क्या आप पहली बार लोन के लिए आवेदन कर रहे हैं, लेकिन कोई क्रेडिट हिस्ट्री न होने के कारण आवेदन अस्वीकार होने की चिंता सता रही है? तो अब आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। क्योंकि वित्त मंत्रालय ने ऐसे मामलों में भारतीय रिज़र्व बैंक की ओर रुख करते हुए स्पष्ट किया है कि पहली बार लोन लेने वालों का लोन आवेदन केवल इसलिए अस्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि उनकी कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि लोन संस्थान बिना किसी जांच-पड़ताल के लोन मंज़ूर कर देंगे। वे अब भी आपकी आय, लोन चुकाने की क्षमता और वित्तीय विश्वसनीयता की पूरी पड़ताल करेंगे।
पहली बार लोन लेना मुश्किल क्यों होता है?
- नए आवेदकों की कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं होती, इसलिए उन्हें कोई क्रेडिट स्कोर नहीं दिया जाता।
- भले ही लेंडर उनकी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करे, रिपोर्ट में NH/NS (No History/No Score) दिखता है।
- ऐसी स्थिति में ब्यूरो या लेंडर के लिए जोखिम का आकलन करना कठिन हो जाता है।
- नतीजा, कई बार ऐसे आवेदकों के लोन आवेदन अस्वीकृत हो सकते हैं।
नए क्रेडिट उपभोक्ता इन सुविधाओं का लाभ नहीं उठा सकेंगे
- प्री-अप्रूव्ड लोन और क्रेडिट कार्ड
- अधिक राशि वाले लोन जैसे बिज़नेस लोन या कुछ होम लोन
- प्रीमियम क्रेडिट कार्ड की सुविधा
- लोन की आसान शर्तें और नियम
- कम ब्याज दरें
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नए क्रेडिट आवेदकों के लिए कुछ सुझाव
अगर आप पहली बार लोन ले रहे हैं, तो आपको विभिन्न क्रेडिट सुविधाएं प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है। नीचे दिए गए सुझावों का पालन करें और भविष्य में अपने जीवन के लक्ष्यों और वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए क्रेडिट के लिए तैयार रहें।
- अगर आप क्रेडिट के मामले में नए हैं, तो शुरुआत में सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड या छोटा लोन लें।
- समय पर EMI चुकाएं और अनुशासित क्रेडिट व्यवहार अपनाएं।
- अभी बनाया गया एक अच्छा क्रेडिट स्कोर आपको ज़रूरत पड़ने पर बेहतर क्रेडिट ऑफर प्राप्त करने और आसान लोन अप्रूवल में मदद करेगा।
ग्राहकों के लिए आरबीआई द्वारा उठाए गए कदम
CIBIL स्कोर से संबंधित कुछ प्रश्नों के उत्तर में, वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने कुछ जानकारियों को साझा किया जो ग्राहक और लेंडर दोनों को प्रभावित करते हैं।
पहली बार लोन लेने वालों के लिए
- CIBIL स्कोर या कोई अन्य क्रेडिट स्कोर पहली बार लोन लेने वालों के लिए अनिवार्य नहीं है।
- लेंडर को केवल इसलिए उन्हें लोन देने से इनकार नहीं करना चाहिए क्योंकि उनके पास जोखिम मूल्यांकन के लिए क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है।
मौजूदा ग्राहकों के लिए
- मौजूदा ग्राहक की साख का आकलन करने के लिए क्रेडिट स्कोर अनिवार्य है।
- क्रेडिट ब्यूरो ग्राहकों को हर साल एक निःशुल्क क्रेडिट रिपोर्ट प्रदान करेगा।
- RBI ने लोन स्वीकृति के लिए कोई न्यूनतम क्रेडिट स्कोर निर्धारित नहीं किया है।
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लेंडर्स के लिए
- बैंक एक या एक से अधिक ब्यूरो से आवेदक का क्रेडिट स्कोर मांगने के लिए स्वतंत्र हैं।
- लेंडर अपनी व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुसार लोन संबंधी निर्णय ले सकते है।
- क्रेडिट रिपोर्ट उन विभिन्न जानकारियों में से एक है जिन पर लेंडर किसी आवेदक को कोई भी लोन सुविधा प्रदान करने से पहले विचार करते हैं।
सरकार निजी क्रेडिट ब्यूरो स्थापित करने पर विचार कर रही है?
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी से जब यह पूछा गया कि क्या भारत सरकार की सिबिल और अन्य क्रेडिट ब्यूरो की जगह एक सरकारी क्रेडिट एजेंसी स्थापित करने की कोई योजना है? तो मंत्री ने अपने उत्तर में कहा ” भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने क्रेडिट सूचना कंपनियां (विनियमन) अधिनियम – CCRA की धारा 5 के तहत चार क्रेडिट सूचना कंपनियों (CIC) को पंजीकरण प्रमाणपत्र (CoR) प्रदान किया है। ये 4 CIC हैं-
- ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड
- इक्विफैक्स क्रेडिट इंफॉर्मेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड
- एक्सपेरियन क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
- सीआरआईएफ हाई मार्क क्रेडिट इंफॉर्मेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड
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ये सभी निजी संस्थान हैं और डेटा चोरी या उल्लंघन को लेकर सतर्क रहते हैं। किसी भी प्रकार का उल्लंघन देश की वित्तीय स्थिरता पर गंभीर असर डाल सकता है। इसी जोखिम को ध्यान में रखते हुए, एक सरकारी संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया है जो आवेदकों के बेहतर जोखिम मूल्यांकन के लिए क्रेडिट और वित्तीय दोनों तरह के डेटा का प्रबंधन कर सके। हालांकि, वर्तमान में किसी निजी क्रेडिट ब्यूरो को सरकारी विकल्प से बदलने की कोई योजना नहीं है। लेकिन केंद्रीय बजट 2023-24 में राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री (NFIR) की स्थापना का प्रस्ताव किया गया है। NFIR की रूपरेखा RBI के परामर्श से तैयार की जाएगी और यह देश के सभी निवासियों की क्रेडिट तथा वित्तीय जानकारी के केंद्रीय रूप में कार्य करेगा।
क्रेडिट स्कोर रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए शुल्क
किसी व्यक्ति को क्रेडिट रिपोर्ट प्रदान करने के लिए क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी (CIC) द्वारा ली जा सकने वाली अधिकतम राशि के बारे में बात करते हुए, पंकज चौधरी ने कहा, “किसी व्यक्ति से क्रेडिट रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए CIC अधिकतम ₹100 तक ही शुल्क ले सकती है। यह सीमा आरबीआई द्वारा क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी विनियम, 2006 के तहत तय की गई है। इसके अलावा, आरबीआई ने 1 सितंबर 2016 के परिपत्र के माध्यम से सभी CICs को निर्देश दिया है कि जिन व्यक्तियों की क्रेडिट हिस्ट्री उनके पास उपलब्ध है, उन्हें वर्ष में एक बार इलेक्ट्रॉनिक रूप में निःशुल्क क्रेडिट रिपोर्ट (स्कोर सहित) उपलब्ध कराई जाए।