं लेकिन EMI का बोझ कम रखना चाहते हैं। लंबी अवधि चुनने से मासिक किस्त कम हो जाती है, हालांकि कुल ब्याज लागत बढ़ सकती है। इसलिए लोन अवधि चुनते समय अपनी मासिक आय, खर्च और रिपेमेंट क्षमता का आकलन ज़रूर करें।

अपने मासिक आय और खर्च का आकलन करें- अगर आपकी प्रति माह की इनकम फिक्स्ड है, तो देखें कि ज़रूरी खर्चों के बाद ईएमआई भुगतान के लिए कितनी राशि बचती है। उस हिसाब से लोन अवधि चुनें। या फिर अगर आप अधिक ईएमआई भरने में सक्षम हैं तो छोटी अवधि चुन सकते हैं। वरना मासिक बजट तंग होने पर लंबी अवधि बेहतर हो सकती है।
कुल ब्याज लागत कैलकुलेट करें- पर्सनल लोन ईएमआई कैलकुलेटर की मदद से लोन अवधि अनुसार कुल ब्याज लागत की गणना करें। शॉर्ट टर्म होने पर कम लागत लग सकता है, जबकि लॉन्ग टर्म होने से अधिक ब्याज लागत लग सकती है।
लोन उद्देश्य- किस काम के लिए लोन ले रहे हैं, इस आधार पर भी लोन अवधि चुन सकते हैं। मसलन- ट्रैवल, मेडिकल जैसे खर्चों के लिए शॉर्ट टर्म पर्सनल लोन ले सकते हैं। वहीं शादी और होम रेनोवेशन जैस खर्चों के लिए लॉन्ग टर्म पर्सनल लोन का विकल्प बेहतर हो सकता है।
ये भी पढ़ें- पर्सनल लोन की सही अवधि चुनने के लिए इन टिप्स को फॉलो करें
लोन अवधि आपके मासिक बजट, वित्तीय स्थिरता और कुल ब्याज लागत तीनों को प्रभावित करती है। ऐसे में सही लोन अवधि चुनकर आप बिना किसी वित्तीय परेशानी के आसानी से ईएमआई भर सकते हैं। समय से ईएमआई भरते रहने पर क्रेडिट स्कोर भी बेहतर बना रहता है। साथ ही आपके अन्य वित्तीय लक्ष्य भी प्रभावित नहीं होते।
शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म पर्सनल लोन अवधि की अपनी खूबिया और खामियां है। कौन-सी लोन अवधि किसके लिए सही रहेगी यह उधारकर्ता की वित्तीय स्थिति पर निर्भर करता है। इसलिए लोन अवधि चुनने से पहले अपनी मासिक आय, खर्च और रिपेमेंट क्षमता का अवश्य आकलन करें, फिर लोन अवधि चुनें।