कई बार कर्ज़ का भुगतान करने के बाद भी क्रेडिट स्कोर बढ़ने के बजाय गिरने लगता है। यह स्थिति उलझन भरी हो सकती है, लेकिन इसके पीछे कुछ अहम कारण हो सकते हैं, जैसे लोन सेटलमेंट, पहचान की चोरी या फिर क्रेडिट रिपोर्ट में गलती आदि। इस लेख में हम जानेंगे कि किन कारणों से क्रेडिट स्कोर में गिरावट होती है और उसके समाधान का क्या तरीका है-
1. लोन सेटलमेंट
जब आप पूरी लोन राशि चुकाने में असमर्थ होते हैं, तो बैंक से समझौता करके लोन बंद करने का विकल्प चुन सकते हैं। इसमें बैंक बकाया राशि से कुछ हिस्सा माफ कर देता है और कम भुगतान लेकर लोन को “सेटल्ड” मान लेता है।
उदाहरण के लिए- आप पर ₹2 लाख का पर्सनल लोन बकाया है और आपने बैंक से सेटलमेंट करके ₹1.6 लाख देकर ही इस लोन को बंद करवा दिया। ऐसा करने से भले ही आपका लोन बंद हो गया हो लेकिन-
- लोन सेटलमेंट आपके क्रेडिट रिपोर्ट में दर्ज होता है।
- यह आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक असर डालता है।
- भविष्य में बैंक और NBFC आपको लोन या क्रेडिट कार्ड देने से हिचक सकते हैं, क्योंकि आप अधिक जोखिम वाले उधारकर्ता माने जाते हैं।
समाधान-
- लोन सेटलमेंट करने के बजाय अपनी सेविंग/निवेश अकाउंट से या फिर जान-पहचान (परिवारजनों, दोस्तों आदि) से पैसे लेकर लोन का पूरा भुगतान करें।
2. पहचान की चोरी
क्रेडिट रिपोर्ट में आपका नाम, पता, फोन नंबर, जन्मतिथि और क्रेडिट अकाउंट्स जैसी पर्सनल डिटेल्स होती है। अगर कोई व्यक्ति आपकी इन पर्सनल डिटेल्स का दुरुपयोग करके आपके नाम पर लोन या क्रेडिट कार्ड ले लेता है और समय पर भुगतान नहीं करता है, तो इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
समाधान-
- नियमित रूप से अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें।
- रिपोर्ट में दर्ज सभी लोन और क्रेडिट कार्ड की जानकारी को ध्यान से पढ़ें।
- अगर कोई गलत खाता या एंट्री दिखे, तो तुरंत क्रेडिट ब्यूरो और संबंधित बैंक/NBFC में शिकायत दर्ज कराएं।
3. क्रेडिट लिमिट का लगातार पूरा इस्तेमाल
एक बिलिंग साइकिल में आप अपने कुल क्रेडिट कार्ड लिमिट का कितना हिस्सा खर्च करते हैं इसे ही क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो (CUR) कहते हैं। अगर आप हर महीने अपनी क्रेडिट लिमिट का अधिकतम या पूरा हिस्सा खर्च करते हैं, तो यह क्रेडिट कार्ड पर आपकी निर्भरता दिखाता है। इससे क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक असर पड़ सकता है, भले ही आप क्रेडिट कार्ड बिल का समय पर भुगतान ही क्यों न कर रहे हों।
समाधान-
- एक या उससे अधिक क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करें, ताकि एक कार्ड पर बोझ न पड़े।
- या फिर मौजूदा क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ावाएं।
4. बार-बार लोन या कार्ड आवेदन करना
जब भी आप लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, बैंक/NBFCs आपका क्रेडिट स्कोर चेक करते हैं, जिसे हार्ड इन्क्वायरी कहा जाता है। बार-बार की गई हार्ड इन्क्वायरी आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक असर डालती है और स्कोर गिर सकता है। क्योंकि
- ज़्यादा हार्ड-इनक्वायरी का मतलब है कि आप लगातार नए क्रेडिट की तलाश में हैं।
- यह लेंडर्स को संकेत देता है कि आपके ऊपर वित्तीय दबाव है।
- नतीजतन, आपको लोन या क्रेडिट कार्ड मिलना मुश्किल हो सकता है।
समाधान-
- कम समय में बार-बार लोन या कार्ड आवेदन करने से बचें।
- पैसाबाज़ार जैसे ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केटप्लेस पर क्रेडिट स्कोर को प्रभावित किए बिना विभिन्न लोन और कार्ड ऑफर्स की तुलना करें। फिर अपने लिए सही विकल्प का चुनाव करें।
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5. सह-आवेदक या गारंटर बनना
किसी और के लोन में सह-आवेदक या गारंटर बनने का मतलब है कि उस लोन में आपकी भागीदारी भी मुख्य आवेदक जितनी ही है। अगर मुख्य आवेदक समय पर EMI नहीं चुकाता या लोन डिफॉल्ट करता है, तो इसकी जानकारी आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में भी दर्ज़ होती है और आपका क्रेडिट स्कोर भी गिर सकता है।
समाधान-
- सह-आवेदक/गारंटर बनने से पहले मुख्य आवेदक की क्रेडिट हिस्ट्री और रीपेमेंट आदतों को अच्छे से परखें।
- किसी तरह की समस्या होने पर गारंटर बनने से बचें।
- यदि गारंटर बन चुके हैं तो सुनिश्चि करें कि EMI का भुगतान समय पर हो रहा है या नहीं।
6. क्रेडिट रिपोर्ट में गलती
क्रेडिट रिपोर्ट में किसी तरह की गलती आपके क्रेडिट स्कोर को कम कर सकती है और भविष्य में लोन या क्रेडिट कार्ड मिलना मुश्किल कर सकती है। आमतौर पर क्रेडिट रिपोर्ट में गलत पर्सनल डिटेल्स, पहले से चुकाए गए लोन को बकाया दिखाना या डुप्लीकेट एंट्री जैसी गलतियां हो जाती है। जो स्कोर को कम कर सकती हैं।
समाधान-
- अपनी क्रेडिट रिपोर्ट नियमित रूप (3-4 महीने में एक बार) से चेक करते रहें।
- गलती दिखने पर तुरंत संबंधित बैंक या क्रेडिट ब्यूरो से संपर्क करें।
- एक्सपर्ट की मदद से स्कोर सुधारने के लिए पैसाबाज़ार की क्रेडिट+ सर्विस लें।
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निष्कर्ष
सिर्फ समय पर क्रेडिट कार्ड बिल या लोन ईएमआई का भुगतान करना ज़रूरी नहीं है। बल्कि अन्य पहलुओं पर भी नज़र बनाएं रखना आवश्यक है। इससे आप समय रहते गलतियों को सुधार सकते हैं और वित्तीय अनुशासन बनाएं रख सकते हैं। सही रणनीति और थोड़ी सतर्कता से आप अपना क्रेडिट स्कोर बेहतर बनाएं रख सकते हैं।