लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी एक सिक्योर्ड लोन है जिसमें आप अपनी रेज़िडेंशियल, कर्मशियल और इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी को गिरवी रख उसके बदले लोन ले सकते हैं। अन्य लोन की तुलना में लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी कई फायदों के साथ आती है जैसे- अधिक लोन राशि, लंबी अवधि आदि। हालांकि, कई बार लोग इसके बारे में कुछ गलतफहमियां पाल लेते हैं और सही फैसला नहीं ले पाते। चलिए जानते हैं लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी से जुड़ी 6 प्रमुख गलतफहमियों और उनकी सच्चाई के बारे में।
गलतफहमी 1: गिरवी रखी संपत्ति का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता
लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी (LAP) में आपकी प्रॉपर्टी को गिरवी रखने के बाद उसके बदले लोन दिया जाता है। बहुत से लोगों के बीच यह गलतफहमी है कि जिस प्रॉपर्टी को गिरवी रखा जाता है, उसका उपयोग नहीं कर सकते जो कि एकदम गलत है। क्योंकि जब तक आप लोन की किस्तें समय पर चुकाते रहते हैं, तब तक प्रॉपर्टी पर आपका स्वामित्व बना रहता है और आप उसका उपयोग कर सकते हैं।
लेकिन समय पर लोन न चुकाने यानी लोन डिफॉल्ट करने पर बैंक/NBFC के पास आपकी प्रॉपर्टी जब्त करने और उसे निलाम कर बाकाया राशि वसूलने का अधिकार होता है।
गलतफहमी 2: LTV रेश्यो 100% तक जा सकता है
आपकी प्रॉपर्टी वैल्यू के जितने प्रतिशत का लोन आपको बैंक या लोन संस्थान से मिलता है, वही आपको LTV रेश्यो (लोन-टू-वैल्यू-रेश्यो) होता है। ऐसा माना जाता है कि लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी में एलटीवी रेश्यो 100% तक जा सकता है, जबकि ऐसा नहीं है। बल्कि बैंक/लोन संस्थान आमतौर पर, प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू के 75% तक का ही लोन देते हैं। आपको अधिकतम कितना लोन मिलेगा यह प्रॉपर्टी की लोकेशन, वह कितने साल पुरानी है, आपकी भुगतान क्षमता आदि के आधार पर तय किया जाता है।
गलतफहमी 3: लोन राशि के इस्तेमाल को लेकर पाबंदी होती है
ज़्यादातर लोग यह मानते हैं कि प्रॉपर्टी के बदले लोन लेने पर लोन राशि के इस्तेमाल को लेकर पाबंदी होगी यानी इसका इस्तेमाल आप सिर्फ कुछ चुनिंदा कामों के लिए ही कर सकेंगे। लेकिन असल बात यह है कि पर्सनल लोन, गोल्ड लोन और टॉप-अप होम लोन की तरह ही LAP की राशि का उपयोग लगभग किसी भी ज़रूरत को पूरा करने के लिए किया जा सकता है। जैसे- बच्चों की उच्च शिक्षा, बिज़नेस बढ़ाने, वर्किंग कैपिटल की ज़रूरत को पूरा करने आदि के लिए। हालांकि, इसका उपयोग अवैध और जोखिम भरें कामों के लिए नहीं किया जा सकता।
गलतफहमी 4: LAP की अवधि बहुत छोटी होती है
LAP एक लंबी अवधि का लोन होता है जिसकी अवधि अधिकतम 20 साल तक हो सकती है। जो पर्सनल लोन, गोल्ड लोन और टॉप-अप होम लोन की तुलना में ज़्यादा होती है। जहां पर्सनल लोन आमतौर पर 5 साल तक की अवधि के लिए मिलता है, वहीं गोल्ड लोन 3 साल और टॉप-अप होम लोन 15 साल तक की अवधि के लिए दिया जाता है। ऐसे में देखा जाए तो इनकी तुलना में लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी की लोन अवधि अधिक होती है।
गलतफहमी 5: सिर्फ रेज़िडेंशियल प्रॉपर्टी ही गिरवी रखी जा सकती है
आमौतर पर, बैंक और NBFCs रेज़िडेंशियल प्रॉपर्टी के अलावा कमर्शियल प्रॉपर्टी को गिरवी रख उसके बदले लोन देते हैं। कई लेंडर्स तो इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी के बदले भी लोन देते हैं। ऐसे में अगर आपके पास इनमें से किसी भी तरह की प्रॉपर्टी है, तो आप लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी का लाभ उठा सकते हैं।
गलतफहमी 6: लोन अमाउंट प्रॉपर्टी की खरीद कीमत पर निर्भर करती है
अगर आप यह सोचते हैं कि आपने प्रॉपर्टी जितने में खरीदी है, उतना ही लोन आपको मिल सकता है, तो आप यहां गलत हैं। क्योंकि लोन राशि प्रॉपर्टी की वर्तमान मार्केट वैल्यू पर निर्भर करती है, न कि उसकी खरीद मूल्य पर। बैंक प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू का मूल्यांकन करते समय उसके लोकेशन, प्रॉपर्टी कितने साल पुरानी है, जैसे फैक्टर्स भी देखते हैं। इसके बाद, वे आवेदक की भुगतान क्षमता, उसके क्रेडिट स्कोर आदि को देखने के बाद लोन की रकम तय करते हैं।
निष्कर्ष :
ऐसे में अपनी वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने में लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी एक उपयोगी विकल्प है। लेकिन इसके लिए आवेदन करने से पहले ऊपर बताई गई इन सामान्य गलतफहमियों को समझना और उन्हें दूर करना ज़रूरी है, जिससे आप सही फैसला ले सकें।