ई-वेरिफिकेशन क्यों ज़रूरी है?
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद उसे इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सत्यापित करने की प्रक्रिया ई-वेरिफिकेशन कहलाती है। जो आपके आयकर रिटर्न में दी गई जानकारी जैसे- आपकी आय, निवेश और दिए गए विवरण के प्रमाणीकरण का काम करता है। यह एक ज़रूरी स्टेप है जिसे 30 दिनों के भीतर पूरा करना ज़रूरी है। ऐसा न करने पर, आपका ITR अमान्य माना जाएगा।
ITR वेरिफिकेशन किन तरीकों से कर सकते हैं?
इनकम टैक्स रिटर्न को कई तरीकों से वेरिफाई किया जा सकता है जो कि इस प्रकार हैं:-
आधार OTP द्वारा
आधार नंबर का उपयोग करके आयकर रिटर्न ई-वेरिफाई कर सकते हैं। इसमें, आपके आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर पर एक OTP भेजा जाता है जिसे इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड (EVC) भी कहते हैं।
बैंक अकाउंट से जनरेट EVC द्वारा
आप अपने बैंक अकाउंट के जरिए भी रिटर्न ई-वेरिफाई कर सकते हैं। बशर्ते, वह अकाउंट ई-फाइलिंग पोर्टल से लिंक और वैलिडेटेड हो। उस अकाउंट से एक EVC जनरेट किया जाएगा, जो ई-फाइलिंग पोर्टल पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर भेजा जाएगा।
डिमैट अकाउंट से जनरेट EVC द्वारा
अगर आपके पास डिमैट अकाउंट है, तो आप उसका उपयोग करके भी अपना टैक्स रिटर्न ई-वेरिफाई कर सकते हैं। इसमें प्री-वैलिडेटेड और EVC-सक्षम डिमैट अकाउंट से एक EVC जनरेट करना होगा, जो आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर भेजा जाएगा।
नेट बैंकिंग द्वारा
आप अपने बैंक के नेट बैंकिंग पोर्टल के माध्यम से भी EVC जनरेट कर सकते हैं। इसमें EVC उस मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर भेजा जाएगा जो ई-फाइलिंग पोर्टल से रजिस्टर्ड होगी।
ATM के माध्यम से EVC (ऑफलाइन तरीका)
ATM के ज़रिए ई-वेरिफिकेशन करने के लिए अपना डेबिट कार्ड स्वाइप/इंसर्ट करें और “PIN for Income Tax Filing” विकल्प चुनें। इसके बाद, ई-फाइलिंग पोर्टल से रजिस्टर्ड आपके मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर EVC भेज दिया जाएगा।
डाक के माध्यम से (ऑफलाइन तरीका)
आप डाक के माध्यम से भी आयकर रिटर्न वेरिफिकेशन फॉर्म को प्रिंट करके बेंगलुरू स्थित इनकम टैक्स विभाग के सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) को भेज सकते हैं।
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ई-वेरिफिकेशन का स्टेप-बाय-स्टेप तरीका
- सबसे पहले ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाएं।
- अपनी यूज़र आईडी और पासवर्ड के ज़रिए लॉगिन करें।
- अब ‘Services’ पर जाकर ‘Generate EVC’ का विकल्प चुनें।
- अपना पैन नंबर दर्ज करें और ‘Continue’ पर क्लिक करें।
- अब आपके सामने EVC जनरेट करने के अलग-अलग विकल्प दिए जाएंगे।
- उनमें से किसी एक का चुनाव कर आप EVC जनरेट कर सकेंगे।
संबंधित प्रश्न (FAQs)
EVC क्या होता है?
इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड (EVC) एक 10 अंकों का अल्फ़ा-न्यूमेरिक कोड होता है। यह ई-वेरिफिकेशन के दौरान आपके ई-फाइलिंग पोर्टल / बैंक अकाउंट / डिमैट अकाउंट से लिंक आपके मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर भेजा जाता है। यह कोड जनरेट होने के समय से 72 घंटे तक वैध रहता है।
मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरा ई-वेरिफिकेशन पूरा हो चुका है?
रिटर्न ई-वेरिफाई करने पर आपकी स्क्रीन पर वेरिफिकेशन पूरा होने का मैसेज और ट्रांजैक्शन आईडी दिखाई जाएगी। इसके साथ ही, आपको ई-फाइलिंग पोर्टल से रजिस्टर्ड ईमेल आईडी पर एक ईमेल भेजा जाएगा।
मेरा रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर आधार में अपडेट नहीं है, क्या मैं फिर भी अपना रिटर्न आधार OTP से ई-वेरिफाई कर सकती हूं?
नहीं, आधार OTP से रिटर्न को वेरिफाई करने के लिए आपको अपना नंबर आधार में अपडेट करना होगा।
ई-वेरिफिकेशन करने के क्या फायदे हैं?
ITR का ऑनलाइन वेरिफिकेशन यानी ई-वेरिफिकेशन करने के कई फायदे हैं जैसे-
- आप ई-वेरिफिकेशन घर बैठे कर सकते हैं, जबकि ऑफलाइन तरीके में आपको ITR-V की फिज़िकल कॉपी CPC, बैंगलोर भेजना पड़ता है।
- ई-वेरिफिकेशन तुरंत हो जाता है, जिससे ITR-V भेजने और पहुंचने में होने वाली देरी से बचा जा सकता है।
- ITR को कई तरीकों से ई-वेरिफाई कर सकते हैं, जैसे- आधार OTP / EVC (बैंक या डिमैट अकाउंट से) / नेट बैंकिंग / डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (DSC) आदि।
ITR-V किस पते पर भेजना होता है?
ITR-V को पूरी तरह भरकर डाक के माध्यम से नीचे दिए गए पते पर भेजना होता है:-
सेंटरलाइज़्ड प्रोसेसिंग सेंटर,
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट,
बेंगलुरू – 560500, कर्नाटक