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            पर्सनल लोन अचानक आने वाली वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने का एक तेज़ और सुविधाजनक विकल्प है, लेकिन समय पर EMI न भरने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। डिफॉल्ट की स्थिति में उधारकर्ताओं को न सिर्फ आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है, बल्कि कानूनी कार्यवाही का जोखिम भी बढ़ जाता है। इस लेख में बताया गया है कि पर्सनल लोन डिफॉल्ट करने से उधारकर्ताओं को किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। ध्यान रहे, यदि आप समय पर भुगतान नहीं कर पाते, तो आप क़ानूनी रूप से लोन चुकाने के लिए बाध्य रहते हैं। ऐसे मामलों में पर्सनल लोन डिफॉल्ट के संभावित परिणाम इस प्रकार हो सकते हैं:
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किस्त समय पर न चुकाने से लेट फीस, पेनल्टी और अतिरिक्त ब्याज जुड़ता जाता है, जिससे बकाया राशि लगातार बढ़ती रहती है। समय के साथ इन पर लगने वाला चक्रवृद्धि ब्याज आपके कर्ज़ को कई गुना बढ़ा सकता है, जिससे आपकी वित्तीय स्थिति अस्थिर हो सकती है।
अगर आप 90 दिनों या उससे अधिक समय तक भुगतान नहीं करते, तो आप पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। इसमें कोर्ट केस होना, वेतन में कटौती, बैंक अकाउंट फ्रीज़ होना या अन्य सख्त कानूनी कदम उठाया जाना शामिल है। कई बार इन कानूनी मुकदमों को सुलझाने में सालों लग जाते हैं, जिससे न सिर्फ समय और धन की बर्बाद होती है बल्कि मानसिक तनाव भी लगातार बना रहता है।
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यदि आपने पर्सनल लोन में किसी सह-आवेदक या गारंटर को जोड़ा है, तो किस्त न चुकाने की ज़िम्मेदारी केवल आपकी नहीं रहती बल्कि उनकी भी हो जाती है। भुगतान डिफॉल्ट होने पर आपकी प्रोफाइल के साथ- साथ उनकी क्रेडिट प्रोफाइल और स्कोर पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। इतना ही नहीं, बैंक या NBFC बकाया वसूली के लिए सह-आवेदक/गारंटर से संपर्क करते है और उनके विरुद्ध भी कानूनी कदम उठा सकते हैं।
पर्सनल लोन पर डिफॉल्ट करना आपकी वित्तीय सेहत के लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकता है। इससे न केवल आपका क्रेडिट स्कोर गिरता है, बल्कि आपको कानूनी कार्रवाई, भारी जुर्माने और वसूली एजेंसियों के दबाव का भी सामना करना पड़ सकता है। इन परिणामों के कारण भविष्य में लोन या क्रेडिट पाना कठिन और महंगा हो जाता है। हालांकि, चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, एक लोन लिए ग्राहक के रूप में आप समय पर किस्तों का भुगतान और सही वित्तीय योजना बनाकर इन जोखिमों को काफी हद तक कम कर सकते हैं।