देश में क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का इस्तेमाल तेज़ी से बढ़ रहा है। छोटे कस्बों से लेकर बड़े शहरों तक लोग खर्चों को मैनेज करने और कैशलेस ट्रांजैक्शन के लिए क्रेडिट कार्ड का सहारा ले रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बार-बार अपनी पूरी क्रेडिट लिमिट का उपयोग करना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है?
भले ही बैंक आपको एक तय सीमा तक खर्च करने की अनुमति देता है, लेकिन बार-बार उस लिमिट का पूरा उपयोग करने से क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो (Credit Utilization Ratio – CUR) बढ़ जाता है। यही बढ़ा हुआ CUR आपके क्रेडिट स्कोर (Credit Score) पर नकारात्मक असर डाल सकता है और आपकी क्रेडिट प्रोफाइल को कमजोर कर सकता है। अगर आप भी क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, तो ये आर्टिकल आपके काम का है, क्योंकि इस लेख की मदद से आइए, समझते हैं कि क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो क्या होता है और क्रेडिट कार्ड की पूरी लिमिट खर्च करने के संभावित परिणाम क्या हो सकते हैं।
क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो क्या होता है?
आप अपने क्रेडिट लिमिट का कितना प्रतिशत खर्च करते हैं इसे ही क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो (CUR) कहते हैं। आदर्श रूप से क्रेडिट लिमिट को कम ही रखना चाहिए। इसका बार-बार पूरा इस्तेमाल करने से सीयूआर बढ़ जाता है और बढ़ा हुआ CUR क्रेडिट कार्ड पर आपकी ज़्यादा निर्भरता दिखाता है।
क्रेडिट कार्ड लिमिट का ज़्यादा उपयोग करने के परिणाम
क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव
क्रेडिट स्कोर का सीधा संबंध CUR से होता है। आप क्रेडिट कार्ड की लिमिट का जितना ज़्यादा उपयोग करते हैं, CUR उतना ही बढ़ता है। और बार-बार क्रेडिट लिमिट का पूरा इस्तेमाल करने से क्रेडिट स्कोर कुछ अंकों से गिर भी सकता है। जिससे भविष्य में लोन या क्रेडिट कार्ड मिलने में मुश्किल हो सकती है। क्योंकि लोन आवेदन के समय आपकी साख का पता करने के लिए बैंक व एनबीएफसी सबसे पहले आपका क्रेडिट स्कोर ही चेक करते हैं।
CUR का क्रेडिट स्कोर पर कितना असर पड़ता है, जानने के लिए पैसाबाज़ार के क्रेडिट स्कोर प्रेडिक्टर टूल का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह टूल न सिर्फ संभावित प्रभाव बताता है बल्कि ऐसे सुझाव भी देता है जिसे अपनाकर आप सही क्रेडिट निर्णय ले सकते हैं और अपनी वित्तीय समझ को और बढ़ा सकते हैं।
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बढ़ी हुई ब्याज दरें
अगर आप बार-बार अपनी पूरी क्रेडिट लिमिट का उपयोग करते हैं, तो कई लेंडर आपको क्रेडिट हंगरी और उच्च जोखिम वाला ग्राहक मान सकते हैं। इसका नतीजा भविष्य में आपको लोन या क्रेडिट कार्ड अधिक ब्याज दर पर लेना पड़ सकता है। साथ ही, जब बकाया राशि अधिक होती है, तो उस पर लगने वाला ब्याज भी आपके लिए वित्तीय बोझ बन सकता है, जिससे समय पर लोन या EMI चुकाना और कठिन हो जाता है।
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भुगतान में देरी और ओवर स्पेंडिंग पर लगने वाले शुल्क
अगर ड्यू डेट तक मिनिमट अमाउंट का भी भुगतान नहीं करते हैं, तो लेंट पेमेंट चार्ज देना पड़ता है। वहीं, क्रेडिट लिमिट से अधिक खर्च करने पर भी कुछ बैंक व कार्ड जारीकर्ता द्वारा ओवर स्पेंडिंग फीस वसूली जाती है। हालांकि ओवर स्पेंडिंग की अनुमति सभी कार्ड होल्डर्स को नहीं मिलती। इस तरह ये अतिरिक्त शुल्क न केवल आपकी कुल बकाया राशि और आर्थिक बोझ को बढ़ाते हैं, बल्कि आपके क्रेडिट स्कोर पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। ये अतिरिक्त शुल्क न केवल आपकी कुल बकाया राशि और आर्थिक बोझ को बढ़ाते हैं, बल्कि आपके क्रेडिट स्कोर पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
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निष्कर्ष
पूरी क्रेडिट लिमिट का इस्तेमाल करना भले ही कभी-कभी सुविधाजनक या ज़रूरी लगे, लेकिन यह आगे चलकर गंभीर वित्तीय समस्याएं खड़ी कर सकता है। क्रेडिट कार्ड को मैक्स आउट करने से न केवल आपका क्रेडिट स्कोर गिर सकता है, बल्कि आप पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव भी बढ़ जाता है। समझदारी यही है कि क्रेडिट कार्ड का उपयोग सोच-समझकर करें, क्रेडिट उपयोग अनुपात कम रखें और सभी भुगतान समय पर करें, ताकि आपका वित्तीय स्वास्थ्य और क्रेडिट प्रोफाइल दोनों मजबूत बने रहें।