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जिन कस्टमर्स ने पहले कभी पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड नहीं लिया उन्हें न्यू-टू-क्रेडिट (NTC) कहा जाता है। ऐसे लोगों के लिए पर्सनल लोन पाना चुनौती भरा हो सकता है। क्योंकि ज़्यादातर बैंक और लोन संस्थान बिना क्रेडिट हिस्ट्री वाले आवेदकों को लोन देने से बचते हैं।
लेकिन वर्तमान में डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स और नए क्रेडिट असेसमेंट मॉडल्स की वजह से बिना क्रेडिट स्कोर के भी पर्सनल लोन पाना संभव हो गया है। अगर आप पहली बार लोन ले रहे हैं, तो जानें आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और किन गलतियों से बचना चाहिए।
आमतौर पर बैंक और लोन संस्थान कस्टमर की क्रेडिटवर्थिनेस का पता उसके क्रेडिट स्कोर और भुगतान इतिहास से लगाते हैं। लेकिन न्यू-टू-क्रेडिट कस्टमर्स की कोई पेमेंट हिस्ट्री न होने की वजह से लेंडर्स इन बातों के आधार पर कस्टमर्स की योग्यता को आंकते हैं:-
इसका मतलब है कि क्रेडिट स्कोर न होने के बावजूद आवेदक को पर्सनल लोन मिल सकता है, अगर उसकी सैलरी नियमित है और वह समय पर अपने सभी बिलों का भुगतान करता है।
ऐसे आवेदक जिनका क्रेडिट स्कोर नहीं है, वे इन तरीकों को अपनाकर अपना क्रेडिट स्कोर बना सकते हैं:-
पहली बार पर्सनल लोन लेने वाले आवेदकों के लिए योग्यता शर्तें एक बैंक और लोन संस्थान से दूसरे में भिन्न हो सकती है। नीचे कुछ सामान्य योग्यता शर्तों के बारे में बताया गया है:-
अगर आप पहली बार पर्सनल लोन लेने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो लोन लेते समय आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे आप अपने लिए सही पर्सनल लोन का चुनाव कर सकें:-
पहली बार लोन लेने वाले आवेदकों को अधिक ब्याज दरों पर लोन मिल सकता है। ऐसे में अपने लिए कम से कम ब्याज दरों, प्रोसेसिंग फीस पर लोन पाने के लिए लोन ऑफर्स की तुलना करें। आप पैसाबाज़ार पर विभिन्न बैंक/NBFC के लोन ऑफर्स एक ही जगह पर देख सकते हैं और मिनटों में अपने लिए सही विकल्प का चुन सकते हैं।
बैंक के मौजूदा कस्टमर्स को लोन मिलने की अधिक संभावना होती है। इसलिए जिस बैंक में आपकी सैलरी आती है या जहां आपका एफडी या सेविंग अकाउंट है वहां से पर्सनल लोन ऑफर्स पता करें।
अधिकांश बैंक और NBFC समय से पहले लोन चुकाने पर या कुछ रकम का भुगतान करने पर प्रीपेमेंट या फोरक्लोज़र चार्ज लेते हैं। वहीं कुछ लेंडर्स लोन बंद करने के लिए लॉक-इन पीरियड रखते हैं जिसमें तय ईएमआई या अवधि के बाद ही लोन के प्रीपेमेंट की अनुमति होती है।
EMI भुगतान में देरी या पेमेंट में चूक होने पर बैंक पेनेल्टी लेते हैं, ऐसे में लोन लेने से पहले लेट पेमेंट फीस की जानकारी ज़रूरी लें।
पर्सनल लोन के लिए लेंडर्स आमतौर पर पहचान, पता और इनकम प्रमाण जैसे दस्तावेज़ मांगते हैं।
हाँ, कई लेंडर NTC ग्राहकों को इनकम, जॉब स्टेबिलिटी और बैंक ट्रांजैक्शन जैसी जानकारी के आधार पर लोन देते हैं।