जब भी आप पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तब बैंक और लोन संस्थान आपका क्रेडिट स्कोर चेक करते हैं। आपके क्रेडिट स्कोर के ज़रिए लेंडर्स यह देखते हैं कि आपको लोन देने में कितना जोखिम है जिससे उन्हें यह तय करने में मदद मिलती है कि एप्लीकेशन को अप्रूव किया जाए या रिजेक्ट। इसी तरह, लोन मिलने के बाद आप उसे किस तरह चुकाते हैं यह भी आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करता है। यानी लोन के आवेदन से लेकर उसके भुगतान तक पर्सनल लोन और क्रेडिट स्कोर दोनों एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
पर्सनल लोन और CIBIL स्कोर
पर्सनल लोन एक अनसिक्योर्ड लोन है जिसका इस्तेमाल आप किसी भी तरह की वित्तीय ज़रूरतों जैसे- मेडिकल इमरजेंसी, शादी के खर्च, घर के रेनोवेशन आदि को पूरा करने के लिए कर सकते हैं। चूंकि पर्सनल लोन लेने के लिए किसी भी तरह की कोलैटरल या गारंटी की ज़रूरत नहीं होती, न ही लंबे डॉक्यूमेंटेशन प्रोसेस से गुज़रना पड़ता है इसलिए यह आसानी से मिल जाता है।
वहीं अगर क्रेडिट स्कोर की बात करें, तो इसे अक्सर सिबिल स्कोर भी कहा जाता है। दरअसल, ट्रांसयूनियन सिबिल देश की एक प्रमुख क्रेडिट ब्यूरो है जो क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट जारी करती है। इसलिए, इसके द्वारा जारी किए गए स्कोर को आमतौर पर सिबिल स्कोर कहा जाता है।
सिबिल स्कोर में तीन अंकों की संख्या होती है, जो 300 से 900 के बीच होती है। यह स्कोर आपकी भुगतान क्षमता और क्रेडिट को जिम्मेदारी से इस्तेमाल करने की आदत को दर्शाता है।
CIBIL स्कोर न सिर्फ पर्सनल लोन की ब्याज दरों को तय करने में बल्कि लोन अप्रूव्ल में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर आप पर्सनल लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो अपना क्रेडिट स्कोर 750 या उससे ज़्यादा बनाए रखने का प्रयास करें। क्योंकि अधिक क्रेडिट स्कोर वाले आवेदकों को बैंक कम जोखिम वाला मानते हैं और ऐसे आवेदकों को कम ब्याज दरों पर पर्सनल लोन ऑफर करते हैं।
CIBIL स्कोर और पर्सनल लोन का दोतरफा कनेक्शन
पर्सनल लोन लेने से पहले सिबिल स्कोर का महत्व
- सिबिल स्कोर आपके सिबिल रिपोर्ट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जिसे बैंक और NBFC लोन मंजूरी से पहले चेक करते हैं।
- इससे आपकी क्रेडिट हिस्ट्री, भुगतान क्षमता आदि के बारे में पता चलता है।
- ज़्यादा सिबिल स्कोर होने पर कम ब्याज दरों पर लोन मिलने की संभावना बढ़ती है।
पर्सनल लोन लेने के बाद सिबिल स्कोर की भूमिका
- आप अपने लोन का भुगतान कैसे करते हैं उसका सीधा असर आपके सिबिल स्कोर पर पड़ता है, यह सकारात्मक और नकारात्मक दोनों हो सकता है।
- लोन की ईएमआई का समय पर भुगतान करने से CIBIL स्कोर बढ़ता है।
- अगर ईएमआई भरने में देरी करते हैं या फिर नहीं भरते तो इससे सिबिल स्कोर कम हो सकता है।
सीधे शब्दों में कहें तो आपका CIBIL स्कोर पर्सनल लोन की मंज़ूरी को प्रभावित करता है और पर्सनल लोन का भुगतान आपके CIBIL स्कोर को प्रभावित करता है। इसलिए अगर आप समय पर EMI का भुगतान करते हैं, तो इससे धीरे-धीरे आपके क्रेडिट स्कोर में बढ़ोतरी होगी।
कैसे पर्सनल लोन CIBIL स्कोर को प्रभावित करता है?
- EMI का समय पर भुगतान: EMI का समय पर भुगतान करने से आपकी क्रेडिट हिस्ट्री मज़बूत होती है और क्रेडिट स्कोर बेहतर होता है। लेकिन अगर किसी भी EMI में चूक या देरी होती है इससे आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित होता है।
- क्रेडिट इनक्वायरी: जब आप पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो बैंक/NBFC आपकी सिबिल रिपोर्ट चेक करते हैं जिसे हार्ड इन्क्वायरी के नाम से जाना जाता है। अगर कम समय में बार-बार हार्ड इनक्वायरी होती है, तो इससे आपका क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है।
कैसे CIBIL स्कोर पर्सनल लोन को प्रभावित करता है?
- 750 या उससे अधिक का CIBIL स्कोर होने पर लोन अप्रूवल की संभावना बढ़ती है।
- अगर क्रेडिट स्कोर कम है, तो लोन रिजेक्शन की संभावना ज़्यादा होगी।
- कम क्रेडिट स्कोर से ज़्यादा ब्याज दरों पर लोन ऑफर किया जा सकता है।
- बैंक और लोन संस्थान अपने मौजूदा कस्टमर्स जिनका क्रेडिट स्कोर ज़्यादा होता है, उन्हें प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन ऑफर करते हैं।
कैसे सुधारें अपना सिबिल स्कोर?
आपको पर्सनल लोन मिलेगा या नहीं, इसे तय करने में CIBIL स्कोर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसीलिए, पर्सनल लोन को सही तरीके से मैनेज करने से आपका सिबिल स्कोर बेहतर हो सकता है। नीचे उन टिप्स के बारे में बताया गया है जिससे आपका सिबिल स्कोर बेहतर हो सकता है:-
- अपने सिबिल रिपोर्ट को चेक करें और उसमें गलतियां होने पर ट्रांसयूनियन सिबिल के पास डिस्प्यूट दर्ज करें।
- अपनी लोन की EMI और क्रेडिट कार्ड बिल का समय पर भुगतान करें।
- एक साथ कई लोन, क्रेडिट कार्ड जैसे क्रेडिट प्रोडक्ट्स के लिए अप्लाई करने से बचें।
- पैसाबाज़ार जैसे ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केटप्लेस पर जाकर ऑफर्स की तुलना करने से आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई प्रभाव नहीं मिलता।