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पर्सनल लोन की ब्याज दरें लोन की कुल लागत को प्रभावित करती हैं। बैंक और NBFCs ब्याज दर तय करते समय कई कारकों पर विचार करते हैं, जैसे- आवेदक का क्रेडिट स्कोर, मासिक आय, रोज़गार प्रोफ़ाइल, बैंक के साथ मौजूदा संबंध और EMI/NMI अनुपात आदि। यह सभी कारक आवेदक के क्रेडिट रिस्क का मूल्यांकन करने में बैंक और लोन संस्थान की मदद करते हैं और उसी के आधार पर ब्याज दरें ऑफर की जाती हैं। उदाहरण के लिए, जिन आवेदकों का क्रेडिट रिस्क कम होता है, उन्हें कम ब्याज दर पर पर्सनल लोन मिल सकता है। तो चलिए जानते हैं पर्सनल लोन की ब्याज दरों को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों के बारे में:-
पर्सनल लोन की ब्याज दरें तय करने में आपका क्रेडिट स्कोर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अधिकांश बैंक और लोन संस्थान क्रेडिट स्कोर के आधार पर अलग-अलग ब्याज दरें ऑफर करते हैं। ऐसे लोग जिनका क्रेडिट स्कोर 750 या उससे अधिक होता है उन्हें आमतौर पर कम ब्याज दरों पर पर्सनल लोन प्राप्त करने की संभावना अधिक होती है। वहीं, जिनका कोई क्रेडिट स्कोर नहीं होता या बहुत कम होता है, उन्हें अधिक ब्याज दरों पर लोन दिया जाता है।
आवेदक की रोज़गार प्रोफाइल भी पर्सनल लोन की ब्याज दरों को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों में से एक है। बैंक और लोन संस्थान आमतौर पर, नौकरीपेशा लोगों को सेल्फ-एम्प्लॉयड की तुलना में कम ब्याज दरों पर लोन देते हैं। वहीं, केंद्र या राज्य सरकार के अंतर्गत काम करने वालों की नौकरी की स्थिरता और आय की सुरक्षा को देखते हुए कम ब्याज दरें प्रदान की जाती हैं।
आमतौर पर न्यूनतम 15,000 रु. की मासिक आय वालों को पर्सनल लोन मिल सकता है। बैंक और NBFC लोन के लिए ऐसे आवेदकों को प्राथमिकता देते हैं जिनकी कुल EMI, उनकी नेट मासिक आय के 50-55% से अधिक न हो। जिन आवदेकों की मासिक आय और भुगतान क्षमता अधिक होती है, उन्हें कम ब्याज दरों पर पर्सनल लोन मिलने की संभावना भी अधिक होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन आवेदकों के लोन डिफॉल्ट का जोखिम कम होता है जिसे देखते हुए लोन संस्थान कम ब्याज दरों पर पर्सनल लोन ऑफर करते हैं।
बैंक और लोन संस्थान लोन देने से पहले आवेदक की रोज़गार स्थिरता का भी मूल्यांकन करते हैं। जो आवेदक बार-बार नौकरी बदलते हैं या जिनका रोज़गार इतिहास अस्थिर है, उन्हें लोन देने में रिस्क होता है। इसलिए ऐसे आवेदकों को या तो लोन नहीं मिलता, या फिर उन्हें अधिक ब्याज दरों पर लोन दिया जाता है।
ज़्यादातर बैंक अपने मौजूदा ग्राहकों को प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन या कम ब्याज दरों पर पर्सनल लोन ऑफर करते हैं। मौजूदा कस्टमर्स यानी ऐसे लोग जिनका बैंक में सेविंग्स, करेंट, एफडी या लोन अकाउंट है, या जिन्होंने बैंक से क्रेडिट कार्ड लिया हुआ है। इसलिए आवेदकों को बेहतर लोन ऑफर्स प्राप्त करने के लिए अपने मौजूदा बैंक/NBFC से प्री-अप्रूव्ड ऑफर्स ज़रूर चेक करने चाहिए।
कम ब्याज दरों पर पर्सनल लोन पाने के लिए आवेदकों को नीचे बताए गए टिप्स फॉलो कर सकते हैं:-
ब्याज दरें ज़्यादा होने से लोन की कुल लागत भी बढ़ जाती है। इसलिए पर्सनल लोन की ब्याज दरें किन कारकों से प्रभावित होती हैं उन्हें जानना ज़रूरी है, जिससे आप सही कदम उठाकर कम ब्याज दरों पर लोन प्राप्त कर सकें।