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ज़्यादातर लोग अपनी बेटी के भविष्य के लिए निवेश करने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) को चुनते हैं लेकिन अन्य विकल्प भी है जिस पर आप विचार कर सकते हैं, पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड (PPF)। इस कारण ही SSY vs PPF चर्चा का मुद्दा भी बना रहता है। सुकन्या समृद्धि योजना या पीपीएफ में से कौनसा विकल्प बेहतर है, जानने के लिए ये लेख पढ़ें।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही एक टैक्स- फ्री सेविंग स्कीम है जिसमें प्रत्येक तिमाही में सरकार ब्याज दरें निर्धारित करती है और ब्याज का भुगतान करती है। दूसरी ओर, सुकन्या समृद्धि योजना महिलाओं और बालिकाओं के कल्याण के लिए लिए केंद्र सरकार की एक छोटी बचत योजना है। सुकन्या समृद्धि अकाउंट केवल लड़की के नाम पर खोला जा सकता है जबकि पीपीएफ अकाउंट कोई भी शुरू कर सकता है। दोनों ही योजनाओं के अपने फायदे हैंI पीपीएफ अकाउंट को एसएसवाई की तुलना में अधिक लिक्विड माना जाता है। लेकिन सुकन्या समृद्धि अकाउंट लंबी अवधि में संभवतः ज्यादा अच्छा रिटर्न दे सकता है।
इस टेबल में सरकार की दोनों योजनाओं के उद्देश्य, अवधि, ब्याज दर, योग्यता , टैक्स बेनिफिट, कार्य पद्धति आदि के बारे में बताया गया है:-
| पैरामीटर | पब्लिक प्रोविडेंट फंड | सुकन्या समृद्धि अकाउंट |
| ब्याज दर | 7.1% (पहली तिमाही, वित्तीय वर्ष, 2023-24) | 8.0% (पहली तिमाही, वित्तीय वर्ष, 2023-24) |
| प्रवेश की उम्र | 15 वर्ष | जन्म |
| प्रवेश पर भुगतान की जाने वाली राशि | ₹100 | ₹1000 |
| न्यूनतम डिपॉज़िट | ₹500 | ₹250 |
| अधिकतम डिपॉज़िट | ₹1,50,000 | ₹1,50,000 |
| टैकेस बेनिफिट | ₹1,50,000 | ₹1,50,000 |
| मैच्योरिटी | 15 वर्ष | 21 वर्ष |
| प्रीमैच्योर टर्मिनेशन | 5 वित्तीय वर्ष के बाद | 18 साल की उम्र के बाद |
| नॉमिनेशन | उपलब्ध | उपलब्ध नहीं |
| लोन | उपलब्ध | उपलब्ध नहीं |
ये भी पढ़ें: अपना PPF अकाउंट बैलेंस कैसे जानें?
सुकन्या समृद्धि योजना में खाता माता-पिता या अभिभावक के द्वारा बालिका के नाम पर खोला जाता है। अकाउंट खोलने के लिए बालिका की अधिकतम आयु उम्र 10 साल होनी चाहिए। जबकि भारत का कोई भी नागरिक पीपीएफ अकाउंट खोल सकता है। पीपीएफ में अकाउंट खोलने के लिए आपकी आयु कम से कम 18 साल होनी चाहिए।
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दोनों ही बचत योजनाओं के लिए ब्याज दर हर वित्तीय वर्ष में बदलती रहती हैं, क्योंकि वे गवर्नमेंट सिक्योरिटी या G- Sec से जुड़ी होती हैं। सरकार हर तीन महीने में इनके ब्याज दर की समीक्षा और निर्धारण करती हैI वित्तीय वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2023) के लिए सुकन्या समृद्धि योजना की वर्तमान ब्याज दर 8.0 प्रतिशत है। यह ब्याज सालाना कंपाउंड किया जाता है। हर महीने ब्याज कैलकुलेट करते समय एसएसवाई खाते में 10 वीं और महीने की अंतिम तारीख के बीच के न्यूनतम बैलेंस को ध्यान में रखा जाता है। इसका मतलब यह है कि निवेश हर महीने की 10 तारीख से पहले हो जाना चाहिए।
पीपीएफ अकाउंट के लिए वर्त्तमान ब्याज दर 7.1 प्रतिशत है। इसकी ब्याज कैलकुलेट करने के लिए, प्रत्येक महीने की 5 तारीख से अंतिम दिन के बीच के न्यूनतम बैलेंस को ध्यान में रखा जाता है। इसलिए, इस अकाउंट में निवेश हर महीने की 5 तारीख से पहले किया जाना चाहिए।
यदि आप पीपीएफ में निवेश करते हैं, तो आपकी निवेश की गई राशि विशेष छूट की श्रेणी में आती है। इसका मतलब यह है कि इस फंड में किए गए निवेश पर आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 (C) के तहत छूट दी जाती है। साथ ही, मैच्योरिटी के समय मिलने वाले ब्याज पर भी टैक्स नहीं लगता हैI उदाहरण के लिए, यदि आप प्रति वर्ष 1.5 लाख रुपये का निवेश करते हैं, (अधिकतम इतना ही योगदान किया जा सकता है) और आप 30 प्रतिशत की टैक्स कैटेगरी में आते हैं, तो आप 45,000 रुपये तक की राशि का टैक्स बचा पायेंगे।
इसी तरह, सुकन्या समृद्धि योजना अकाउंट पर भी कोई टैक्स लागू नहीं होता है। आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत सालाना निवेश पर टैक्स नहीं लगता हैI मैच्योरिटी पर अर्जित ब्याज और अंतिम राशि भी टैक्स के दायरे में नहीं आती है। पीपीएफ की तरह, एसएसवाई मे भी हर साल अधिकतम 1.5 लाख रुपये का ही निवेश किया जा सकता है।
पीपीएफ अकाउंट में न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1,50,000 रुपये ही जमा किए जा सकते हैं। वहीं सुकन्या समृद्धि योजना अकाउंट में न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1,50,000 रुपये जमा किए जा सकते हैं।
सभी योग्यता शर्तों को पूरा करने वाली महिला/ पुरुष 1000 रुपये की राशि के साथ सुकन्या समृद्धि योजना अकाउंट खुलवा सकता है, जबकि पीपीएफ अकाउंट शुरू करने के लिए न्यूनतम राशि 100 रुपये है। आप इन दोनों ही अकाउंट को पोस्ट ऑफिस या बैंक में खोल सकते हैं। अगर आप किसी कारणवश हर साल न्यूनतम योगदान नहीं कर पाते हैं तो, पीपीएफ या एसएसवाई के तहत संबंधित खाते पर 50/- रुपये की अतिरिक्त राशि वसूली जाएगी।
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पीपीएफ अकाउंट खोलने के 6 साल बाद ही आंशिक या पूर्ण निकासी की जा सकती है। हालांकि, यह सुझाव दिया जाता है कि अगर आप ये जानना चाहती हैं कि अकाउंट से आंशिक राशि कब निकाली जा सकती है, आपको बैंक की संबंधित वेबसाइट पर एक बार चेक ज़रूर कर लेना चाहिए। कुछ बैंक, आईसीआईसीआई और एक्सिस जैसे कुछ बैंक 5 साल के बाद और एसबीआई और एचडीएफसी जैसे कुछ बैंक 7 साल के बाद पैसे निकालने की अनुमति देते हैं।
सुकन्या समृद्धि योजना अकाउंट से केवल तभी पैसे निकाले जा सकते हैं, जब लड़की की उम्र अठारह वर्ष हो जाए। इसके अलावा ये पैसे केवल लड़की की उच्च शिक्षा के लिए ही निकाले जा सकते हैं।
पीपीएफ अकाउंट खोलने के 15 साल बाद मैच्योर होता है। हालांकि, ग्राहक को मैच्योरिटी राशि निकालने, योजना की अवधि और योगदान का विस्तार करने या योजना की अवधि बढ़ाने की भी अनुमति है जिसके लिए उसे आगे पैसे जमा कराने की ज़रूरत नहीं है। जबकि, सुकन्या समृद्धि योजना अकाउंट लड़की के 21 वर्ष की उम्र की होने के बाद स्वतः ही मैच्योर हो जाता है। लड़की के 18 साल की होने के बाद केवल उच्च शिक्षा के लिए ही कुछ राशि निकाली जा सकती है।
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत समय से पहले योजना को बंद करना या जमा राशि को निकालना केवल तभी संभव है, अगर खाताधारक की असामयिक मृत्यु हो जाए या वह अकाउंट को जारी रखने में असमर्थ हो। पीपीएफ अकाउंट कुछ विशेष मामलों जैसे- किसी गंभीर या जानलेवा बीमारी के इलाज और खाताधारक की उच्च शिक्षा के लिए ही 5 साल बाद समय से पहले बंद किया जा सकता है।
पीपीएफ के मामले में कोई भी नॉमिनी नियुक्त कर सकता है, लेकिन एसएसवाई खाताधारकों के लिए यह संभव नहीं है। लोन सुविधा के आधार पर पीपीएफ के तहत ग्राहक लोन भी प्राप्त कर सकते हैं, जिससे आप किसी भी इमरजेंसी में पैसे की ज़रूरत को पूरा कर सकते हैं, लेकिन सुकन्या समृद्धि योजना के तहत ऐसा नहीं किया जा सकता हैI
इस तरह हम देख सकते हैं कि पीपीएफ जहां अधिक फ्लेक्सिबल है, वहीं सुकन्या समृद्धि योजना के तहत आपको अधिक रिटर्न मिलता है। यदि आपके पास निवेश करने के लिए अधिक राशि है, तो आप दोनों योजनाओं में निवेश कर सकते हैंI
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