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अक्सर लोग अपनी वित्तीय ज़रूरतों ( शादी, शिक्षा, चिकित्सा आपातकाल, घर के नवीनीकरण आदि) को पूरा करने के लिए पर्सनल लोन तो ले लेते है। लेकिन समय से लोन का भुगतान न करने पर लोन लेने वाले की वित्तीय स्थिति पर बुरा असर पड़ सकता है। इससे भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है या अधिक ब्याज पर लोन मिल सकता है। इन परेशानियों से बचने के लिए ज़रूरी है कि आप अपने लोन की भुगतान योजना सही तरीके से बनाएं और समय पर EMI चुकाएं। नीचे दिए गए आसान सुझाव आपकी मदद कर सकते हैं।
व्यक्तियों को अपनी भुगतान क्षमता के अनुसार पर्सनल लोन लेना चाहिए। आमतौर पर पर्सनल लोन लेने के लिए कम से कम ₹15,000 मासिक आय की ज़रूरत होती है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि पर्सनल लोन लेने वाले व्यक्तियों की कुल ईएमआई उनकी शुद्ध मासिक आय (Net Monthly Income) के 50-55% से अधिक नहीं होनी चाहिए। अगर EMI इससे अधिक हो गई, तो बाकी खर्चों को मैनेज करना मुश्किल हो सकता है। अपनी भुगतान क्षमता के अनुसार लोन लेने से आप अपने वित्तीय दायित्वों से समझौता किए बिना अपनी वित्तीय ज़रूरतें पूरी कर सकेंगे।
इमरजेंसी फंड वह पैसा होता है जिसे हम अचानक आने वाली ज़रूरतों या मुश्किल हालात में इस्तेमाल करते हैं। यह एक तरह का सुरक्षा कवच है, जो आपको वित्तीय तनाव से बचाता है। व्यक्ति अचानक वित्तीय संकट की स्थिति में अपनी बचत या महत्वपूर्ण निवेशों को प्रभावित किए बिना अपने नियमित खर्चों को पूरा करने के लिए इमरजेंसी फंड का उपयोग कर सकते हैं। इमरजेंसी फंड, वित्तीय अस्थिरता जैसी स्थिति में आपको नया लोन लेने से भी रोकती है। इससे आप समय पर अपने लोन (यदि वर्त्तमान में कोई लोन चल रहा है) का भुगतान जारी रख सकते हैं ताकि लोन का भुगतान न करने वाली पेनल्टी से बचा जा सके।
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जब भी आपके पास अतिरिक्त धनराशि हो, आपको अपने लोन के छोटे-छोटे प्रीपेमेंट करने चाहिए। इससे बकाया मूलधन, कुल ब्याज लागत और शेष लोन अवधि कम हो जाती है, जिससे ईएमआई का बोझ कम होता है। ऐसा करने से न केवल पर्सनल लोन का भुगतान आसान होता है, बल्कि लोन भी जल्दी खत्म हो जाएगा।
मासिक वित्तीय बजट बनाने से आपको अपने खर्चों और बचत पर नज़र रखने में मदद मिलती है। इससे अनावश्यक खर्च पहचानना आसान हो जाता है और आप उन्हें कम कर पाते हैं। जब आप अपने बजट पर अमल करते है, तो EMI को आसानी से प्राथमिकता दे पाते हैं। इस प्रकार, आपके पास अपनी मासिक किश्तें चुकाने के लिए पर्याप्त धनराशि होगी।
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जिन लोगों ने पर्सनल लोन लिया हुआ वह अपने मौजूदा पर्सनल लोन अकाउंट को कम ब्याज दर वाले लेंडर के पास ट्रांसफर करने के लिए पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। बैलेंस ट्रांसफर से कुल ब्याज लागत कम हो जाती है और ग्राहक अपने लोन भुगतान को अधिक कुशलता से मैनेज कर पाते हैं। चाहें तो आप लंबी अवधि वाला लोन भी चुन सकते हैं, जिससे आपकी EMI और भी कम हो जाती है। हालांकि, इससे उनकी कुल ब्याज लागत बढ़ सकती है।
बैलेंस ट्रांसफर करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना भी ज़रूरी है:
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पर्सनल लोन लेने वाले समय पर ईएमआई भुगतान सुनिश्चित करने के लिए अपने सेविंग्स अकाउंट को ऑटो डेबिट पर सेट कर दें, ताकि हर महीने EMI अपने आप आपके अकाउंट से कट जाए।
इससे:
पर्सनल लोन को आसानी से मैनेज करने के लिए अच्छी वित्तीय योजना सबसे ज़रूरी है। यदि EMI समय पर नहीं भरते, तो लेट फीस लगती है और आपका क्रेडिट स्कोर भी खराब होता है। लेकिन अगर आप ऊपर बताए गए टिप्स को अपनाते हैं, तो आप अपने सभी लोन को बिना किसी तनाव के मैनेज कर पाएंगे। समय पर भुगतान न सिर्फ आपकी आर्थिक स्थिति को मज़बूत करता है, बल्कि आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को भी बेहतर बनाता है, जिससे भविष्य में आपको कम ब्याज दर पर लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है।