वित्त वर्ष 2025 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की 15 सितंबर की अंतिम तिथि में काफी कम समय बचा है। कुछ करदाता अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद से ज़रूरी दस्तावेज़ तैयार कर रहे हैं, जबकि कुछ इसे खुद भरने की कोशिश कर रहे है। जो लोग खुद से रिटर्न फाइल कर रहे हैं, उनके लिए काफी काम होता है जैसे: फॉर्म 16 से 26AS तक दस्तावेज़ इकट्ठा करना, सही ITR फॉर्म चुनना, कटौतियों का मूल्यांकन करना आदि।
लेकिन क्या यह संभव और सही है? हां, अगर आपकी आय का केवल एक स्रोत है और आपके रिटर्न में ज़्यादा बारीकियां कम हैं, तो यह स्वयं करना उचित हो सकता है। लेकिन अगर आपकी आय के अन्य स्रोत से है तो वैकल्पिक रूप से, आप एक चार्टर्ड अकाउंटेंट को नियुक्त कर सकते हैं। इस प्रकार आप ITR दाखिल करने की ज़िम्मेदारियों को किसी ऐसे व्यक्ति को सौंप सकते हैं जो कर प्रावधानों को अच्छी तरह जानता हो।
पेशेवर की मदद का विकल्प क्यों चुने?
आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करना उन वेतनभोगी लोगों के लिए आसान है जिनकी आय का एक ही स्रोत है। लेकिन यदि आपकी आय कई स्रोतो: जैसे पूंजीगत लाभ, विदेशी संपत्ति या व्यवसाय से होती है, तो यह प्रक्रिया थोड़ी मुश्किल हो सकती है। ऐसे में टैक्स सलाहकार या चार्टर्ड अकाउंटेंट आपकी मदद कर सकते हैं। पेशेवर को कर कानून और उसके हाल के संशोधनों की गहरी समझ होती है, जिससे वे सुनिश्चित कर सकते हैं कि सभी आवश्यकताएं पूरी हों। वे आपको रिटर्न सही ढंग से दाखिल करने, वैध कटौतियों का दावा करने, विभिन्न प्रकार की आय की सही रिपोर्टिंग और फॉर्म 26AS में किसी भी गलती से बचने में मार्गदर्शन देते हैं। विशेष रूप से जटिल रिटर्न वाले लोग जैसे: NRI, फ्रीलांसर या उच्च-मूल्य वाले निवेशक अकाउंटेंट की मदद से कर प्रावधानों को समझ सकते हैं और गलत फाइलिंग के कारण जुर्माने की संभावना कम कर सकते हैं।
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टैक्स बचाने में मदद
एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) सिर्फ रिटर्न दाखिल करने तक सीमित नहीं होते। वे आपकी वित्तीय स्थिति को समझकर आपके लिए व्यक्तिगत कर-बचत योजनाएं तैयार करते हैं। चाहे आप वेतनभोगी, फ्रीलांसर हों या कई स्रोतों से आय प्राप्त करते हों, CA आपको धारा 80C के तहत निवेश, व्यवसायों ओर अन्य वैध कटौतियों के बारे में सलाह देते हैं। इससे आप कानूनी तरीके से अधिक टैक्स बचा सकते हैं और टैक्स खर्च को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं।
समय की बचत और तनाव में कमी
अकाउंटेंट के पास आईटीआर फाइलिंग को सुचारू रूप से संभालने के लिए सभी ज़रूरी पोर्टल एक्सेस उपलब्ध होते है। वे डिजिटल हस्ताक्षर संबंधी समस्याओं और XML वेरिफिकेशन से लेकर फाइलिंग में सुधार (यदि हो तो) और रिफंड ट्रैकिंग तक, हर चीज़ को मैनेज करते हैं। साथ ही वे एडवांस टैक्स (धारा 208), सेल्फ-असेसमेंट टैक्स (धारा 140A) और चालान 280 के माध्यम से भुगतान का समय पर अनुपालन हो यह भी सुनिश्चित करने में मदद करते है। इससे आपका समय और मेहनत दोनों बचते हैं, और टैक्स फाइलिंग से जुड़ा तनाव काफी कम हो जाता है।
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ध्यान रखने योग्य बात
किसी पेशेवर से आयकर रिटर्न दाखिल कराना आपके रिटर्न की जटिलता के आधार पर कुछ सौ से लेकर हजार रुपये तक हो सकता है। साधारण मामलों में, फ्री सरकारी वेबसाइट या किफायती ऑनलाइन टैक्स प्लेटफॉर्म उपलब्ध होने के कारण यह खर्च आपको कभी कभी उचित नहीं लग सकते। इसके अलावा, किसी पेशेवर पर भरोसा करने का मतलब है अपनी संवेदनशील वित्तीय जानकारी साझा करना, जिसके लिए विश्वास और पूरी जांच-पड़ताल बेहद ज़रूरी है।
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ITR दाखिल करने के लिए किन दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है?
- पैन कार्ड और आधार कार्ड (लिंक होना ज़रूरी है)
- फॉर्म 16 – वेतनभोगी लोगों के लिए
- फॉर्म 26AS, AIS, TIS – ये बताते हैं कि आपके नाम पर कितना टैक्स जमा है और कौन सी वित्तीय गतिविधियां दर्ज हैं
- बैंक अकाउंट डिटेल्स – आईटीआर रिफंड के लिए
- कर बचत निवेश का प्रमाण – पीपीएफ, ईएलएसएस, एलआईसी, म्यूचुअल फंड, स्वास्थ्य बीमा, दान आदि के दस्तावेज़
- होम लोन ब्याज प्रमाणपत्र, अगर आपने हाउस लोन लिया है
- फॉरेन इनकम
- बिज़नेस से प्राप्त आय डिटेल्स आदि