ब्याज दरों की तुलना न करना
लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी (LAP) की ब्याज दरें आमतौर पर 9% प्रति वर्ष से शुरू होती हैं, जो आवेदक के क्रेडिट रिस्क असेसमेंट, लोन राशि, आवेदक द्वारा चुनी गई भुगतान अवधि आदि पर निर्भर करती हैं। कम ब्याज दरों का लाभ उठाने के लिए आवेदक को लोन आवेदन से पहले ज़्यादा-से-ज़्यादा बैंकों/NBFCs के लोन ऑफर्स की तुलना करनी चाहिए। और वहां आवेदन करना चाहिए जहां सबसे कम ब्याज दरों पर लोन मिल रहा हो। आवेदक उन बैंक या लोन संस्थानों में भी पता कर सकते हैं जिनके साथ उनके मौजूदा संबंध यानी अकाउंट है।
प्रोसेसिंग फीस व अन्य चार्जेस को नज़रअंदाज़ करना
लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी पर अधिकतर बैंक/NBFC लोन राशि के 1%-2% तक की प्रोसेसिंग फीस लेते हैं। चुंकि इसमें लोन अमाउंट अधिक होता है, ऐसे में प्रोसेसिंग फीस भी उस हिसाब से काफी ज़्यादा हो सकती है। इसलिए लोन ऑफर्स की तुलना करते समय सिर्फ ब्याज दर नहीं, बल्कि प्रोसेसिंग फीस और अन्य चार्जेस भी ज़रूर देखें।
बता दें, RBI के नियमों के अनुसार फ्लोटिंग रेट पर लिए गए लोन पर कोई प्रीपेमेंट चार्ज नहीं लगता, जबकि फिक्स्ड रेट LAP पर लगता है। यानी अगर आप फिक्स्ड रेट लोन का प्रीपेमेंट करते हैं, तो आपको चार्जेस का भुगतान करना पड़ेगा। ऐसे में जो लोग भविष्य में प्रीपेमेंट करना चाहते हैं, उन्हें फिक्स्ड रेट के बजाय फ्लोटिंग रेट लोन चुनने पर विचार करना चाहिए।
सही लोन अवधि का चुनाव न करना
आपके लोन की EMI और कुल ब्याज लागत तय करने में लोन अवधि महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अगर आप लंबी अवधि के लिए लोन लेते हैं, तो आपको कम ईएमआई देनी होगी लेकिन उस पर ब्याज लागत अधिक होगी। इसी तरह, कम अवधि के लिए लोन लेने पर अधिक ईएमआई का भुगतान करना होगा लेकिन इससे ब्याज लागत कम हो जाएगी।
LAP की अवधि 15-20 साल तक हो सकती है, इसलिए अपनी भुगतान क्षमता के हिसाब से ही लोन अवधि चुनें। छोटी अवधि तभी चुनें जब आप अपने ज़रूरी फाइनेंशियल गोल्स से समझौता किए बगैर अधिक ईएमआई का भुगतान करने में सक्षम हो। अगर ऐसा नहीं कर सकते तो लंबी अवधि के लिए लोन लें जिससे आप तय समय पर अपनी ईएमआई भर सकें। लंबी अवधि के लिए लोन लेने वाले कस्टमर्स भविष्य में अतिरिक्त रकम का भुगतान कर कुल ब्याज लागत को कम कर सकते हैं।
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डिस्बर्सल में लगने वाले समय को अनदेखा करना
लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी के मामले में बैंक और लोन संस्थान को प्रॉपर्टी वैल्यूएशन और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करना पड़ता है जिसकी वजह से लोन प्रोसेसिंग में 2-3 सप्ताह का समय लग सकता है। इसलिए अगर आपको तुरंत लोन की ज़रूरत है, तो LAP उपयुक्त विकल्प नहीं है। ऐसे मामलों में पर्सनल लोन या गोल्ड लोन जैसे जल्द मिलने वाले विकल्प बेहतर साबित हो सकते हैं।
EMI को इमरजेंसी फंड में शामिल ना करना
अचानक आई फाइनेंशियल इमरजेंसी जैसे- नौकरी छूटने, बीमारी आदि की वजह से लोन भुगतान में मुश्किलें आ सकती हैं। इससे बचने के लिए ऐसा इमरजेंसी फंड बनाएं जिसमें आपके 6 महीने के ज़रूरी खर्चों के साथ आपके लोन की EMI भी शामिल हो। ऐसे में, जितना जल्दी हो सके इमरजेंसी फंड बनाएं और उसमें अपने लोन की ईएमआई को शामिल करना न भूलें।