पर्सनल लोन कई सारी वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने में मदद करता है। शादी, शिक्षा, ट्रैवल, घर की मरम्मत से लेकर मेडिकल इमरजेंसी तक के खर्चे पर्सनल लोन से पूरे किए जा सकते है। यह बिना किसी सिक्योरिटी के, तेज़ और आसान प्रक्रिया से मिल जाता है, जिसके चलते यह लोन लोगों की पसंद बनता जा रहा है।
बदलती लाइफस्टाइल में अनचाहे खर्चें किसी भी समय आ सकते हैं, जिसके लिए कभी-कभी सिर्फ एक पर्सनल लोन काफी नहीं लगता। फिर सवाल उठता है कि एक समय में कितने पर्सनल लोन (Personal Loan) ले सकते हैं। इस सवाल का जवाब जानने के लिए लेख आगे पढ़िए-
एक साथ कितने पर्सनल लोन ले सकते है?
आप एक समय में एक से अधिक पर्सनल लोन ले सकते हैं। हालांकि इस संबंध में न तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और न ही किसी वित्तीय संस्थान ने कोई दिशा-निर्देश जारी की है। न ही लिए जाने वाले पर्सनल लोन की संख्या पर प्रतिबंध लगाया है। हालांकि एक साथ कई पर्सनल लोन लेना आपके क्रेडिट हेल्थ को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। अगर आप लोन को सही तरीके से मैनेज नहीं कर पाते हैं तो गंभीर वित्तीय समस्याएं भी पैदा हो सकती है।
नया पर्सनल लोन आवेदन मंजूर करने से पहले लोन संस्थान क्या चेक करते हैं?
जब आप पहले से ही एक पर्सनल लोन चुका रहे होते हैं, तो अगला लोन अप्रूव कराना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इस नए पर्सनल लोन के लिए आवेदन करते समय, आपको बैंक/NBFC द्वारा तय की गई योग्यता शर्तों को पूरा करना ज़रूरी होता है। हालांकि, इसके अलावा ये दो कारक भी आपके लोन मंजूरी की संभावना को काफी हद तक प्रभावित करते हैं:
- पर्याप्त भुगतान क्षमता
आप अलग-अलग लोन संस्थान से एक से अधिक पर्सनल लोन ले सकते हैं। हालांकि दूसरा पर्सनल लोन देने से पहले बैंक व एनबीएफसी आपकी भुगतान क्षमता का आकलन करते हैं। जिसके लिए वह आपकी EMI/NMI रेश्यो देखते हैं। यानी आप अपनी मासिक आय का कितना हिस्सा नए और मौजूदा लोन की ईएमआई में खर्च करते हैं।
आमतौर पर लोन संस्थान 50-60% EMI/NMI रेश्यो वालों को लोन देना पसंद करते हैं। यह रेश्यो अधिक होने पर लोन मिलने की संभावना कम होती है अगर लोन मिलता भी है तो ब्याज दरें अधिक या शर्तें बेहतर नहीं होती है। या फिर जितनी लोन राशि चाहते हैं उतनी नहीं मिलती। इसलिए अगर संभव हो तो दूसरा पर्सनल लोन लेने के बजाय एक लोन ही अधिक राशि वाला लें, उस बैंक व एनबीएफसी से बेहतर शर्तों पर लोन दे रहा हो।
- अच्छी रिपेमेंट हिस्ट्री
आपकी भुगतान क्षमता के अलावा लोन संस्थान आपका क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट भी चेक करते हैं। ये पता करने के लिए कि आपने अपने पिछले लोन का भुगतान कितनी जिम्मेदारी से किया है। यानी समय से लोन ईएमआई भरी है या नहीं।
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एक से अधिक पर्सनल लोन लेने में क्या जोखिम है?
एक साथ कई पर्सनल लोन होने की अपनी कुछ खामियां होती है, जिसके बारे में नीचे बताया गया है:
- कुल लागत में बढ़त– चूंकि पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड होता है इसलिए इसकी ब्याज दरें भी सिक्योर्ड लोन की तुलना में अधिक होती है। अगर आप मौजूदा पर्सनल लोन पर ही अधिक ब्याज का भुगतान कर रहे हैं तो ऐसे में एक से ज़्यादा पर्सनल लोन होने पर आपको कुल मिलाकर अधिक ब्याज का भुगतान करना पड़ सकता है।
- क्रेडिट स्कोर पर असर– कम समय में विभिन्न बैंक व एनबीएफसी के पास लोन आवेदन करने से आपका क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है। क्योंकि जितनी बार लोन के लिए आवेदन करते हैं उतनी बार हार्ड इन्क्वायरी होती है, इससे स्कोर कुछ अंकों से गिर जाता है।
- लोन डिफॉल्ट का जोखिम– एक समय में कई पर्सनल लोन होने से आपके लोन डिफॉल्ट का जोखिम भी बढ़ जाता है। अगर एक भी ईएमआई पेमेंट में चूक/देरी होती है या फिर लोन डिफॉल्ट करते हैं तो इसका सीधा असर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है। स्कोर गिर जाता है, जिससे भविष्य में लोन या कार्ड लेने की क्रेडिट संबंधी योग्यता कम हो जाती है।
- सीमित क्रेडिट एक्सेस– एक समय में कई लोन की ईएमआई चुकाने से आपके नए लोन की योग्यता घट जाती है। जिससे इमरजेंसी समय में वित्तीय ज़रूरत पड़ने पर भी लोन मिलना मुश्किल हो जाता है। क्योंकि लोन संस्थान आपको जोखिम वाला उधारकर्ता मानते हैं।
कई पर्सनल लोन का क्रेडिट स्कोर पर असर?
अगर आप पर्सनल लोन लेने के लिए कम समय में बार-बार लोन के लिए आवेदन करते हैं तो हार्ड इन्क्वायरी की वजह से आपका क्रेडिट स्कोर कुछ अंकों से गिर जाता है। हालांकि यह गिरावट थोड़े समय के लिए होती है। लेकिन प्री-अप्रूव्ड लोन में ऐसा नहीं होता है।
आमतौर पर बैंक व NBFC द्वारा अपने मौजूदा कस्टमर्स को उनकी अच्छी क्रेडिट प्रोफाइल के आधार पर प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन ऑफर किया जाता है। ऐसे मामलों में क्रेडिट रिपोर्ट या स्कोर चेक करना, सॉफ्ट इन्क्वायरी मानी जाती है। जिसका क्रेडिट स्कोर पर कोई असर नहीं पड़ता।
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एक साथ विभिन्न पर्सनल लोन कैसे मैनेज करें?
एक साथ कई लोन (मल्टीपल पर्सनल लोन) और उनके ईएमआई की अलग-अलग तारीख। ऐसे में ईएमआई भुगतान में चूक की संभावना अधिक रहती है। समय से ईएमआई का भुगतान हो सके इसके लिए ऑटो-पे या रिमाइंडर सेट कर सकते हैं। साथ ही ईएमआई की तारीख नजदीक आने पर अपने अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस मैनटेन करें ताकि ईएमआई बाउंस जैसी स्थिति न बने वरना लेट पेमेंट के साथ-साथ ईएमआई बाउंस जैसे चार्ज भी भरने पड़ सकते हैं।
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कई लोन के बजाय इन विकल्पों को देखें
अगर आपका पहले से ही एक पर्सनल लोन चल रहा है और दूसरा लोन लेने की सोच रहे हैं, तो इन विकल्पों पर विचार कर सकते हैं-
- मौजूदा पर्सनल लोन पर टॉप-अप लोन ले सकते हैं।
- कम ब्याज दर और बेहतर शर्तों पर लोन देने वाले बैंक व एनबीएफसी से मल्टीपल पर्सनल लोन लेने के बजाय एक ही लोन अधिक राशि वाला लेने की कोशिश करें।
- सिक्योर्ड लोन जैसे लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी, गोल्ड लोन आदि लेन का सोचें- इसकी ब्याज दरें तुलनात्मक रूप से कम होती है।
इस तरह आप एक समय में एक से अधिक पर्सनल लोन ले सकते हैं। बशर्तें आपका क्रेडिट स्कोर, इनकम और डेट-टू-इनकम रेश्यो अच्छा हो। हालांकि मल्टीपल पर्सनल लोन लेन का फैसला तभी ले जब बहुत आवश्यक हो। वरना लोन को सही से मैनेज न करने के नुकसान भी झेलने पड़ सकते हैं। वित्तीय ज़रूरत होने पर लेख में बताए गए लोन के अन्य विकल्पों पर भी विचार कर सकते हैं।