पब्लिक प्रोविडेंड फंड (PPF) एक लॉन्ग टर्म सेविंग स्कीम है, जिसमें 15 साल तक निवेश करना होता है। लेकिन खाते को एक्टिव रखने के लिए हर साल कम से कम एक बार पैसे जमा करना अनिवार्य होता है। हालांकि कई निवेशकों को ये नहीं पता होता कि किसी साल न्यूनतम जमा राशि न भरने पर पेनल्टी और अकाउंट बंद होने जैसी दिक्कतें आ सकती है। हालांकि बंद पीपीएफ अकाउंट को दोबारा शुरू (Reactivate PPF Account) किया जा सकता है, तो चलिए जानते हैं इसकी प्रक्रिया क्या है और इसके बचाव का क्या उपाय है:
पीपीएफ की न्यूनतम जमा राशि
पीपीएफ अकाउंट को एक्टिव रखने के लिए ज़रूरी है कि खाते में एक वित्तीय वर्ष (अप्रैल से मार्च) के दौरान कम से कम 500 रु. जमा किया जाए। अगर किसी साल न्यूनतम राशि जमा नहीं की जाती है, तो पीपीएफ अकाउंट इन-एक्टिव (निष्क्रिय) मान लिया जाता है। पीपीएफ में सालाना अधिकतम 1.5 लाख रु. जमा कर सकते हैं।
पीपीएफ अकाउंट निष्क्रिय होने पर क्या होता है?
अगर निष्क्रिय पीपीएफ अकाउंट को समय पर एक्टिव न कराया जाए तो इसका सीधा असर आपके लॉन्ग टर्म निवेश लक्ष्यों पर पड़ सकता है। इन-एक्टिव पीपीएफ अकाउंट के अन्य असर निम्नलिखित हैं-
- आप तब तक नई राशि जमा नहीं कर सकते, जब तक इसे पुनः सक्रिय न कर लें।
- खाते पर मिलने वाला ब्याज तो मिलता रहता है, लेकिन टैक्स बेनिफिट पाने में दिक्कत हो सकती है।
- आंशिक निकासी नहीं कर सकते और न ही पीपीएफ पर लोन (Loan Against PPF) ले सकते हैं।
- खाते को दोबारा शुरू करने के लिए बकाया न्यूनतम राशि के साथ पेनल्टी (प्रति वर्ष के हिसाब से ₹50) के साथ मिस्ड ईयर के लिए जमा करनी होती है।
- अकाउंट 15 साल में मैच्योर तो हो जाता है लेकिन इसे दोबारा एक्टिव करें बिना इसमें से पैसे नहीं निकाल सकते हैं।
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पीपीएफ अकाउंट को दोबारा एक्टिव कैसे करें?
पीपीएफ अकाउंट की खासियत ये है कि आप इसे सालों बाद भी दोबारा चालू करवा सकते हैं। पीएफ अकाउंट को रिएक्टिवट (दोबारा शुरू) करने के लिए नीचे बताए गए स्टेप्स को फॉलो करें:
- सबसे पहले बैंक या पोस्ट ऑफिस जाएं।
- अकाउंट दोबारा शुरू करने के लिए उन्हें लिखित में आवेदन दें।
- साल के हिसाब से न्यूनतम राशि के साथ 50 रु. का डिफॉल्ट फीस जमा करें। उदाहरण के तौर पर अगर पीएफ अकाउंट 3 साल से बंद पड़ा है तो आपको 1,500 रु. न्यूनतम और 150 रु. जुर्माना देना होगा।
इसके बाद आपका अकाउंट दोबारा शुरू हो जाएगा। और आप फिर से इसमें नई डिपॉज़िट जमा कर सकते हैं।
भविष्य में जमा करना भूलने से कैसे बचें?
- जल्दी जमा करें- भुगतान में चूक न हो, इसलिए साल के शुरुआती समय में ही जमा कर दें।
- ऑटो पे सेट करें- आपका अकाउंट एक्टिव रखने में मदद करेगा।
- अपने PPF जमा पर नज़र रखें- जमा राशि और अकाउंट की स्थिति को आसानी से ट्रैक करें।
- कैलेंडर में अलर्ट सेट करें- ताकि कट-ऑफ से पहले ही आराम से अपना निवेश प्लान कर पाएं।
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पीपीएफ अकाउंट से संबंधित महत्वूपर्ण बातें
- PPF अकाउंट कितने भी समय से इन-एक्टिव रहा हो, लेकिन इसे फिर से एक्टिव किया जा सकता है।
- हर साल अप्रैल माह के 5 तारीख को पैसे जमा करें, ताकि जमा राशि पर अधिक ब्याज मिल सके और आपका अकाउंट भी एक्टिव रहे।
- हर डिफॉल्ट वर्ष के लिए आपको जुर्माना और छूटी हुई जमा राशि का भुगतान करना होगा।
- अकाउंट एक्टिव न होने पर भी ब्याज मिलता रहता है लेकिन इसका एक्सेस सीमित रहता है।
- अकाउंट दोबारा शुरू करने के बाद, पैसे जमा करना, निकालना या फिर इस पर लोन आदि ले सकते हैं।
पीपीएफ गारंटीड4 रिटर्न देने की वजह से लॉन्ग टर्म निवेश के लिए एक लोकप्रिय इंवेस्टमेंट टूल है। जो इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत कर में छूट (Tax Benefit) जैसे लाभ भी देता है। ऐसे में सालाना न्यूनतम 500 रु. जमा करके आप इस अकाउंट को एक्टिव रख सकते हैं। एक भी जमा में चूक आपके वित्तीय लक्ष्य को प्रभावित कर सकता है। इसलिए समय पर डिपॉज़िट करने की आदत डालें और कैलेंडर अलर्ट जैसे छोटे कदम उठाकर डिपॉज़िट जमा में चूक करने से बचें।