पर्सनल लोन और लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी (LAP) दोनों ही लोन में लोन राशि के उपयोग को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं होता है। यानी आप लोन राशि का उपयोग अपनी किसी भी निजी ज़रूरत जैसे- घर के रेनोवेशन,बच्चों की पढ़ाई/शादी, बिज़नेस का विस्तार करने, विदेश यात्रा आदि के लिए कर सकते हैं, सिवाय जोखिम भरे उद्देश्यों के। चूंकि दोनों लोन समान उद्देश्यों के लिए लेते हैं, इसलिए कई बार इन दोनों विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करना मुश्किल हो जाता है।
आपकी इस समस्या का हल करने के लिए नीचे दोनों विकल्पों के बीच प्रमुख अंतर बताए गए हैं जिससे आप सही निर्णय ले सकें:
1. प्रोसेसिंग में लगने वाला समय
अन्य सभी लोन की तुलना में पर्सनल लोन में राशि तुरंत डिसबर्स कर दी जाती है, आमतौर पर 2 से 7 दिनों के भीतर। कुछ बैंक/NBFC तो जिस दिन लोन के लिए आवेदन किया जाता है, उसी दिन लोन देने का दावा करते हैं। वहीं दूसरी तरफ, लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी (LAP) की प्रोसेसिंग में एक से तीन सप्ताह तक का समय लग सकता है क्योंकि इसमें लेंडर्स को प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट्स की वेरिफिकेशन, वैल्यूएशन आदि करनी होती है। इतना ही नहीं, उन्हें प्रॉपर्टी के स्वामित्व और उसके बाजार मूल्य की पुष्टि करने के लिए एक तकनीकी अध्ययन भी करना होता है। इस पूरी प्रक्रिया में लंबा समय लगता है जिससे लोन डिसबर्सल में देरी होती है।
2. ब्याज दरें
एक सिक्योर्ड लोन होने की वजह से लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी की ब्याज दरें पर्सनल लोन की तुलना में कम होती है। क्योंकि प्रॉपर्टी बैंक और लोन संस्थान के पास गिरवी होती है, ऐसे में लोन न चुकाने पर प्रॉपर्टी बेचकर लोन राशि वसूल की जा सकती है, इसलिए लेंडर्स LAP एप्लीकेशन का मूल्यांकन करते समय क्रेडिट स्कोर और अन्य मापदंडों के बारे में अधिक सहज रुख अपनाते हैं। जबकि पर्सनल लोन में जिन आवेदकों का क्रेडिट स्कोर 750 या उससे कम है, उन्हें लोन मिलने में मुश्किल आती है या फिर लोन ज़्यादा ब्याज दरों पर मिल सकता है।
ऐसे में, कम क्रेडिट स्कोर की वजह से जिन कस्टमर्स को पर्सनल लोन नहीं मिल पाता या उन्हें अधिक ब्याज दरों पर लोन मिलता है, वे लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी लेने पर विचार कर सकते हैं।
3. लोन अवधि
LAP के मामले में लोन अवधि आमतौर पर 15-20 साल होती है, जबकि पर्सनल लोन के लिए में यह आमतौर पर 5 साल तक हो सकती है। कुछ लेंडर्स 7 साल तक के लिए भी पर्सनल लोन देते हैं। लंबी अवधि के लोन में, आपकी ईएमआई कम होती है और इस तरह अधिक राशि का लोन लेने की क्षमता में बढ़ती है।
ऐसे में जिन लोगों को भुगतान क्षमता कम होने की वजह से पर्सनल लोन नहीं मिल पा रहा, वे लंबी अवधि के लिए LAP लेने पर विचार कर सकते हैं। हालांकि, ध्यान रहे लंबी अवधि के कारण ब्याज लागत भी ज़्यादा होगी।
4. लोन राशि
पर्सनल लोन में लोन राशि आपकी मासिक आय और लोन भुगतान क्षमता पर निर्भर करती है। आमतौर पर, आपको 40 लाख रु. तक का लोन मिल सकता है। LAP के मामले में लोन राशि आपकी संपत्ति के बाजार मूल्य और आपकी भुगतान क्षमता दोनों पर निर्भर करेगी। आमतौर पर, लोन की राशि प्रॉपर्टी के मार्केट वैल्यू के 70 प्रतिशत तक होती है। अगर आप अधिक राशि का लोन लेना चाहते हैं, तो LAP एक बेहतर विकल्प होगा।
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5. प्रीपेमेंट चार्जेस
जब भी आप किसी फिक्स्ड रेट पर लिए गए पर्सनल लोन या LAP का प्रीपेमेंट करते हैं, तो आपको प्रीपेमेंट चार्ज़ेस देने पड़ते हैं। हालाँकि, बैंक और लोन संस्थान फ्लोटिंग रेट पर लिए गए पर्सनल लोन या LAP पर कोई प्रीपेमेंट शुल्क नहीं लगाते।
आमतौर पर, पर्सनल लोन के लिए प्रीपेमेंट/फोरक्लोजर चार्ज बकाया मूलराशि का 5 प्रतिशत तक होता है। कुछ लेंडर्स लोन लेने के एक निश्चित अवधि के बाद ही प्रीपेमेंट की अनुमति देते हैं। LAP के लिए प्रीपेमेंट चार्ज़ेस आमतौर पर सिर्फ 2% प्रतिशत तक होती है।
निष्कर्ष
ऐसे में, अगर आप भविष्य में अपने लोन का प्रीपेमेंट करने की योजना बना रहे हैं, तो फ्लोटिंग दरों पर पर्सनल लोन या LAP लेने पर विचार करें। वहीं अगर आप फिक्स्ड रेट पर पर्सनल लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो ऐसे बैंक और लोन संस्थान का चयन करें जो कम से कम प्रीपेमेंट चार्ज लेते हों।
हालांकि अगर ब्याज दर, लोन अवधि और लोन राशि पर विचार किया जाए, तो पर्सनल लोन की तुलना में LAP एक बेहतर विकल्प है, लेकिन यह डिसबर्सल समय के मामले में कम है। वहीं पर्सनल लोन उन लोगों के लिए बेहतर विकल्प होगा जिन्हें अपेक्षाकृत कम समय में फंड की आवश्यकता होती है।