आप जब भी किसी लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तब बैंक और वित्तीय संस्थान सबसे पहले आपकी क्रेडिट रिपोर्ट क्रेडिट ब्यूरो से मंगवाते हैं। क्रेडिट रिपोर्ट में क्रेडिट स्कोर के अलावा कई चीज़ों को देखते हैं, उसके बाद तय करते हैं कि आपको लोन देने में कोई जोखिम है या नहीं। यह जांच अनसिक्योर्ड क्रेडिट यानी पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड आदि के मामले में ज़्यादा की जाती है, जहां कोलैटरल या सिक्योरिटी न होने की वजह से बैंक और वित्तीय संस्थान का रिस्क ज़्यादा होता है।
एक तरफ जहां, क्रेडिट स्कोर अच्छा होना यह बताता है कि आपने अपने क्रेडिट का समझदारी से मैनेज किया है और आपके डिफॉल्ट करने की संभावना कम है। लेकिन कई बार क्रेडिट स्कोर अच्छा होने के बावजूद, बैंक/वित्तीय संस्थान आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में ऐसी जानकारियां देख लेते हैं, जो आपके लोन/क्रेडिट कार्ड रिजेक्शन का कारण बन सकती हैं। तो चलिए उन 5 अहम फैक्टर्स को देखते हैं जिन्हें बैंक/वित्तीय संस्थान आपकी योग्यता का आकलन करते समय क्रेडिट रिपोर्ट में चेक करते हैं।
1. रीपेमेंट हिस्ट्री
आपकी रीपेमेंट हिस्ट्री या भुगतान इतिहास पहली और सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है, जो बैंक और लोन संस्थान आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में देखते हैं। रीपेमेंट हिस्ट्री बताती है कि आपने लोन या क्रेडिट कार्ड का भुगतान समय पर किया है या नहीं। इसके लिए, आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में मौजूद DPD सेक्शन को देखा जाता है जिसमें पिछले 36 महीनों के भुगतान का रिकॉर्ड होता है। आपने जितने दिन समय पर भुगतान नहीं किया होगा, उतने दिन DPD सेक्शन में दिखाई देते हैं।
उदाहरण के लिए,
अगर आपने पिछले 40 दिनों से लोन या क्रेडिट कार्ड का भुगतान समय पर नहीं किया है, तो DPD में ‘40’ दिखाया जाएगा।
बता दें, 90 दिन या उससे ज़्यादा की DPD को खराब माना जाता है और अगर कई DPD हैं, तो लेंडर आपके क्रेडिट एप्लीकेशन को रिजेक्ट भी कर सकते हैं। इसलिए समय पर अपने बकाया का भुगतान करें जिससे DPD शून्य रहे। क्योंकि यह दिखाता है कि आपने अपने बकाया का भुगतान ज़िम्मेदारी से किया है और आगे भी आपके डिफॉल्ट करने का जोखिम कम है। बार-बार भुगतान में चूक करने से आपका क्रेडिट स्कोर गिर सकता है और आपके लोन रिजेक्शन की संभावना बढ़ती है।
2. आपके सारे अकाउंट का क्रेडिट स्टेटस
इस सेक्शन में आपके द्वारा किए गए डिफॉल्ट का पता चलता है। एक डिफॉल्ट आपके क्रेडिट अकाउंट में 7 साल तक रह सकता है। ऐसे में अगर आपने कभी लोन डिफॉल्ट, सेटलमेंट या रीस्ट्रक्चरिंग की है, तो बैंक आपको हाई रिस्क मानकर नया लोन देने से बच सकते हैं क्योंकि ऐसे आवेदकों के डिफ़ॉल्ट करने का जोखिम अधिक होता है।
अगर आपने पिछला कोई अकाउंट सेटल किया है और अब अपने सभी बकाया समय भर रहे हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर तो सकता है। लेकिन बैंक/वित्तीय संस्थान इस सेटलमेंट की वजह से भी आपका आवेदन रिजेक्ट कर सकते हैं। इसलिए हमेशा लोन सेटलमेंट करने से बचें। बकाया राशि पूरी चुकाने के बाद ही डिफॉल्ट अकाउंट को बंद करें। सेटलमेंट को आखिरी विकल्प मानकर चलें।
3. कम समय में ज़्यादा क्रेडिट इन्क्वायरीज़
कम समय में बार-बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करने से बचना चाहिए क्योंकि यह संकेत देता है कि आप क्रेडिट पर पूरी तरह से निर्भर हैं। लेंडर्स इसे एक नकारात्मक संकेत की तरह लेते हैं। साथ ही, यह भी देखते हैं कि आपके पिछले आवेदन मंजूर हुए थे या नहीं। अगर आपने हाल ही में कोई बड़ा लोन लिया है तो आपके लोन एप्लीकेशन के अप्रूव होने की संभावना कम है।
आदर्श रूप से, लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने से पहले अच्छी तरह से रिसर्च करनी चाहिए। इसके लिए विभिन्न लोन और क्रेडिट कार्ड ऑफर्स की तुलना करें और सिर्फ उसी के लिए आवेदन करें जो न सिर्फ आपकी ज़रूरतों के मुताबिक हो बल्कि जिसके अप्रूवल की भी अधिक संभावना हो।
4. क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो
क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो या CUR, आपके सभी क्रेडिट कार्ड की उपलब्ध लिमिट में से इस्तेमाल की गई लिमिट का रेश्यो होता है। इसका ज़्यादा होना यह दिखाता है कि आप अपने खर्चों के लिए क्रेडिट पर बहुत ज़्यादा निर्भर हैं जो आपके डिफॉल्ट के रिस्क को बढ़ाता है।
अगर आप हर महीने अपनी पूरी क्रेडिट लिमिट का इस्तेमाल करते हैं, तो नियमित रूप से अधिक CUR आपके क्रेडिट स्कोर को गिरा सकता है। क्रेडिट विशेषज्ञ इस रेश्यो को कम रखने का सुझाव देते हैं। आमतौर पर, बैंक और लोन संस्थान उन लोगों
को पसंद करते हैं जिनका CUR 30% या उससे कम होता है।
अगर आपका CUR केवल एक महीने के लिए ज़्यादा है जो बाद में कम हो जाता है, तो इसका प्रभाव आपके क्रेडिट स्कोर पर अस्थायी रूप से पड़ेगा। वहीं ध्यान रहे, CUR एक-दो महीने तक थोड़ा ज़्यादा रहने पर भी लेंडर्स सिर्फ इसी आधार पर आपका एप्लीकेशन रिजेक्ट नहीं करेंगे।
5. क्रेडिट हिस्ट्री कितनी पुरानी है
आपकी क्रेडिट हिस्ट्री जितनी लंबी होगी, लेंडर को आपके क्रेडिट बिहेवियर का उतना ही अच्छा अंदाज़ा होगा। अगर आप हमेशा से समय पर भुगतान करते आए हैं, तो आपको अपना पुराना क्रेडिट अकाउंट बंद करने से बचना चाहिए।
आप ये सारी जानकारियां पैसाबाज़ार द्वारा प्रदान की जाने वाली क्रेडिट हेल्थ रिपोर्ट में देख सकते हैं। इसे नियमित रूप से चेक करने से आप अपनी क्रेडिट स्थिति पर नज़र रख सकते हैं और समय रहते ज़रूरी सुधार कर सकते हैं, जिससे आपको भविष्य में बेहतर लोन और क्रेडिट कार्ड ऑफर मिल सकें।